Madhu Arora

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -06-Dec-2021 आराम हो जाता

आराम  हो जाता
गज़ल

उनसे अगर राम-राम हो जाता 
मेरे दिल को आराम हो जाता 

तेरे साथ मेरे चलते हो कुछ कदम,
दिल में खुशी का पैगाम हो जाता ।

ढूंढती हूं मैं तो तुझको यहां वहां,
एक मैसेज से तेरे दिल थाम हो जाता ।

छलकती प्यार में आंखे मेरी तो सदा,
जाम प्यार का पिला दे एहतराम हो जाता ।

जिंदगी चार दिन की ना गुमान कर,
दो घड़ी मिलकर आराम हो जाता ।

छुपाए फिरते हैं प्यार हम तो तेरा,
कभी इजहार करे आराम हो जाता ‌।
 
तेरी बातें लगी मुझे मरहम की तरह
हाल-चाल पूछ ले तो अंजाम हो जाता।
                 रचनाकार ✍️
                 मधु अरोरा
                 4.12.२०२१
प्रतियोगिता के लिए

   8
5 Comments

रतन कुमार

10-Dec-2021 02:37 AM

Bahut badiya

Reply

Ravi Goyal

06-Dec-2021 11:50 PM

बहुत सुंदर रचना 👌👌

Reply

Shrishti pandey

06-Dec-2021 11:28 PM

Very nice

Reply