Taruna Sharma

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यादों का झरोखा

दिल के यादों के झरोखे में संभाल कर रखे हैं
ढ़ाल लिया बचपन की यादों को ख़तों में अपनी
जिनको हम बार बार पढ़ लिया करते हैं।
वो गर्मी की छुट्टियों में नाना नानी के गाँव जाना
वहां की हर पगडंडी को याद रूपी ख़तों में पढ़
लिया करते हैं ।
उन दिनों की याद के दिल की पत्र-पेटी रूपी
झरोखे से जब भी निकाल कर पढ़ते है
आंखो में नमी और चेहरे पर मुस्कराहट सी
आ जाती है।
दिल को बड़ा सुकून मिलता था जब गाँव की
जीवन शैली में ख़ुद को ढ़ाल हम सब बच्चे
मौज मस्ती से गाँव की बच्चों वाली दुनिया में
रहा करते थे।
सच में बड़े अनमोल होते हैं ये याद रूपी ख़त
जिनकी स्याही कभी धुँधलाती नहीं गुजरते वक्त
के साथ और गहरी रंगत में ढ़ल कर हमारी यादों
का सुरक्षा कवच बन जाती है। 

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3 Comments

लाज़बाब सृजन

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OMESHWAR PATHAK

14-Apr-2021 09:20 AM

ati sunder

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RICHA SHARMA

11-Apr-2021 07:14 PM

बहुत अच्छा लिखा

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