Sapna shah

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किनारा

मैं बादल ,तू आसमां मेरा 
मैं सागर, तू किनारा मेरा 

जिन्दगी की कश्मकश में 
मैं मांझी, तू सहारा मेरा 

भूले भटके राहों में 
मैं नाँव, तू खिवैया मेरा

आधे अधूरे सपनों में 
मैं रात, तू चाँद मेरा 

टूटे बिखरे एहसासों में 
मै सांझ, तू सबेरा मेरा 

भक्ति की राहों में 
मैं सूरज, तू उजाला मेरा 

मैं पंछी, तू हौसला मेरा 
मैं राही ,तू सारथी मेरा 

डगमगाती कश्ती को मिले सहारा 
भव सागर से, 
प्रभू जी अब मिले हमें किनारा....!!!

    
      💫  सपना 💫





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4 Comments

Niraj Pandey

18-Nov-2021 09:44 AM

बहुत ही बेहतरीन

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Sapna shah

18-Nov-2021 10:46 AM

Thank you

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Swati chourasia

16-Nov-2021 11:36 PM

Wahh bohot khub 👌👌

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Sapna shah

17-Nov-2021 10:27 AM

Thank u dear

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