डांसिंग कपल - ए लव स्टोरी भाग 9
भाग 9
अमर और तारा की प्रेमकहानी बेहद ही प्यारे मोड़ से गुज़र रही थी। वैसे भी कहते हैं जिस चीज़ को जितना रोको वो उतनी ही तेजी से आगे बढ़ती है।
अमर और तारा के प्यार में भी कुछ ऐसा ही हो रहा था…..जितनी ज़्यादा बंदिशें, उससे कहीं ज्यादा एक दूसरे के लिए तड़प।
दादी की पूरी नज़र तारा पर बनी रहती थी। अब तो तारा किसी से फोन पर भी बात कर रही होती थी तो दादी के कान खड़े हो जाते थे।
एक दिन तारा यूँ ही उदास बैठी हुई होती है तभी उसकी मम्मी आती है, उसके सिर पर प्यार से हाथ रखते हुए कहती है……. क्या हुआ अमर से लड़ाई हो गई क्या?
मैं माँ की बात सुनकर हैरान हो गयी….. इसका मतलब मम्मी को पता है कि दादी के लाख मना करने के बाद भी मैं और अमर साथ हैं।
ऐसे क्यों देख रही है तारा?
मैं तेरी माँ हूँ। मैं तेरे मन की बात तब भी समझ जाती थी जब तू मेरे पेट में थी, जब तू बोल भी नहीं पाती थी। तुझे पता है तेरी आँखों में, तेरी बोल-चाल में अमर दिखता है।
अच्छा लड़का है अमर, मुझे पसन्द है तेरे लिए। लेकिन मैं चाहकर भी कुछ नहीं कर सकती तेरे लिए। तेरी दादी को गहरा दुख है कि मैंने दो बेटियां जनी है, मैं एक बेटा नहीं जन पायी।
अपने पापा को तो तू जानती ही है वो माँ जी के आगे कुछ बोलते नहीं है फिर वो चाहे गलत हो या सही और फिर आये दिन माँ जी की छाती का दर्द, डर लगा रहता है कहीं कुछ हो ना जाए।
मम्मी अमर के कारण दुखी नहीं हूँ मैं, बस दादी के बर्ताव से परेशान हूँ। इतनी तो सी.बी.आइ भी चोरों के पीछे नहीं पड़ती, जैसे दादी मेरे पीछे पड़ गयी है।
मम्मी एक बात बोलूं, प्लीज आप नाराज़ मत होना…..
हाँ बोल…..
मुझे लगता है दादी अपनी बात मनवाने के लिए नाटक करती है कभी-कभी मरने का। उनकी मेडिकल रिपोर्टस एकदम सही हैं। उन्हें तो यहाँ तक शूगर और बी पी भी नहीं है।
मैं जानती हूँ बेटा यह सब लेकिन तेरे पापा को कौन समझाए। वैसे भी यह घर-जयदाद सब दादी के नाम पर हैं। वो अक्सर बोलती रहती हैं….. तेरा तो कोई खाने वाला है नहीं, सब छोटे के लड़के के नाम कर जाऊंगी।
वैसे वो ऐसा करेंगी नहीं लेकिन वक़्त का क्या भरोसा और वैसे भी तू अपने गाँव वाले चाचा को तो जानती ही है, कितनी चापलूसी करते हैं वो तेरी दादी की।
चल तू इन सब चीजों को छोड़, अमर और अपने बारे में बता….. तुम दोनों ने क्या सोचा है भविष्य के बारे में?
माँ हम शादी करना चाहते हैं, बस थोड़ा सेटल हो जाएं अच्छे से, फिर हम कोर्ट मैरिज कर लेंगे।
अमर के माता पिता का क्या कहना है तुम दोनों के रिश्ते को लेकर?
उसकी मम्मी की चलती नहीं है घर में और पापा खिलाफ हैं।
ओह! यह तो हमारे घर जैसा ही हाल है।
ठीक है तारा जो भी करना मुझे बताकर करना, मैं ज़रा रसोई के हाल जाकर देखती हूँ।
तारा मन ही मन खुश थी अपनी मम्मी से बात करके, उसे ऐसा लगा जैसे उसके मन से कोई भारी बोझ उतर गया हो। आज पहली बार उसे अपनी मम्मी किसी दोस्त से कम नहीं लगी थी।
तारा और उसकी मम्मी इस बात से बेखबर थीं कि जब वो दोनों बात कर रहे थे तब दादी कमरे के बाहर कान लगाकर खड़ी थी और चुपचाप उनकी बातें सुन रही थी।
दादी ने अपने दिमाग के घोड़े चलाना शुरू कर दिया था। उनके दिमाग में एक अलग ही योजना चल रही थी जिससे तारा बेखबर थी।
लेकिन दादी को भी यह पता नहीं था कि अगर दादी की नज़र तारा पर थी तो दादी पर भी किसी की पूरी नज़र थी।
❤सोनिया जाधव
Arshi khan
17-Dec-2021 09:12 PM
अरे ये क्या सस्पेंस बना कर छोड़ दिया आपने।
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Zakirhusain Abbas Chougule
17-Dec-2021 11:09 AM
Very nice
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🤫
17-Dec-2021 11:08 AM
काफी अच्छा भाग ...
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