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ह्म्म्म...तुम्हारी जिंदगी अब नरक करना चाहती हूँ

रख गोद मे सिर तुम्हारे मैं अब चैन से सोना चाहती हूँ
बहुत हंस लिए है अब ये झूठी हँसी
मैं अब तुम्हारे कंधे में सिर रख कर जी भर कर रोना चाहती हूँ

करना चाहती हूँ तुमसे ही तुम्हारी शिकायतें
मैं तुम पर हक से अपना हक जताना चाहती हूँ
तुम सिर्फ मेरे हो मैं हक से सबको बताना चाहती हूँ

रखना चाहती हूँ मैं तुमको हर वक़्त अपने पास
हम्म मैं नही हूँ किसी भी रिश्ते में परफेक्ट
बहुत सी कमियां हैं मुझ में
थोड़ा दिमाग का स्क्रू भी ढीला है मेरा
थोड़ी जिद्दी थोड़ी पागल सी हूँ
पर जैसी भी हूँ तुम ही झेलो मुझे
अब मैं तुम्हारी जिंदगी नरक बनाना चाहती हूँ

भर कर तुमको अपनी बाहों में मैं अब हर वक़्त तुम्हारे साथ मुस्कुराना चाहती हूँ
तुम क्या हो मेरे लिए मैं तुमको अब बताना चाहती हूँ
तुम्हारे सोने के बाद भी देर रा तक जागकर मैं अब तुम्हारा माथा सहलाना चाहती हूँ

सोनिका शुक्ला


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4 Comments

Javed Ali

20-May-2021 10:42 PM

Bhut Bhut Acchi hai

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Shilpa modi

20-May-2021 12:44 PM

Nice

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NEELAM GUPTA

19-May-2021 05:51 PM

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति

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