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दोस्ती

दोस्ती

जुलाई का पहला हफ्ता, इंजिनीयरिंग कालेज में दाखिला,
स्कूल की यादें,गर्मी की छुट्टियां सब माथे में, हिचकिचाए मन से नई जगह नयी क्लास,नए लोग,अनजान से दिखता ब्लैकबोर्ड,बेंच।सब के बीच अपना पुराना बैग लेके न्यू इनिंग की शुरुआत..

कुछ दोस्तो ने मेडिकल ले लिया कुछ ने कॉमर्स,कुछ घर के धंधे में, सब धीरे धीरे गायब, वक़्त थोड़ा आगे बढ़ता है अचानक से बेस्ट फ्रेंड्स के आपके मन के स्लॉट्स में नए चेहरे आने लगते हैं, फिर वही कॉलेज में साथ बैठ के टीचर के एक घंटे वाले लेक्चर को कोसना, छुट्टी होते पोहा जलेबी की दुकान भागना शुरू हो जाता है। अचानक से आपकी सोच क्रिकेट, टेनिस,गाड़ियां, हॉलीवुड, टेक्नोलॉजी में पहुचने लगती है। नए दोस्त अच्छे लगने लगते है यहां तक के उनके पिताजी की नौकरी या बिज़नेस भी आपको इंस्पिरेशन देने लगता है।

अच्छा दोस्त आपके साथ आपकी गर्लफ्रैंड को मनाने के लिए खुद नहा धो के सहायक बन के खड़ा रहता है ये समझाने के लिए के उस लड़की को आपके जैसा कोई ना मिलेगा, इसी को  कहते है किस्मत कितनी भी खराब हो उसका ट्रांसक्शन हमेशा सेटल्ड होता है।


पर ज़िन्दगी कहां चाहती कि आप सेटल हो, फिर ये वक़्त गुजर जाता है,आप नए लोगो से मिलते है जो कार के बिना कही ना जाएंगे, कैल्विन क्लिन की शर्ट, और आधा लीटर डियो,बालो मे ब्रीलक्रीम और चेहरे पे सनग्लास, आप इन चेहरों के बीच अपनी पहचान बनाने की कोशिश में लग जाते हैं। 

और कैंटीन में ‘ऐप्पी फ़िज़’ खरीदते वक़्त आप सबके लिए लेके आते है,

 ताकि किसी को ये न लगे की आप समाज के मध्यम वर्गीय तबके से है! 

आप जींस खरीदते वक़्त डिजाइन और फिटिंग से ज्यादा ब्रांड पर नजर रखने लगते है!
 पर बात कुछ जम नहीं रही है! आप जैसे कुछ और बनने का ड्रामा कर रहे है!

2रुपये के चने खरीद के खाने वाला लड़का 150रुपये का पॉपकॉर्न बकेट खरीदने लगा है अजीब बदलाव है!

अगर मेरे तरह 80 के दशक वाले है तो आपकी ज़िंदगी की सबसे बड़ी खुशी पल्सर 150 ओर नोकीया 6600 है,

कुछ वक्त बीतता है आपने अपनी मित्रो की लिस्ट बना ली है के ये पक्का है ये ही साथ चलेगा।बाकी तो खुद ही हाय हेलो करके गायब हो जाते है मानो कपूर जल के हवा में गायब हो गया, और आप अपने बचे मित्रो को देखकर गर्व से सोचते है, "के साला दोस्त और दोस्ती इसको कहते हैं, ये वो लोग है जो आपकी शादी में बेशर्मो जैसे नाचेंगे ।

खैर जैसे तैसे करके आप नौकरी की जुगत लगाते है,कुछ लड़के एम.टेक, एम.बी.ए करने लगते है।

चेहरे की हंसी अब माथे की लकीरों पर ट्रान्सफर हो रही है! दोस्ती शब्द जो आपकी जिंदगी का मतलब हुआ करता था एक दौर में अब वो आपके लिये एक महज यादो का संदूक बन के रह गया है! 

जिसमे में से यदा कदा कोई सिक्का बाहर गिर जाता है जब आप बस स्टेशन पर स्कूली बच्चो को अनाब शनाब हरकत करते हुए देखते है!

 या फिर दो प्रेमी जोड़ो को गलबहिया करते हुए कॉलेज के बाहर देखते है! बस पिक्चर में फर्क इतना है की अब जनाब आप लाइन के इस पार है और वो लोग उस पार! और आप छटपटाते है पर कुछ नही कर सकते, वक़्त पे किसका जोर है।

दोस्ती के नाम पर आफिस के कुछ कलीग्स है  इनमे कुछ आपके जैसे ही हैं जो दोस्त ढूंढ रहे हैं। 

कुछ ऐसे हैं जिन्हें शनिवार को दारू पीना होता है! जिनके भरोसे आप रात 2 बजे की ट्रेन नहीं पकड़ सकते क्युकी इस बात के प्रबल चांसेस है की उनका फोन 1.55 पर आउट ऑफ़ रीच हो जाए! 
ये वो लोग भी नहीं है जो आपके घर का सिलेंडर उठाने के लिए अपनी 2500 की कमीज ख़राब करेंगे! इस दोस्ती की अपनी इकोनॉमिक्स है!

दोस्ती तो अब जिंदगी में एक शब्द बनके रह गयी है एहसास तो इसके सब उड़ चुके है! हाँ मगर कभी यार पुराने मिलते है तो लगता है के ये वक़्त ठहर जाए वो वक़्त आ जाये जहां हम आज भी लड़को जैसे दुबले पतले पर खुश से थे।

इसलिए जब तन्हाई की शुगर ज्यादा बढ़ जाए और बात जान तक आ जाए तो पुराने दोस्तों को बुलाकर काजू, भुने हुए पापड़,फल्लीदाना और BP के खम्बे के साथ मन का डायलिसिस करवा लीजिये!

क्यूंकि यही वो लोग है जो आपको जिंदगी के इस "मिशन इम्पोस्सिबल" में “इथन हंट” वाली फीलिंग दे सकते है!


🙏🏻

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5 Comments

Sonali negi

03-Jun-2021 03:46 PM

Osm

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Zulfikar ali

23-May-2021 03:03 PM

बेहतरीन 👌

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Kumawat Meenakshi Meera

23-May-2021 12:47 PM

Dosti ...nice

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