माँ
तुम बिन हमारे जीवन का सार नहीं माँ
तुम्हारी हर दुआ हमारा नसीब संवारती माँ
जिंदगी की हर तकलीफ ख़ुद सह कर हमें
सुखमय जीवन तुम प्रदान करती माँ
तुम्हारे कदमों पर चलने की सीख ही
हमें तजुर्बेदार बनाती माँ।
कभी न अपनी संतान में भेदभाव करती
तुम वो ममता की मूरत हो माँ।
वो घर घर नहीं जहाँ तुम्हारी मूरत न हो
माँ, करके ताउम्र जीवन के संघर्षों से
सामना हमें बेहतर सुविधाओं को देकर
हमारी परवरिश करती वो तुम हो माँ।
Shilpa modi
05-May-2021 07:45 PM
अद्भुत भावपूर्ण रचना
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संजय भास्कर
14-Apr-2021 11:37 AM
सुंदर सुकोमल भावनाओं की अनुपम अभिव्यक्ति ..
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