Roshan sharma

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इन्तजार था

मुद्दतों से जिसके लिए ये दिल बेक़रार था,
लौट कर तो नहीं आया, मगर इन्तजार था |

बनकर हमसफ़र वो बिच राह मुझे छोड़ गया था,
मैं फंसा रह गया भंवर में , वो दरिया के पार था|

जो मंजिल मिली तुम्हे तो तुम दूर चले गए हमसे,
इतना तो बता जाओ ये तुम्हारा कैसा प्यार था|

बस अब तक मुझे ये बात समझ ना आई सही से,
आखिर क्यूँ ये दिल उस बेवफा के लिए बेक़रार था |


----रोशन शर्मा-------

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3 Comments

वाह लाजवाब लाजवाब लाजवाब

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Javed Ali

11-May-2021 04:27 PM

Bhut acche Roshan bhai

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Roshan sharma

12-May-2021 06:29 PM

thnx

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