एक थी राज
तू विधवा है,तेरा मुंह भी देख ले ,तो सारा काम चौपट हो जाए ,दूर हट।
14 साल की राजमणि को दुत्कारते हुए उसकी सास चिंतामणि कहती है ।ये तो राजमणि के लिए उस घर में रोज का नियम था ।
पूजा हो,आस पास शादी विवाह हो ,कोई घर से शुभ कार्य को जा रहा हो,उसे पहले ही कोठरी में बंद कर दिया जाता,सासु मां कहती इसका साया भी न पड़े।
छोटी राजमणि को तो ये भी समझ नहीं थी कि उसके साथ क्या हुआ था ,2 साल पहले वो ब्याह के आई ,पति बाबू बीमार रहते शायद सब बताते थे कि उनको टीबी था ,एक दिन मुंह से खून आया और वो धड़ाम से गिरे, कहते हैं वो वहां चले गए ,जहां मेरी मां मुझे छोड़ बचपन में चली गई,भगवान के पास।
उसके बाद मेरी चूड़ी ,मेरे सुंदर कपड़े ,सिंदूर सब हटा दिया गया।
पर मां जब गई थी तो बाबा को कुछ नहीं करना पड़ा,वो तो और ठाठ से घूमते थे ,और हर आयोजन और शुभ कार्यों में आगे रहते और मां के मरने के बाद हमारे लिए दूसरी मां ले आए।
सारी वर्जनाएं स्त्रियों के लिए ,पुरुष के लिए क्यों नहीं?हमें ही रंगों से दूर कर बेरंग जिंदगी सौगात में दे दी जाती है।
क्यों ?????¿??????
ऐसे ही सवालों से जूझती राज बड़ी हो रही थी।
राज ओ राज क्या कर रही है?
चल गांव में एक दीदी जी आईं हैं,उन्होंने सभी लड़कियो को काम देने को बुलवाया है?
पर रूमा क्या सासू मां जाने नहीं देंगी?
अरे ! मैं बात कर लेती हूं।
काकी मां मैं राजमणि को लेकर एक दीदी से मिलने जा रही हूं।
जल्दी आना _चिंतामणि ने कहा।
शहर से मणिमाला आई थी गांव की गरीब ,विधवा लड़कियों को काम दिलाने को,वो भी 16_18 साल की लड़कियों को।
राजमणि और रूमा जल्दी जल्दी पहुंची । मणि दी , मैं राज को ले आई, रूमा ने कहा।
मणिमाला ने ऊपर से नीचे राजमणि को देखा एक कुटिल मुस्कुराहट चेहरे पर खेल गई।
तब तक एक बस आई,गांव की 10_15 लड़कियों को लेकर मणिमाला उन्हें शहर ले गई।वहां एक ऑफिस था ,कुछ लड़कियां वहां बैठी थीं ।गांव की लड़कियों को वहां का माहौल अजीब लग रहा था।मणिमाला ने राखाल बाबू को बुलाया ,_ राखाल इनका मेकअप कराओ ,और इन्हें पहनने के लिए कपड़े दो।
लड़कियों तुमलोग का फोटो खींचा जाएगा और फिर तुमलोगों को घर छोड़ दिया जायेगा।राखाल तुमलोगों को आज का पैसे दे देगा।
सभी लड़कियां और राजमणि खुश थी ,केवल फोटो खिंचवाने पर पैसे!!!
रूमा ,ये तो बहुत बढ़िया है , मणिमाला दीदी तो बड़ी अच्छी हैं।
थोड़ी देर में उनकी तरह तरह के परिधानों में फोटो खींचा गया और पैसे दिए गए।
राजमणि बहुत खुश थी उसने कहा दीदी अब कब आना है?
मणि ने कहा ,मैं तुमलोग को खुद लेने आऊंगी।
राजमणि वापस आई , सासू घूर घूर के देख रही थी।
की होलो,क्यों ले गई थी रूमा।
ओ मां दीदी एक जगह ले गई वहां सबका फोटो खींचा गया ,और पैसे दिए गए।
उम्र का तकाजा था, सासू मां ने यूं ही बाल धूप में सफेद किए थे।
उन्होंने कहा _देख राज तुमि जानो ना,मुझे ये सही नहीं लग रहा।तुम अब नहीं जाओगी।
सप्ताह बाद रूमा फिर से उसके घर आई और उसने बताया ,सारी लड़कियों में से दीदी ने तुम्हें बुलवाया है।
चल ।।।
न आमी जाबो न,सासू मां ने मना किया है।
अरे चल...! मैं भी तो चल रही हूं।
न ,राज ने साफ मना कर दिया।
रूमा के तमाम प्रयासों के बाद भी राजमणि जाने को तैयार नहीं हुई।
आखिर लौट कर रूमा ने मणिमाला को राजमणि के नहीं आने की बात बताई।
मणिमाला उस दिन तो लौट गई लेकिन दो दिन फिर वापस आई ।इस बार उसने रूमा को एक लिफाफा दिया ,उसे उसने राज को चुपके से देने को कहा।
मणिमाला बहुत शातिर थी उसने कभी अपना पता किसी को नहीं बताया था ,न ही कोई परिवार का बड़ा उनलोगो के साथ गया था।
रूमा ने चुपचाप वो लिफाफा राज को दिया ,राज ने जब लिफाफा खोला तो उसके पैर के तले से जमीन खिसक गई।
उसके गोरे मुखड़े पर पसीने की बूंदें टपकने लगीं।
उसका शरीर डर से पीला पड़ गया ,वह फौरन मणि से मिलने निकल गई ,सास चिल्लाती रह गई।
मणि राज को देख कुटिलता से मुस्कुराई ,
उसने कहा तुम जैसी नकचढ़ी लड़कियों को ठीक करना मुझे आता है।
बैठो मेरे साथ।
राजमणि उसके साथ गाड़ी में बैठ गई।
कहते हैं आज वो कोलकाता की मशहूर तवायफ है।
मणिमाला का काम समाज से परित्यक्त , बेसहारा, बाल विधवा लड़कियों को लालच दिखा देह व्यापार के दलदल में झोंकना था।
क्योंकि उसका पता बदलता रहता ,वो सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर गांव में आती ,लड़कियों को काम दिलाने के बहाने शहर ले जाकर उनकी तस्वीर तरह तरह से खिंचवाती और कपड़े बदलने के क्रम में उनकी तस्वीर खींच ली जाती ।और कपड़ों वाली तस्वीरें शहर के मशहूर अमीर लोगों को भेजी जाती ,वो अमीर ज्यादातर प्रौढ़,विधुर होते , जो इन लड़कियों की सेवा लेते।
जो लड़कियां आने में आनाकानी करती तो उन्हें उनकी नग्न तस्वीरें दिखाई जाती जिससे वे समाज ,परिवार के सामने बदनामी के डर से उनके साथ आने को मजबूर हो जाती थीं।
Sunanda Aswal
23-Nov-2021 07:05 AM
समाज के दूसरे पहलू को दिखाती कहानी 🙏🌺
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Seema Priyadarshini sahay
23-Nov-2021 01:38 AM
सुंदर कहानी
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Punam verma
22-Nov-2021 10:57 PM
👌👌
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