Jahnavi Sharma

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छपाक

छपाक......


रोशनी बाजार में अपना बैग लिए खड़ी थी कि अचानक उसके चेहरे पर उसे कुछ महसूस हुआ... रोशनी को इतना दर्द महसूस हुआ कि वह कराह उठी। और उसके कहराने की आवाज सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। रोशनी दर्द से चिल्लाए जा रही थी, पर कोई भी आगे नहीं आना चाहता था।


"अरे लगता है एसिड था" एक आदमी ने थोड़ा करीब जाकर देखा।


उसी समय दूसरा आदमी बोला,"अरे एंबुलेंस को बुलाओ लड़की बहुत दर्द में है।"


भीड़ मे से एक बुजुर्ग औरत ने कहा, "पुलिस केस होगा... हमें इन सब चीजों में नहीं पड़ना।"


उसी समय एक लड़की अपने भाई के साथ कॉलेज जा रही थी। रास्ते मे भीड़ देखी, तो वही रुक गए। लोगो की फुसफुसाहट से उन्हें इतना तो समझ आ ही गया, कि स्थिति कुछ सीरियस है।


भीड़ को चीरती हुई वो लड़की रोशनी की तरफ बढ़ी।


"अरे आप लोगों को शर्म नहीं आती। एक लड़की दर्द से चिल्ला रही है। आपको अभी भी पुलिस और लफड़ो की चिंता है। मनन..! जल्दी आ। इन्हे हॉस्पिटल ले कर चलते है।" उस लड़की ने अपने भाई मनन को आवाज दी।


"मिताली...! तू इन्हे सम्भाल। मै स्कुटि स्टार्ट करता है। आगे 5-7 मिनिट की दूरी पर हॉस्पिटल पर है।"


मिताली ने कुछ लोगो की मदद से जल्दी से रोशनी को अपनी स्कूटी पर बिठाया और मनन के साथ उसे हॉस्पिटल लेकर गई। रास्ते मे उस ने अपने अंकल को फोन किया जो कि डॉक्टर थे। उसके अंकल ने पहले ही हॉस्पिटल में रोशनी के ट्रीटमेंट के सारी तैयारी कर रखी थी और पुलिस को भी बुला लिया था।


रोशनी को हॉस्पिटल लाया गया और उसका ट्रीटमेंट उसी समय शुरू हो गया। रोशनी दर्द से चिल्ला रही थी और उसे हर पल यही दर्द सताए जा रहा था ....." आखिर मै ही क्यों ???? क्या गलती थी मेरी...!"


बाहर पुलिस मनन और मिताली से पूछताछ कर रही थी। "आपने देखा कौन था?  जिसने उनके ऊपर एसिड  डाला" एक हवलदार ने संदेह भरी निगाह से मनन को देखा। "तुम उस लड़की को पहले को जानते थे क्या, जो मदद के लिए आगे आए?"


"आपको क्या लगता है.. मनन ने उस पर एसिड डाला है। हम तो उसे यहां पर बचाने के लिए लेकर आए हैं। जहां लोग पुलिस और झंझट में पड़ने के डर से वहां से जा रहे थे। वही हम लोग इतनी हिम्मत करके लड़की को यहां तक लेकर आए हैं और आप हम पर ही संदेह कर रहे हैं"  मिताली उसकी सवालिया नजरो का मतलब समझ चुकी थी।


रोशनी के साथ जो भी हुआ, उस से वो पहले ही बहुत गुस्से मे थी। उपर से हवलदार के सवालों ने उसके गुस्से मे आग मे घी का काम किया।


मिताली के चिल्लाने से हवलदार थोड़ा सहम गया। तभी उधर से एक पुलिस वाला आया और बोला, "हम मौका ए वारदात की छानबीन कर रहे हैं। ऐसे केसेस में मोस्टली वही लड़के होते हैं जिन्होंने पहले अपने प्यार का इजहार किया होता है। फिर इंकार को सहन नहीं कर पाते हैं।


काफी घंटे के ट्रीटमेंट के बाद डॉक्टर बाहर आकर मिताली और मनन से बात की, " विक्टिम का लगभग 60% चेहरा जल चुका है। सर्जरी हो जाएगी .... लेकिन फिर से वही चेहरा लड़की को वापस नहीं मिल सकता। दुख की बात यह है कि इनकी एक आंख की रोशनी भी जा चुकी है। आप इनके घर वालों को इन्फॉर्म कर दीजिए। वह आ जाएंगे तो आगे के इलाज के लिए इन्हें दिल्ली शिफ्ट करेंगे।"


मिताली ने रोते हुए मनन से पूछा,"आखिर क्यों किसी के साथ ऐसा करेगा? नफरत है मुझे ऐसे झूठे प्यार से....!"

मनन मिताली को संभालने लगा कि उतने में रोशनी के घर वाले भी आ गए। उसके मम्मी और पापा चिल्लाते हुए हॉस्पिटल में आए।


"रोशनी... रोशनी.... मेरी बच्ची ... क्या हुआ तुझे? रोशनी की मां ने रोते हुए रोशनी के रूम के बाहर खड़े होकर चिल्लाने लगी।


तभी डॉक्टर ने आकर उन्हें सारी परिस्थिति समझाई।


" पर रोशनी को कभी किसी भी लड़के ने अपने प्यार का इजहार नहीं किया... जिसे रोशनी मना करती और वह उसके ऊपर ऐसिड डालता। अरे मेरी रोशनी तो पढाई के अलावा कुछ नही सोचती।" रोशनी के पिता ने रोते हुए कहा।


इस्पेक्टर से कहा, "हम लोग छानबीन कर रहे हैं। सीसीटीवी कैमरे में एक लड़के का चेहरा दिखाई दिया है। क्या आप इसे जानते हैं? "इस्पेक्टर ने रोशनी के पिता को अपने मोबाइल से उस लड़के की तस्वीर दिखाई।


रोशनी के पिता उस लड़के की तस्वीर देख कर हैरान हो गए क्योंकि वह लड़का कोई और नहीं उनके पड़ोस में रहने वाला मोहित ही था।


" पर मोहित ऐसा क्यों करेगा? उसके घरवालों के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध है। "रोशनी की मां ने रोते हुए कहा।


मोहित को पुलिस स्टेशन लाया गया। मोहित के मम्मी पापा को अभी भी विश्वास नहीं हो रहा था कि मोहित ऐसा कुछ भी कर सकता है।


"तुम रोशनी से प्यार करते थे, जो तुमने उसके साथ ऐसा किया? " इस्पेक्टर ने गुस्से से मोहित से पूछा।


मोहित उनके इस बर्ताव से डर गया।


मोहित ने डरते हुए कहा " मैं... मै उसे प्यार नहीं करता था। मै तो नफरत करता था उस से। क्योंकि मेरे मम्मी पापा हमेशा रोशनी की तारीफ करते रहते थे। वह पढ़ाई में क्या हर चीज में मुझसे आगे थी। हमेशा मुझे रोशनी के साथ कंपेयर किया जाता.....और 2 दिन पहले जब रोशनी ने जब यूपीएससी एग्जाम क्लियर किया, तो मेरे घर वालों ने मुझे और भी नीचा दिखाना शुरू कर दिया। अरे परेशान हो गया हूं मैं उसकी इंटेलिजेंस से। जरूरी नहीं सब एक जैसे ही हो। मैंने... मैंने सोचा कि उसकी शक्ल बिगड़ जाएगी, तो सब उस से नफरत करने लगेंगे।"


" सब एक जैसे हो जरूरी नहीं, पर किसी से जलना भी तो सही नहीं है। और इसी जलन की वजह से तुमने रोशनी की जिंदगी बर्बाद कर दी"  इस्पेक्टर ने मोहित को थप्पड़ लगाते हुए कहा।


उधर काफी सारी सर्जरी से गुजरने के बाद लगभग 6 महीने बाद रोशनी थोड़ा रिकवर कर रही थी। पर डॉक्टर और रोशनी के घर वाले उसे अभी भी उसका चेहरा आईने में दिखाने से डरते थे।


मिताली और मनन की रोशनी से अच्छी दोस्ती हो गई थी। और वह उससे मिलने अक्सर आते रहते थे।


एक दिन रोशनी ने हिचकिचाते हुए मिताली से कहा कि "मुझे अपना चेहरा क्यों नहीं देखने देते यह लोग....मैं बच्ची नहीं हूं। मुझे पता है मेरा चेहरा खराब हो गया। लेकिन मैं अपनी नजर में अभी भी खूबसूरत हूं। भले ही मेरी एक आंख की रोशनी चली गई हो, लेकिन अभी भी मेरे सपने जिंदा है। कोई एसिड के चंद छींटों से मेरे चेहरे की पहचान तो छीन सकता है। लेकिन मैं अपनी नई पहचान बनाने की काबिलियत रखती हूं।"


रोशनी के इस जज्बे को देखकर मिताली मुस्कुराई और अपने बैग में से एक छोटा सा आईना निकाल कर रोशनी को उसका चेहरा दिखाया।


रोशनी ने अपना चेहरा देखा तो वह मुस्कुराते हुए बोली, "इस हादसे ने मेरी खूबसूरती को एक नई पहचान दी है। और मेरा यही जज्बा बनेगा मेरे नये सफर मे मेरी पहचान बनेगा।

समाप्त..!


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#लेखनी_सफर

#लेखनी_कहानियों_का_सफर



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7 Comments

Milind salve

09-Dec-2021 03:39 PM

Good

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बहुत ही शानदार कहानी लिखी है तुमने Javiiiiii 💜 भावनाओ को संजोए हुए समाज की संकीर्ण मानसिकता को चीरती हुई बेहतरीन और दमदार कहानी❤️❤️

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रतन कुमार

09-Dec-2021 12:44 PM

Achi kahani h chapak

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