Sangeeta singh

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तेरी मेरा साथ भाग _1

रेहान  पिया को आज सरप्राईज देने वाला था,। उसने वादा किया था कि वो उसे  पहले लॉन्ग ड्राइव पर  फिर अच्छे रेस्टोरेंट में बढ़िया सी लंच कराएगा और उसके बाद और  भी कुछ सरप्राईज है उसके पास पिया को  देने को।
पिया इंतजार कर रही थी उसका ।

पिया और रेहान अजनबी नहीं थे।
रेहान,पिया , और  रानी तीनों बचपन के दोस्त थे।
तीनों एक ही स्कूल और एक ही क्लास में थे ,बस पिया और रानी का एक सेक्शन था,और रेहान का अलग।

जो भी क्लास पहले हो जाती ,रेहान की वो पिया और रानी को अपने नोट्स दे देता पढ़ने को,ताकि वो क्लास में अच्छे से जवाब दे।रानी ,पिया का अगर क्लास टेस्ट हो तो वो रेहान को सवाल बता दिया करती थीं।

अल्हड़ बचपन ,रेहान और पिया में कभी झगड़ा नहीं होता पर  रानी बात बात में रूठ जाती।

गर्मियों की छुट्टी हो गई थी ।अब उनका दिन एक दूसरे के साथ ज्यादा कटता,दिन में वो स्कूल से दिए होम वर्क निपटाते ,और शाम को खेलते।

पिया को गुड़ियों का बड़ा शौक था।जब भी उसके चाचा आते उसके लिए  अलग अलग तरह की गुड़िया लाते।एक दिन रानी ने कहा पिया चलो हमलोग गुड़िया की शादी करते हैं।
पिया को भी ये खेल कुछ ज्यादा ही अच्छा लगा।
उसने कहा लेकिन गुड्डा कहां है?
रानी मुंह बनाकर बोली अगर रेहान को हमारे साथ खेलना है तो वो गुड्डा लाए ।
रेहान गुड्डा लेकर आया।

रेहान ने खूब सुंदर घरौंदा बनाया ।
पिया और रानी ने देखा तो देखती रह गईं।पिया ने कहा , वाह रेहान दो मंजिला घरौंदा ,खिड़की ,दरवाजा सबकुछ कितना अच्छा बनाया है तुमने।
पिया के मुंह से अपनी तारीफ सुन रेहान खुश हो गया।


पिया और रानी ने गुड़िया को सजाया ।पिया ने घर पर मां से कह कर हलवा बनवाया ,उसे हलवा पसंद था।
रेहान का  गुड्डा ,गुड़िया के पास रखकर शादी हो गई।फूल माला पहना दिया गया।
अब बाराती का भोजन,रानी पत्तियां तोड़ लाई,बाराती भी वही तीनों थे । गुड़िया ,गुड्डा के मां पिता भी वही।
तीनों मिलकर हलवा खाया ,अब विदाई की बेला ।दोनों को उसी घरौंदे में बिठा दिया गया।
रानी ने कहा ,अरे पिया किचन का सामान तो कुछ गुड़िया को दिया नहीं गया,गुड़िया क्या खायेगी,कैसे खाना बनेगा।
अरे हां।चलो पत्तियों की थाली ,प्लेट ,कटोरियां तीनों ने मिल कर बनाई और घरौंदे में रख दिया।
अचानक मौसम बदल गया,बादल आ गए।
रिमझिम बारिश शुरू हो गई।तीनों घबरा गए।जल्दी से गुड़िया ,गुड्डा ले तीनों घर में भागे।
रिमझिम बारिश ने विकराल रूप ले लिया।थोड़ी देर में उनका घरौंदा ,टूट कर मिट्टी में मिल गया।
पिया जोर जोर से रोने लगी।सब चुप कराने लगे।लेकिन वो चुप होने का नाम नहीं ले रही थी।
रेहान ने कहा ,_पिया चुप हो जा ,मिट्टी का घरौंदा था ,मिट्टी में मिल गया। मैं तुम्हारे लिए एक दिन असली का आलीशान घर बनाऊंगा ,तू चिंता न कर।

रानी की शादी  में दोनो मिले थे,अरसे बाद ।
पिया को रेहान पहचान ही नहीं पाया ,बेहद खूबसूरत,स्मार्ट लहंगा पहने एक दम दुल्हन की तरह।
छोटे से कस्बे में रहने वाले तीनों परिवार में से रेहान और पिया का परिवार बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए शहर जा बसा।
रेहान के पिता ने चंडीगढ़ में अपने ससुर जी की मदद से होंडा शोरूम खोल लिया।
कुछ ही दिन में उनका व्यापार निकल पड़ा।वो शहर के सबसे बड़े बिजनेसमैन बन गए।
रेहान को उन्होंने पढ़ने हार्वर्ड भेज दिया,मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए।

रेहान से छोटा भाई ,ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग  कर रहा था।

पिया के माता पिता गाजियाबाद  में रह रहे थे।
उन्होंने भी समाज सेवा से  राजनीति में अपनी पैठ बना ली थी । वे वहीं साहिबाबाद सीट से विधायक थे।

पिया के ठाठ बड़े थे ,लेकिन उसे घर से ही पढ़ाई करने की इजाजत थी।
सारी सुविधा थी उसके पास ,लेकिन आजादी नहीं थी।
सत्ता कई दुश्मनों को भी पैदा करता है।
इसी डर से पिया के पापा ,उसे जल्दी कहीं जाने नहीं देते।अगर जाती भी तो दो चार मुस्टंडे बॉडीगार्ड उसके पीछे होते।


रानी ने उसी कस्बे में पढ़ाई की और मास्टरनी बन गई  सरकारी टीचर।

रानी  पिया के संपर्क में थी।वो दोनों वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एक दूसरे से बातें करती थीं।
रानी ने बताया ,पिया मेरी शादी तय हो गई है ,चंडीगढ़ में ,मेरा होने वाला पति एथिकल हैकर है।
वह  अमेरिका और इंडिया के चुनीन्दा संस्थानों के लिए काम करता है।
अरे वाह , तू तो बहुत लकी निकली ,यार तूने कितना कुछ पा लिया।
मैं तो सोने की चिड़िया हूं ,मुझे केवल कैद ही नसीब हुई_पिया ने उदास होते कहा।

अरे उदास मत हो ,तुझे भी कोई उड़ा ले जाएगा इस कैद से _रानी ने कहा।

चल ये केवल सपना है , सुन तुझे रेहान की कोई खोज खबर है क्या?_पिया ने कहा।
नहीं यार_रानी ने जवाब दिया।

सुन आंटी से कह दीजियो तुझे 5 दिन पहले से आना है_रानी ने कहा।
ले तू ही मम्मी से बात कर ले_पिया ने मम्मी को बुलाते हुए कहा।
"रानी ने आंटी को  नमस्ते किया "_आंटी आप  और  पिया दोनो मेरी शादी में पहले से आइएगा , मां ने कहा है। 

बेटा मैं न आ पाऊंगी _मुझे पिया के पापा के शिड्यूल के हिसाब से सब कुछ देखना होता है_पिया की मम्मी ने कहा।

ओके_पर पिया को  10 तारीख को भेज दीजियेगा,15 को शादी है।


नियत समय पर पिया अपने बॉडीगार्ड के साथ मेरठ के लिए रवाना हुई।

मेरठ पहुंचकर उसका बचपन जैसे फिर से लौट आया।रानी और उसकी फैमिली का अपनापन पा वह सबकुछ भूल गई ,अपने पिता के सख्त अनुशासन में उसका दम घुटता था।

ऐसा मत करो ,वो मत करो , यहां न जाओ ,ऐसे खाओ,सब कुछ  उसे सुनना होता।
आज वो अपने पुराने घर गई ,कोई नहीं आया था उस घर में ,न पिता ने बेचा ।आंगन में खूब सारी घास निकल आई थीं।तभी एक तभी एक कोने में उसे अपना टूटा घरौंदा  दिखाई पड़ा। कितना कुछ उसे याद आने लगा क्या रेहान अपनी बात भूल गया होगा कभी मुझे याद करता भी होगा तरह तरह के ख्याल आने लगी।
रानी के साथ खूब खरीददारी का आनंद लिया ।संगीत ,हल्दी ,मेहंदी के अलग अलग ड्रेसेज खरीदे पिया ने।
पिया एकदम उन्मुक्त पंक्षी की तरह उड़ रही थी,उसे लग रहा था , कि समय थम जाए ।
रात रात दोनों सोती नहीं थी,पिया रानी को खूब छेड़ा करती।
उसी के बीच रानी के दूल्हे का फोन आ जाता तो पिया खूब खिंचाई करती।

शादी का दिन 
(अरे बारात आने वाली है, बैंड बाजे सुनाई दे रहे थे
महिलाएं स्वागत गान गाती हुई बारात स्वागत करतीं हैं।)

शादी के दिन रानी और पिया बहुत सुंदर लग रही थीं।
जयमाला के लिए पिया रानी को स्टेज पर लेकर गई तो ,दूल्हे के दोस्त के रूप में एक परिचित चेहरा दिखाई पड़ा।
बार बार याद करने के बावजूद उसे याद नहीं आ रहा था कि ये कौन है?

रेहान ,रानी के पास जाकर बोला ,रानी ,वो पिंक लहंगे में पिया है क्या?

रानी खुद  ही अचंभित थी,उसने कहा तुम हमलोगों को कैसे जानते हो?

रेहान ने कहा _रानी ,मैं रेहान हूं।जब मेरे दोस्त ने कहा कि उसकी शादी मेरठ में हो रही है।
तो मैने सोचा चलो ,मैं अपने चाचा जी से मिल आऊंगा ,एक अरसा हो गया है,फिर जब वो शादी का कार्ड लेकर आया तो मैंने तुम्हारा नाम और मकान नंबर देखा,मैं इतना खुश हो गया कि,पूछो मत।

मैं कई रात सो भी नहीं ,पाया ये सोचकर कि किस्मत मुझे अपने बिछड़े दोस्तों से मिलवाएगी।

रानी की आंखों में आंसू आ गए।

तब तक जयमाल डालने की हड़बड़ी होने लगी।
लड़के वालों की तरफ से रेहान और लड़कियों की तरफ से पिया ,।
रेहान  दूल्हे को  उठा कर रानी के लिए जयमाला डालने में  विघ्न उत्पन्न कर रहा था।

रानी जब बढ़ती जयमाल डालने को ,रेहान अभय को उपर उठा देता था।
अचानक रेहान ने दूल्हे को छोड़ दिया और रानी ने जयमाला डाल दी।हुआ ये कि पिया ने कोई रास्ता न देख ,रेहान को आंख मार दी ,और रेहान की पकड़ अभय को उठाने में ढीली पड़ गई। 


जयमाला की रस्म पूरी हुई।सगे संबंधी ,दूल्हा दुल्हन के साथ फोटो खिंचवाने में मस्त हो गए।रेहान  पिया का हाथ पकड़ एक कोने में ले गया।

ये क्या बततमीजी  है पिया क्रोधित होकर बोली।
रेहान ने मुस्कुराते हुए कहा _क्यों मैडम आंखे क्यों मार रही थी,अब बड़ी शरीफ बनी फिर रही हो।

पिया बोली _तुम मुझे नहीं जानते मैं कौन हूं?अभी एक इशारा करूं तो मेरे बॉडीगार्ड  तुम्हारा कचूमर निकाल देंगे।


रेहान ने डर का नाटक करते हुए कहा _मैडम मैं बहुत डर गया।
फिर कहने लगा ,मत भूलो मैडम मुझे कुछ हुआ तो शादी कैंसल हो सकती है ,मैं दूल्हे का दोस्त हूं।
वैसे आप कहां की तोप है,अपना परिचय बताएंगी।

मैं दुल्हन की दोस्त पिया,मेरे पिता साहिबाबाद के विधायक हैं,समझे मिस्टर ,आपका जो भी नाम हो_पिया ने अकड़ कर कहा।


तभी रेहान का दोस्त आया ,उसने कहा _रेहान चल ,फोटो सेशन चल रहा,अभय ने बुलाया है ,यारों की फोटो शोटो लेने को।
रेहान उठ कर चला गया ,पिया बैठी रही।

रेहान ..........??? क्या ये मेरा रेहान है।

हे भगवान कितना स्मार्ट हो गया ,मैने इसे पहचाना नहीं? हाय राम।
बचपन में मेरे पीछे पीछे ,मेरी खुशी में उसकी खुशी होती थी।
क्या उसे ,मेरे नाम बताने पर भी याद नहीं आया।

धीरे धीरे कदमों से चलती हुई,वो स्टेज पर पहुंची।
रानी कब से तुम्हें खोज रही थी,उसे किसी से तुम्हें मिलाना था ,रानी की चचेरी बहन ने पिया से कहा।

रानी ने इशारे से उसे बुलाया , उस समय रेहान स्टेज पर अभय के साथ था।फोटो दोस्तों को खिंच गई थी , वे नीचे खाना खाने चले गए थे।ज्यादातर लोग खाने में जुटे थे।
रानी ने पिया को रेहान से मिलवाया ,और अभय को अपने तीनों के बारे में बताया,चारों के  यादगार पल कैमरे  में कैद हो गए।

उस समय ऑर्केस्ट्रा में गाना चल रहा था_

"मुझे तुमसे है ,कितने गिले,
तुम इतने दिन बाद मिले
बोलो इतने दिन क्या किया
तेरा नाम लिया ओ ओ....."।

पिया और रेहान एक दूसरे को बस चुपके चुपके निहारते।

उस शादी की रात ,दोनों की रातें आंखों आंखों में कटी।रेहान उसके करीब आकर बैठ गया।
पिया ने  धीरे से कहा _तुम यहां न बैठो,लोग देख रहे हैं,विशेषकर औरतें तरह तरह की बातें करेंगी।
एक शर्त पर तुम आओ छत पर ,वहीं साथ में बैठते हैं,ज्यादातर लोग तो सो ही चुके हैं_रेहान फुसफुसाया।

रेहान छत पर चला गया।,बहुत सारे बिस्तर लगे थे,देर रात शादी में ज्यादातर रिश्तेदार तो सो ही जाते हैं।

क्रमशः

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5 Comments

कहानी अच्छी है।

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🤫

17-Dec-2021 09:57 PM

काफी अच्छी शुरुआत ma'am

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Sangeeta singh

17-Dec-2021 10:28 PM

🙏

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Gunjan Kamal

17-Dec-2021 09:54 PM

बेहतरीन शुरुआत👌👌👌

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Sangeeta singh

17-Dec-2021 10:28 PM

Thanks

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