उल्फतें
,यूँ तो उल्फ़ते और भी है ज़माने में,
हमको तो मजा आता है बस तुमको मानाने में,
मेरी साँसों में अपनी साँसे अब मिल जाने दो ll
दो तन एक जान हो जाने दो ll
अर्श से भी ऊपर अपनी मुहब्बत का एक नया मुकाम होगा ll
तेरी गलियों में सब की जुबां पर बस अपना ही नाम होगा ll
तेरी हसरते दिल में लिए में तो अब जीता रहुँगा ll
तेरी राहों में सौ सौ सज्दे मै तो करता रहुँगा ll
तू मुझे मिले या ना मिले इसकी अब चाहत किसे है ll
तेरे दिल की धड़कन में बन गया हूँ ये बात क्या किसी से कम है ll
साहिल राइटर...