AMAN AJ

Add To collaction

आई नोट , भाग 40

    

    अध्याय 7 
    डिसाइड तुम्हें करना है 
    भाग 4
    
    ★★★
    
    अगले दिन शाम को मानवी और शख्स दोनों ही तैयार हो रहे थे। मानवी अपने में ही गुम तेयार हो रही थी जबकि शख्स शीशे के सामने। मानवी ने एक लाल रंग की बैकलेस ड्रेस पहनी थी। वही शख्स ने काले रंग का कोट पेंट।
    
    पूरी तरह से तैयार हो जाने के बाद शख्स ने मानवी को कहा “सुनो, मैं नीचे गाड़ी निकाल कर तैयार रखता हूं। तुम आ जाना।”
    
    शख्स यह बोला तो मानवी ने उसी वक्त जवाब दिया “नहीं रहने दो, गाड़ी निकालने की कोई जरूरत नहीं है, मेरे ऑफिस की लग्जरी कार पहले ही बाहर खड़ी होगी।”
    
    शख्स ने यह सुना तो उसने अपने हाथ फैला कर खुद को बाहर जाने से रोक दिया। वो वहीं मानवी का इंतजार करने लगा।
    
    मानवी तैयार हुई और फिर मुस्कुरा कर अपने पति के साथ बाहर की तरफ चल दी। दोनों ही एक दूसरे के हाथों में हाथ डालकर सिढियों से नीचे उतरे थे। बाहर आते ही उन्हें ड्राइवर दिखा जो बिल्डिंग के ठीक सामने अपनी कार के पास खड़ा था। उसने तुरंत कार का दरवाजा खोला और दोनों को रिस्पेक्ट से बैठने के लिए कहा। उनके बैठने के बाद कार उस लोकेशन की तरफ चल दी जहां पार्टी थी।
    
    तकरीबन 30 मिनट के सफर के बाद कार पार्टी वाली लोकेशन पर पहुंच गई। दोनों ही कार से उतरे और पार्टी लोकेशन को देखा। यह एक रिसॉर्ट था जो पार्टी फंक्शन होने की वजह से लाइटों से चमक रहा था। बड़े रिसॉर्ट में ढेर सारे मेहमान आए हुए थे। हर कोई अपनी अपनी आलीशान गाड़ियों और अपने अमीर रुतबे को कैरी करते हुए पार्टी में आया था। वह लोग जो आशीष के दफ्तर में काम करते थे उन्होंने भी अच्छे कपड़े पहन रखे थे। शख्स ने भी अपनी तरफ से अच्छे कपड़े पहन रखे थे मगर उसका कोट पेंट थोड़ा पूराना और लो दर्जे का लग रहा था। 
   
    मानवी ने शख्स की बाजू पकड़ी और दोनों सामने रिजॉर्ट के अंदर की तरफ चल दिए। शख्स इस दौरान आसपास मौजूद लोगों को बड़े ही गौर से देख रहा था। वह हर एक चेहरे का मुआयना कर रहा था। उन्हें पढ़ रहा था। मन ही मन वह कौन है क्या कर सकते हैं इन सब के बारे में डिस्कस कर रहा था। ( कहानी मानवी के नजरिए से चल रही है, इसलिए माइंड टोक नहीं है)
    
    जमीन पर बिछे लाल रंग के कार्पेट पर वो दोनों अभी आधी दूर ही चले थे कि अचानक पीछे मीडिया रिपोर्टरों का तेज शोर होने लगा। दोनों ने हीं पीछे पलट कर देखा तो पता चला आशीष दूसरी लग्जरी कार में अपनी एंट्री ले चुका था।
    
    जैसे ही वह कार से नीचे उतरा ढेर सारे रिपोर्टर उसकी फोटो खींचने लगे। फोटो खींचने वाली भीड़ भी ऐसे उसकी तरफ अट्रैक्ट हो रही थी जैसे उसे हेड लाइन बनाए बिना उनकी न्यूज़ इंडस्ट्री की कोई कदर नहीं।
    
    आशीष ने सभी रिपोर्टरों को नजरअंदाज किया और बिना किसी तरह का पोज दिए सीधे लाल रंग के कार्पेट पर सामने की ओर चल पड़ा। न्यूज़ रिपोर्टर ने भी आगे बढ़ने की कोशिश की मगर आज के दिन डिप्लाए किए गए आशीष के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसरों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक लिया।
    
    आशीष अपनी रहशी वाली चाल चलते हुए ठीक शख्स और मानवी के तरफ ही आ रहा था। शख्स ने उसे अपनी ओर आते देखा तो उसने मानवी के हाथ को हटाया और अपने दोनों ही हाथ अपनी पैंट की जेब में ले लिए। वहीं आशीष के हाथ पहले से ही पैंट की जेब में थे।
    
    दोनों ही एक दूसरे के आमने सामने आकर खड़े हो गए, मगर किसी ने भी एक दूसरे से कुछ नहीं कहा। मानवी कभी आशीष के चेहरे की तरफ देख रही थी कभी शख्स के चेहरे की तरफ। दोनों के चेहरे पर ही ठंडी मुस्कान थी।
    
    आशीष ने अपनी तरफ से पहल की और हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा “हेलो, आई एम मिस्टर आशीष, आशीष एंड कंपनी का ऑनर।”
    
    “मैं जानता हूं।” शख्स ने जवाब दिया और अपना हाथ आगे बढ़ा दिया “अखबारों और मीडिया चैनल में आपके चर्चे ही इतने होते हैं कि आपके बारे में कुछ भी जानने के लिए खास मशक्कत नहीं करनी पड़ती।”
    
    आशीष ने अपने चेहरे पर एटीट्यूड से भरी दिलचस्प मुस्कान दिखाई और कहा “वो बस मेरी जिंदगी का एक परसेंट है”
    
    “वो एक परसेंट भी काफी कुछ कहता है।” उसके कहते ही शख्स ने कहा और अपने हाथ को वापस पेंट की जेब में डाल लिया।
    
    “हो सकता है” आशीष बोला। इसके बाद उसने मानवी की तरफ देखा, फिर एक स्माइल दी और आधे हग वाले अंदाज में फौरन वेलकम किया। यह देखते ही शख्स अपनी जीभ को अपने मुंह में घुमाने लगा। 
  
     आशीष ने दोनों से कहा “चलो आईए, आज की इस रात का मजा लेते हैं।”
    
    आशीष इतना कहने के बाद आगे की तरफ चल पड़ा, जबकि पीछे मानवी ने दोबारा शख्स की बाजू पकड़ी और अपनी तरफ से उसे आगे की और ले जाने लगी।
    
    पार्टी की शुरुआत में ओपनिंग सॉन्ग और कई तरह के शो हुए। काफी सारे डांस भी देखने को मिले जहां फॉरेन कंट्री की लड़कियों ने डांस किया। इसके बाद पार्टी में बीयर और दूसरी चीजें शुरू कर दी गई। मानवी और उसके पति ने पहले तो सब डांस शो और दूसरी चीजें कुर्सी पर बैठ कर देखी, जहां मानवी सिर्फ खुश ही खुश हो रही थी जबकि उसका पति सिर्फ और सिर्फ बोर। इसके बाद दोनों काउंटर पर आकर बीयर पीने लगे।
    
    शख्स और मानवी बियर पी रहे थे तभी वहां आशीष आ गया। उसके साथ एक फॉरेन कंट्री की लड़की थी। आशीष ने आते ही उन दोनों से पूछा “कैसा लगा आज का प्रोग्राम, कहीं किसी तरह की कमी तो नहीं थी।”
    
    मानवी ने एक्साइट होते हुए जवाब दिया “नहीं बिल्कुल भी नहीं, यह तो बहुत ज्यादा मस्त था, और मुझे तो काफी ज्यादा अच्छा लगा, सबसे ज्यादा।”
    
    आशीष उसके पति की तरफ देखने लगा। शख्स ने अपनी आंखें ऊपर की तरफ की ओर नॉरमल से अंदाज में कहा “हां, इतना भी बुरा नहीं था।”
    
    आशीष मुस्कुराया और अपनी बियर का एक गुट भरते हुए बोला “एक बिजनेसमैन की लाइफ में बस यही सब होता है। कंपनी खरीद लो तो पार्टी, उसे चला लो तो ऐश, और कामयाब हो जाओ तो एक कभी ना भुलाए जाने वाली पहचान”
    
    शख्स ने लंबी मुस्कुराहट दिखाई और अपने बियर का गुट भरते हुए कहा “अक्सर बड़ी सफलताएं बड़े खतरे लाती है”
    
   आशीष पलटवार करता हुआ बोला “बड़े खतरे उठाकर ही कुछ बड़ा हासिल किया जा सकता है।”
    
    शख्स खामोश रह गया। उसे आशीष की इस बात का जवाब नहीं मिला। शख्स ने अपनी नजरें फेरी और दूसरी तरफ देखने लगा। वहीं आशीष ने मानवी की तरफ देखा और कहा “दुनिया की खास चीजें उसे ही मिलनी चाहिए जिसकी वो हकदार है।”
    
    इतना कहकर उसने शख्स से पूछा “वैसे आप क्या करते हैं?”
    
    “मैं...!” शख्स ने हैरानी वाला एक्सप्रेशन दिया।
    
    “हां आप!!” आशीष ने अपनी आंखें बड़ी की।
    
    शख्स ने सोचा और सोचते हुए जवाब दिया। “एक लेखक हुं.... और कहानियां लिखता हूं।”

    “कहानियां...” आशीष ने बेचारे वाले भाव दिखाएं “बुरा काम नहीं है। कहानियां लिखकर इतना तो कमाया ही जा सकता है कि एक महीने का खर्चा पानी चल जाए। वैसे आपकी कौन सी किताब छपी है अभी तक?”
    
    शख्स ने दोबारा अपनी जीभ को अपने मुंह में घुमाया “छपी नहीं है पर छपने वाली है। डार्क क्राइम, एक क्राइम नोवेल है। अभी उसमे काफी सारी कमियां है, पब्लिशर के रिव्यु के बाद री-राइटिंग होगी और फिर वह लोगों के सामने आ जाएगी।”
    
    “मतलब आपकी अभी तक कोई किताब भी मार्केट में नहीं आई, आखिर जिंदगी जी कैसे रहे हैं आप” आशीष इतना कहकर हंसने लगा
    
    “एक्सक्यूज मी...” शख्स ने अपने चेहरे पर हल्की सी गंभीरता दिखाई।
    
    आशीष ने तुरंत अपनी बात बदली “मेरा कहने का मतलब एक लेखकों की कमाई का सोर्स है सिर्फ और सिर्फ उसकी किताबें होती है, और आपकी कोई किताब अभी तक मार्केट में आई नहीं, तो घर का बजट कैसे मैनेज करते है आप।”
    
    शख्स ने जवाब देते हुए कहा “लेखक सिर्फ कहानियां लिखने का काम नहीं करता, लेखक और भी ढेर सारे काम करता है, जैसे कि आर्टिकल लिखना, मैगजीन के लिए शार्ट स्टोरी लिखना, मैं वो सब काम भी करता हूं जिसमें अच्छी कमाई हो जाती है।” 
    
    “अच्छी से मतलब कितनी..... 1 लाख, 2 लाख” आशीष ऐसे व्यवहार कर रहा था जैसे उसे इस बारे में नहीं पता था। वो नहीं जानता था कोई लिखकर कितना कमा सकता है। वह अंदाजे वाले हाव भाव अपने चेहरे पर भी दिखा रहा था
    
    “25 हजार...” शख्स ने एक ही बार में कहा और आशीष को आगे का अंदाजा लगाने से रोक दिया।
    
    “क्या सिर्फ 25 हजार....” आशीष ने पूरी तरह से हैरानी दिखाई “तुम सिर्फ तुम 25 हजार के लिए दिनभर एक ऑफिस में कंप्यूटर के आगे बैठे रहते हो। अरे हमारे यहां चपरासी की सैलरी भी 30 हजार है। जब लिखने से कुछ मिलता ही नहीं तो तुम क्यों करते हो यह लिखने का काम”
    
    “लिखना फैशन होता है ना कि प्रोफेशन, भले ही इसमें ज्यादा इनकम ना हो मगर जो खुशी मिलती है उसे और कहीं से भी हासिल नहीं किया जा सकता।” 
    
    “लिखने से खुशी...” आशीष फिर हंसने लगा “कमाल है यार आखिर किसी को लिखने से क्या खुशी मिल सकती है। मतलब हां ठीक है, आप महंगा खाना खाते हो, महंगी पार्टियों में जाते हो, महंगे महंगे शौक रखते हो, इसमें खुशियां मिलती है यह माना जा सकता है, मगर किसी को लिखने से भी खुशी मिलेगी... इससे बुरा तो कोई मजाक भी नहीं होगा।”
    
    “आप नहीं...” शख्स उसे कहने ही वाला था कि आशीष ने अपनी दिशा बदली और स्टेज की तरफ जाने लगा। स्टेज की तरफ जाते वक्त वो ऐसा व्यवहार कर रहा था जैसे वह हल्के। नशे में हैं।
    
    वह स्टेज पर गया और अनाउंसमेंट करते हुए बोला “हेलो हेलो, क्या सब मुझे सुन रहे हैं,” वो यह भी दिखा रहा था कि वह जो भी कह रहा है वह हल्के नशे वाली हालत में कह रहा है “मैं अपनी नई कंपनी के बारे में तो बाद में बात करूंगा.... पहले आज के सबसे शानदार जोक के बारे में बात करता हूं...” वह शख्स की तरफ देखने लगा “आज के सबसे बेकार शानदार जोक के बारे में....” आशीष ने यह कहा तो पार्टी में मौजूद लोगों में हलचल हुई और सब हल्की हंसी हंसने लगे। वहीं शख्स ने अपने हाथों की मुठियां बंध कर ली। आशीष शख्स की तरफ अपने पूरे हाथ का इशारा करते हुए बोला “इन भाई साहब का कहना है की इन्हें लिखने से खुशी मिलती है.... हाहा... मतलब... मतलब हम अमीर लोगों को अपने कामों से खुशी नहीं मिलती.... मगर इन्हें सिर्फ लिखने से खुशी मिलती है जिनसे बस यह सारा दिन कंप्यूटर के आगे खटपट करने के बाद बस 25 हजार कमा सकते है।” 
    
    सब यह सुनकर शख्स की तरफ देखने लगे और हंसने लगे।भरी महफिल में हर कोई उस पर हंस रहा था।‌ पार्टी में आए अमीर बिजनेसमैन, उनकी पत्नियां, आशीष का स्टॉफ, कोई भी ऐसा नहीं था जो शख्स पर ना हंस रहा हो।
    
    ★★★
    
    
    
    
    
    
     
    
    
    
    
    
    
    
    
    

   1
0 Comments