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मन

मेरा मन शुभ और कल्याणकारी विचारो से युक्त हो ।

आशाओ से भरे रहे हम ,और मन मे हारे हुये 
विचारो को न आने दे ।

हमारे साथ यदि कोई धोखा करे तो ,किनारा कर ,अपना जीवन महकाये ।

कौन क्या कह रहा ,कौन क्या सोचता है ,मेरे साथ क्या किया ।

ऐसी उम्मीदो को छोडकर ,अपने ऊपर स्वयं भरोसा रख आगे बढे ।

मेरा मन शुभ और कल्याणकारी विचारो से युक्त हो ।

हम क्यो किसी से आशा करे कि वह मेरे लिये करे ,स्वयं ताकतवर बने ।

मन की चंचल प्रवृत्तियों को अपने वश मे करे 
उनके गुलाम न बने ।

मन चलायमान है ,उसको सही दिशा मे चलाये ,शुभ कार्यो मे ।

इन्द्रियों के वशीभूत होकर मन को न दौडाते रहे ,जो दुख दे ।

मेरा मन शुभ और कल्याणकारी विचारो से युक्त हो ।

क्यो उम्मीद करे ,हम सबके लिये करते है हमारे लिये कोई नही ।

छोडो इस भ्रम को और स्वयं के सहयोगी खुद बने हम ।

मन को नियंत्रण मे रखे जो क्षण क्षण भटकता है बिना बात के ।

जब दूसरो से आशाओं के अनुकूल व्यवहार नही मिलता है 

फिर कहते हमने इतना किया इसके साथ ,इसने ऐसा किया ।

किसी से कोई अपेक्षाएं न लगाये ,तो कभी मन हारेगा ही नही ।

मन के वश मे न रहे हम ,अपने मन को ,वश मे रखे ,उसके मालिक खुद बने ।

मेरा मन शुभ और,,कल्याणकारी विचारो से
युक्त हो ।

क्योकि मन के हारे हार है ,मन के जीते जीत है ।

✍️ मीनाक्षी शर्मा

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7 Comments

kashish

07-Feb-2023 08:44 PM

beautiful

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Babita patel

04-Feb-2023 05:14 PM

osm poem

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Zakirhusain Abbas Chougule

20-Feb-2022 11:00 PM

Wah wah bahut khoob

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