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ज़िंदगी एक सफर

          ज़िंदगी का सफर



जयपुर शहर 
 
एक घर दुल्हन की तरह सजा हुआ था घर मेहमानों से घिरा हुआ था घर में चहल- पहल हो रही थी घर की औरतें गीत गा रही थी तो आदमी मेहमानों के साथ बैठे बातें कर रहे थे एक जगह काफी सारी लड़कियों से घिरी एक लड़की बैठी हुई थी हल्दी की रस्म शुरू होने वाली थी सब लोग लड़के वालो के यहाँ से हल्दी आने का वेट कर रहे थे हँसी ठिठोली चल रही थी सब लड़कियाँ दुल्हन को छेड़ रही होती है दुल्हन की छोटी बहन मिनल सबको डाँट रही थी । तभी एक औरत आती है जो कि दुल्हन की माँ  सरिता है दुल्हन के पास आकर उसकी बलैया लेते हुए बोलती है- 
भगवान मेरी बच्ची को हर बुरी नजर से बचाये और अपनी आँखों में आये आँसू पोंछ लेती है। 
दुल्हन ( प्रतिष्ठा)- क्या माँ आप भी ना।
कहते हुए गले लग जाती है  तभी एक बच्ची आती है और बोलती है चाची लड़के वाले आये है चाचा जी बुला रहे है  सरिता वहाँ से चली जाती है । 
थोड़ी देर में एक लड़का वहाँ आता है तो प्रतिष्ठा के पास बैठी प्रतिष्ठा की कजिन मिनल  देख कर उसके पास जाती है। 
मिनल- तुम यहाँ क्या कर रहे हो तुम्हें पता होना चाहिए यहाँ लड़के allow नही है। 
रुद्र- क्या मैं तो अपनी भाभी से मिलने आया हूँ। 
लड़की की भीड़ में से एक बोलती है भाभी से मिलना तो बहाना है किसी और से मिलने आये हो सब हँसने लग जाती है। 
मिनल रुद्र से- जाओ अभी नही मिलना शादी के बाद तो दी वहीं रहेंगी। 
रुद्र- किसकी शादी हमारी या भाई और तुम्हारी दी की? और शरारती हँसी हँस देता है। 
मिनल - तुम बहुत बेशरम हो सच्ची अब जाओ और रुद्र को बाहर धकेलने लगती है। 
रुद्र वापिस आता है और बोलता है भाभी से मिले बिना नहीं जाऊँगा। 
और भाग कर प्रतिष्ठा के पास जाता है। 
रुद्र- भाभी सच में बहुत प्यारी लग रही हो जल्दी से घर आ जाओ बहुत मस्ती करेंगे वैसे भाई को देखोगी? 
प्रतिष्ठा शर्मा जाती है तभी रुद्र उसको फोन निकाल कर दिखाता है जिसमें रुद्र का भाई शौर्य अजीब सा मुँह बना कर बैठा था या ये कह लीजिये हल्दी की रस्म से चिढ़ा बैठा था। 
फोटो देख कर प्रतिष्ठा को हँसी आ जाती है मिनल रुद्र से फोन छीन कर भाग जाती है रुद्र उसके पीछे भाग रहा होता है। 
रुद्र- मिनल फोन दो ये फोटो सिर्फ भाभी के लिए ली है मैंने। 
मिनल- हम भी तो देखे जीजू को  ऐसी कैसी फोटो ली है तुमने जो दीदी की हँसी कंट्रोल नही हो रही। 
रुद्र- शर्म करो जेठ है तुम्हारे। 
मिनल- पहले जीजू है । 
रुद्र उसका हाथ पकड़ लेता है उसको करीब खींच कर बोलता है- अच्छा और मैं कौन हूँ? 
मिनल- जीजू के भाई और दी के देवर और... 
रुद्र- और...? 
मिनल- बुद्धू 
कह कर भाग जाती है । 
रुद्र- अच्छा रुक अभी बताता हूँ मिनल की बच्ची। 
मिनल जीभ चिढ़ा कर भाग जाती है रुद्र मुस्कुरा कर रह जाता है। 


गाजियाबाद

एक घर जिसके आगे कुछ लोग खड़े है सबके चेहरे उतरे हुए है कुछ आपस में बात कर रहे कुछ चुपचाप बैठे हुए थे माहौल से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस घर में किसी की मौत हुई है अंदर औरतों की भीड़ है एक शव रखा हुआ है एक लड़की एक कोने में बैठी है वो लड़की ऐसे बैठी है जैसे उसकी जिस्म से रूह निकल गयी हो एक औरत अंदर आती है। 
और वो एक औरत से गले मिलकर रोती है। 
पहली औरत जो कि उस लड़की की भाभी श्रेया है दूसरी औरत जो लड़की की मौसी है से कहती है- देखो ना मौसी माँ हमें छोड़ कर चली गई। 
मौसी- कुछ दिन पहले दीदी से बात हुई तब तो ठीक थी फिर अचानक क्या हुआ? 
तभी एक आदमी आता है और उन सब औरतों से कहता है - ले जाने का समय हो गया है। 
वो लड़की उस आदमी को देख कर खो जाती है ( वो आदमी उसकी माँ पर गुस्सा कर रहा होता है - तुम बिना मेरी इजाजत के घर से बाहर क्यों गयी? 
उसकी माँ- जी जी  वो...... । ) 
वो लड़की बेहोश हो जाती है और मौसी उसके पास आती है उसका सिर अपनी गोद में रख लेती है।शव को ले जाया जाता है अंतिम संस्कार किया जाता है वो लड़की अभी तक बेहोश है उसका पूरा शरीर बुखार से तप रहा है। उसकी मौसी और भाभी ठण्डे पानी की पट्टी रख रही है सब लोग जा चुके है बस घर के और मौसी का परिवार रह गया था। 

पुरा गाँव ( कानपुर नगर) 


 जेठ महीने की चिलचिलाती धूप और सुनसान  खेतों के बीच बनी सड़क से  एक लड़की जा रही होती है । 
एक कार उसके पीछे जा रही होती है वो लड़की कार को निकलने का रास्ता देती है लेकिन अगले ही पल उस कार से एक हाथ उस लड़की को अंदर खींच लेता है वो लड़की अचानक हुए हमले से सम्भल नही पाती और उसके सामान वही गिर जाते हैं देखते ही देखते वो कार धूल उड़ाते हुए गायब हो जाती है। 
 

 उस लड़की का घर-
एक छोटा सा मामूली घर जिसमें एक उस लड़की की माँ ममता बार बार गेट की तरफ जाती है और फिर वापिस आ जाती है एक छोटा 10 साल का लड़का बीमार है और लेटा हुआ है दो छोटी बहने उसके पास बैठी हुई है। 
उस लड़की के पापा घर आते है उसकी माँ पास आती है और पूछती है नेहा का कुछ पता चला? 
विमल गुस्से में - इसी दिन के लिए मना कर रहा मत करवा छोरी से नौकरी अब देख नतीजा फिर नर्म पड़ जाता है कहीं नही मिली हमारी बच्ची सब जगह देख लिया स्कूल वाले कह रहे आज तो वो आयी ही नहीं। 
ममता- क्या? वो तो स्कूल के लिए ही निकली थी फिर स्कूल क्यों नही पहुँची? आपने उसकी सहेलियों से पूछा? 
विमल- पूछा वो भी यही बोल रही थी। उसका फोन भी बन्द बता रहा है
वो दोनों सिर पकड़ कर बैठ जाते हैं। 

To be continue..... 



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4 Comments

Babita patel

13-Jul-2023 05:42 PM

awesome story

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Niraj Pandey

20-Nov-2021 02:55 PM

बहुत खूब👌

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Aliya khan

20-Nov-2021 11:16 AM

बेहतरीन mam

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