Piracy
एक लेखक जब कोई कहानी/लेख/कविता लिखता है तो इसमें उसकी मेहनत, खोज और काफी भागदौड़ खर्च होती है। एक छोटी सी कविता लिखने में ही जब दो तीन घंटे लग जाते हैं। फिर कहानी लिखने में तो महीनों लग जाते हैं। लिखने के बाद प्रकाशक तलाशना, पब्लिशर को खोजना, इन कामों में काफी समय खर्च हो जाता है। किताब पब्लिश होने के बाद उस पर जनता की जो प्रतिक्रियाएं मिलती हैं। वो ही एक लेखक के लिए असली सम्मान होता है। कुछ लेखकों की जीविका का मुख्य स्रोत उनकी किताबें ही होती हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से कुछ लोगों ने उनकी किताबों को डिजिटल प्लेटफार्म पर मुफ्त में बांटना शुरू कर दिया है। जिसे पीडीएफ फाइल और अन्य फाइल्स के रूप में वितरित किया जा रहा है।
अब तो कुछ लोगों की इतनी हिम्मत बढ़ चुकी है कि कोई लेखक जब डिजिटल प्लेटफार्म पर अपनी किताब अपलोड करता है तो वो लोग वहां से उसे चोरी छुपे डाउनलोड कर लेते हैं और फ़ाइल रुप में लोगों में बांटने लग जाते हैं। उन लोगों को तो कोई फर्क नहीं पड़ता किंतु जब उक्त लेखक अपनी किताब पब्लिश करवाता है तो उसकी उम्मीद अनुसार बिक्री नहीं हो पाती क्योंकि जो किताब लेखक के द्वारा आज पब्लिश की गई है। उसकी फाइल लोगों के बीच में पहले ही पहुंच चुकी होती है। जब लोगों को उक्त किताबमुफ्त में ही पढ़ने को मिल रही हो तो वो पैसे खर्च करने की जहमत क्यूं उठाएंगे।
Piracy
ऐसे मामलों से आहत हो कर लेखक की किताब लिखने की इच्छा खत्म होने लगती है। एक ऐसा लेखक जिसकी जीविका का एक मात्र साधन ही उसकी किताबें हैं। वो निराश हो कर लिखना बंद ही कर देता है। पर यह वक्त निराश हो कर अपने कदम पीछे खींचने का नहीं, बल्कि इस फ़ाइल कल्चर को खत्म करने में योगदान देने का है। यह हम पहल लेखकों को ही करनी पड़ेगी। कि हम इस फ़ाइल कल्चर के खिलाफ डटकर खड़े हो जाएं। और मुफ्तखोरी के इस मायाजाल का अंत कर दें।
Piracy
Author laxmi Singh
26-Mar-2022 11:27 PM
🙌
Reply
Miss Lipsa
01-Sep-2021 10:20 AM
Are wah
Reply
Archana Tiwary
23-Jan-2021 07:52 PM
सही कहा अपने एक लेखक टूट जाता है
Reply