Harpreet Kaur

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परछाई

बेटी तू मेरी परछाई है,
मां अपनी बेटी के खिलखिलाते चेहरे
में अपने बचपन को ढूंढती है।
उसको देखकर ऐसा लगता है कि
वो अपनी बेटी में खुद को ढूंढ रहीं है।
हर मुश्किल में साथ वो देती,
बेटी ही मां की हिम्मत है,
मां के बिना बेटी का कोई अस्तित्व नहीं
मां से ही बेटी की पहचान है,
बेटी भार नहीं बेटी जीवन का आधार है।
तुझे देखती हूं तो लगता है,तू मेरा सपना पूरा करने आई है,
तुझे कामयाब जब देखती हूं,
तुझमें अपनी ही छवि नजर आती है
बेटी तू सचमुच मेरी परछाई है।

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1 Comments

वाह बेटी को बहुत ही सजीवता के साथ चित्रित किया है

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