इन्तजार था
मुद्दतों से जिसके लिए ये दिल बेक़रार था,
लौट कर तो नहीं आया, मगर इन्तजार था |
बनकर हमसफ़र वो बिच राह मुझे छोड़ गया था,
मैं फंसा रह गया भंवर में , वो दरिया के पार था|
जो मंजिल मिली तुम्हे तो तुम दूर चले गए हमसे,
इतना तो बता जाओ ये तुम्हारा कैसा प्यार था|
बस अब तक मुझे ये बात समझ ना आई सही से,
आखिर क्यूँ ये दिल उस बेवफा के लिए बेक़रार था |
Shashank मणि Yadava 'सनम'
23-Aug-2022 06:36 AM
वाह लाजवाब लाजवाब लाजवाब
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Javed Ali
11-May-2021 04:27 PM
Bhut acche Roshan bhai
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Roshan sharma
12-May-2021 06:29 PM
thnx
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