माँ
माँ की ममता है अनमोल !
इसका न है कोंई मोल !!
प्यार को तेरे जान न पाया !
खोकर तुझको फिर पछताया !!
सांसो की देकर डोर !
लिया न हमसे कोई मोल !!
माँ की ममता है अनमोल !
इसका न है कोंई मोल !!
बिस्तर तेरा गिला घाला !
नींदो का भी न दिया हवाला !!
मुँह का देकर अपने निवाला !
माँ ने हमको ऐसे पाला !!
माँ की ममता है अनमोल !
इसका न है कोंई मोल !!
हम थे मोती माँ थी धागा !
एक सूत्र में हमको बांधा !!
लड़ते झगड़ते फिर से मिलते !
रिस्तो की माँ पक्की डोर !!
माँ की ममता है अनमोल !
इसका न है कोंई मोल !!
चाहे ले लो स्वर्ग का वैभव !
चाहे ले लो जग का राज !!
माँ हैं बिल्कुल बैकुण्ठ जैसी !
नहीं मिलेगी ऐसी गोद !!
माँ की ममता है अनमोल !
इसका न है कोंई मोल !!
उंगली पकड़कर चलना सिखाया !
सर पर रही तेरे आँचल की छांया !!
उंगली तेरी छोड़ न पाया !
तू ही सिरा है, तू ही छोर !!
माँ की ममता है अनमोल !
इसका न है कोंई मोल !!
प्यार में सबके स्वार्थ का मिश्रण !
कैसे करू मैं उसका चित्रण !!
अपना-अपना सबका मोल !
हर चेहरे पर नया है खोल !!
माँ की ममता है अनमोल !
इसका न है कोंई मोल !!
जितने चाहे प्याऊ लगाओ !
भंडारे तुम करते जाओ !!
जितने चाहे तीर्थ कर लो !
माँ में है तीनो लोक !!
माँ की ममता है अनमोल !
इसका न है कोंई मोल !!
विपिन बंसल
madhura
31-May-2023 04:24 PM
very nice
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Swati chourasia
29-Nov-2021 06:27 PM
Very beautiful and heart touching 👌👌❤️❤️
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