Sangeeta singh

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तेरी मेरा साथ

पिया  धीरे से सबकी नजर बचाते हुए,वहां से निकल गई।
रेहान इंतजार कर रहा था।
मुझे मालूम था पिया,तुम जरूर आओगी।
रेहान ने मुस्कुराते हुए कहा।

पिया ने कहा _मैने तुम्हें कितना याद किया,तुम भी मुझे कभी याद करते थे।

पिया ,मैं बचपन से ही तुझे चाहता था,उसे बचपन का प्यार कह ले।लेकिन तुम्हारे गाजियाबाद जाने के बाद मुझे यहां एक दम अच्छा नहीं लगता था ।
नाना चंडीगढ़ में थे,मैने उन्हें फोन करके कहा _नाना यहां अच्छे स्कूल नहीं हैं तो उन्होंने अपने पास सबको बुला लिया।
पापा जी को लोन और आर्थिक मदद कर गाड़ी का शोरूम खुलवा दिया।

पापा वैसे भी बहुत मेहनत कश इंसान हैं ,उन्होंने अपनी मेहनत से कई शोरूम खोल दिए।
फिर  जैसे ही  मैने ग्रेजुएशन किया,उन्होंने मुझे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी भेज दिया।
वहीं मेरी मुलाकात अभय से हुई थी ,उसे कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर में कुछ( मैलवेयर ) टेक्निकल कारणों से यूनिवर्सिटी में बुलाया गया था।बात चीत में पता चला कि वो भी चंडीगढ़ का ही है ,और फिर मैं जब लौट कर आया ,तो हम दोनों अच्छे दोस्त बन गए।

शायद उसकी वजह से हम एक दूसरे से मिल पाए।
वरना सिर्फ यादें ही तो थी मेरे पास तुम्हारी।
पिया बहुत ध्यान से उसकी बातें सुन रही थी।
जानते हो रेहान _मैं अपने घर गई थी ,वहां हमारा टूटा घरौंदा पड़ा था,कितना खेलते और मजे करते थे हम।

हमारे पापा तो विधायक हैं ,जलवे हैं उनके ,कहने को तो हम इस जगह को छोड़ कर गए थे,मेरी और बिंदिया दीदी की अच्छी पढ़ाई के लिए,लेकिन पापा को ऐसा राजनीति का चस्का चढ़ा कि हमारी पढ़ाई उनकी महत्त्वकाँछा की  बेदी पर भेंट चढ़ गई।

जब मेरा एडमिशन हुआ तो ,मैं खुश थी ,नया कॉलेज ,नया कैंपस,नए दोस्त ।
लेकिन एक दिन जब मैं कॉलेज से घर  लौट रही थी ,तो किसी ने मेरा अपहरण करने की कोशिश की ,लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से बच गई।
उसके बाद से मेरा कॉलेज जाना बंद ,जहां निकलो बॉडीगार्ड के साथ।
यहां भी दो बॉडीगार्ड आए हैं,लेकिन उन्हें मैने पहले ही पैसे देकर मजे करने ,घूमने टहलने को कह दिया है ,ताकि वो हर समय मुझ पर नजर न रखें।
बिंदिया दीदी की शादी भी एक बाहुबली के अनपढ़ जाहिल बेटे से हुई है,उनकी भी जिंदगी नरक हो गई है।

जल्दी ही मेरी शादी भी किसी ऐसे ही घर में कर के ,पापा अपनी राजनीतिक गोटी सेट कर लेंगे।
कल मैं चली जाऊंगी ,फिर वही कैद वाली जिंदगी _पिया दुखी होकर बोली।

पिया मैं तुम्हें अच्छी जिंदगी दूंगा।मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं।
तुम कहो तो मैं अंकल से हमारी शादी की बात करूं।_रेहान ने कहा।

तुम्हे पता नहीं रेहान, पापा नहीं मानेंगे ,जाति धर्म में उनका बहुत विश्वास है_पिया ने कहा।

पर अभी तक हम अलग थे मिले नहीं थे ,, पिया तब तक तो सब सही था,लेकिन अब तुमसे जुदा होकर मैं नहीं रह पाऊंगा_रेहान की आंखें नम हो गईं।
पिया भी उससे लिपट गई,भावना का आवेग इतना तीव्र था जो उन्हें किसी और ही दुनिया में बहा ले गई।

थोड़ी देर बाद वे उस असहज स्थिति से निकले ,उन्होंने अगल बगल देखा ,लोग खर्राटे मार कर सो रहे थे।

रानी के फेरे हो रहे थे। उन दोनों ने खुद को ठीक किया ,और जाकर शादी की रस्मों में शामिल हो गए।

पिया और रेहान का किसी भी रस्म में मन नहीं लग रहा था,उन्हें एक दूसरे की जुदाई का गम खाए जा रहा था।

अगले दिन विदाई हो गई ।रेहान वापस चंडीगढ़ और पिया गाजियाबाद के लिए।

गाजियाबाद पहुंचकर ,पिया रेहान के ख्यालों में खोई रहती,उसके फोन का इंतजार करती,व्हाट्सएप और फेसबुक पर हमेशा लगी रहती।

पिया का मूड बहुत अपसेट था,बिंदिया दीदी का फोन आया था, मां ,पापा उसकी बात सुनते नहीं थे ,केवल उसे ही एडजस्ट होने की हिदायत देते थे।
पिया को अपने दिल की बातें कह कर वह अपना मन हल्का कर लेती। उस दिन बिंदिया को रजत (पिया का जीजा) ने मारा था,क्योंकि बिंदिया दीदी  ने उसके अवैध संबंध के बारे में पूछ दिया था।
उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह बिंदिया दीदी की मदद कैसे करे?,

इधर  पिया की मां ,उसमें आए परिवर्तन को देख रही थी,मौका पा कर वे  पिया के कमरे में गईं।पिया बहुत परेशान थी और  कमरे में चहलकदमी कर रही थी।

क्या बात है बिटिया? _आशा देवी ने पूछा।

अरे मां ,आप !!(चौंकने का अभिनय करती हुई)।आप कब आई?

आने में थोड़ी देर हो गई लेकिन अब आ गई_आशा देवी की बातें  रहस्यमई लग रही थीं।
क्या मतलब है मां आपका_प्लीज पहेलियां न बुझाईये_पिया ने कहा।

मैं पहेलियां बुझा रही हूं? मैंने बहुत बड़ी गलती की जो तुझे अकेले मेरठ  जाने दिया।जब से तू वहां से आई है तब से तुम एक दम से बदल गई हो,न किसी से कुछ बोलती हो,न हंसती हो, जब देखो मोबाइल में लगी रहती हो।

डाइनिंग टेबल पर भी सबके साथ नहीं बैठती।तुम्हारे पापा को तुम्हारी बहुत चिंता हो रही_आशा देवी ने कहा।

( पिया मन ही मन खीझ रही थी ,पापा की चिंता की बात सुनकर)

आखिर आज पिया  फट पड़ी _किसकी खुशी की चिंता है ,पापा को ,हमारी या अपने पॉलिटिकल करियर की ।
किसी की मर्जी आज तक पूछी , हमें क्या अच्छा लगता है ,क्या नहीं।
आजतक कभी प्यार से बातें की हमसे।बस हमारी औकात उनके  पालतू  गाय ,भैंसों  की तरह है ,जिसे जब चाहा ,जिस खूंटे से बांधना चाहा ,बांध दिया।
कभी आपलोगों ने जानने की कोशिश की कि बिंदिया दीदी किस हाल में हैं?,

हमलोग मेरठ में ही खुश थे,सरल जीवन था, उधार की हंसी नहीं हंसते थे, मकान छोटा था लेकिन वो घर  था ।हम दोनों बहनों को आप दोनों का प्यार मयस्सर था ।लेकिन अब मकान तो  बड़ा हुआ पर यह घर न बन सका और दिलों के  फासले बढ़ते गए।
नौकर चाकर हमारे मध्यस्थ हैं,कोई काम कहना हो तो  उनके माध्यम से पूछना पड़ता है कि_  पापा फ्री हैं ,या मीटिंग में।

और कुछ कहना बाकी है ,या बोल दिया ,
बिंदिया की सास ,ससुर से हमारी अक्सर बातें होती है, वहां सब  राजी खुशी है_आशा देवी ने कहा।
उसके बाद आशा देवी उठकर चली गईं।

रात को सबके सोने के बाद , पिया ने रेहान को वीडियो कॉल किया ।
हैलो कैसी हो ?_रेहान ने पूछा।
अच्छी नहीं हूं रेहान ,लगता है मां को शक हो गया है,ये और पापा कुछ न कुछ मेरी शादी के लिए खिचड़ी पका रहे,आज मां ,मेरे पास आईं थी ,मेरे गुमसुम रहने का कारण पूछने_पिया ने कहा।
(रेहान सोच में पड़ गया)

क्या सोच रहे हो ?मुझे बिंदिया दीदी के लिए भी डर लग रहा ?_पिया ने कहा।

मैं कुछ करता हूं,मैं कल ही आता हूं ,तुम्हारे पिता से तुम्हारा हाथ मांगने।

नहीं  नहीं  तुम्हें मेरी कसम ,तुम मत आना ,पता नहीं पापा कैसा बर्ताव करें_पिया ने हाथ जोड़ते हुए कहा।

तो फिर तुम्ही बताओ क्या करूं मैं_रेहान ने कहा।
तुम चिंता न करो ,अब मैं ही कोई रास्ता निकालती हूं।
  हां,पिया इधर दो ,चार दिन मैं थोड़ा बिजी हूं,कुछ क्लाइंट लंदन से आने वाले हैं ,उन्ही की साथ रहूंगा।अगर बहुत जरूरी होगा तो तुम अभय(रानी के पति)  के नंबर पर मैसेज कर  देना_रेहान ने कहा।
Ok , गुड नाईट

(दो दिन बाद)

पिया ओ पिया _आशा देवी पुकारती पिया के कमरे में आ गईं।
क्यों क्या हुआ?इतनी खुश क्यों हैं आप?
खुशी की बात ही है,संतोष जी जो मोदीनगर के विधायक हैं,उनके बेटे ने तुम्हें कहीं देखा था,तुम उसको बहुत पसंद आ गई हो,इसलिए शादी का प्रस्ताव उनकी तरफ से आया है।
तुम्हारे पापा चाहते हैं कि परसों तुम्हारी मंगनी की रस्म कर दें।उनको पार्टी के काम से 7 दिनों के लिए बैंगलोर  जाना है।

पिया शांत बैठी रही,उसने अभय के मोबाइल पर मैसेज कर दिया।
दो दिनों बाद संतोष जी अपने परिवार के साथ पिया के घर आए।
पिया ने लड़के को देखा,वीरेंद्र नाम था,बड़े बाप की बिगड़ी औलाद।
राघव जी और संतोष जी गले मिले ।ये रिश्ता ज्यादा राजनीतिक लग रहा था,संतोष जी दूसरी पार्टी के थे ,अगले चुनाव में उन्ही की पार्टी के आने की उम्मीद थी।

वीरेंद्र और पिया को कुछ देर अकेले ,एक दूसरे से बात करने को छोड़ दिया गया।
वीरेंद्र ,पिया को बार बार छूने का प्रयास कर रहा था,और पिया उससे दूर हो रही थी।
आखिर गुस्से में उसने पिया को अपनी ओर खींच कर अपनी बाहों में जकड़ लिया,और कहने लगा ,मैं तेरे साथ कुछ भी करूं समझी अब तू मेरी पत्नी बनने जा रही ,ज्यादा नखरे न दिखा ,समझी।

तब तक उन्हें बुला लिया गया, पिया डर से थर थर कांप रही थी।
रस्में हुईं ,दोनों ने एक दूसरे को अंगूठी पहनाई ,वीरेंद्र की आंखें बेहयाई से उसके तन बदन को निहार रही थीं।

संतोष जी ने  कहा _जल्दी से जल्दी शादी की तिथि ,पंडित जी से  पूछकर निकलवा लीजिएगा ।
सब लोग चले गए।पिया अपने कमरे में आकर खूब रोयी,वीरेंद्र का स्पर्श उसे ऐसा लग रहा था ,जैसे हजारों बिच्छुओं ने एक साथ आकर डंक मार दिया हो।

अगले दिन राघव जी बंगलौर चले गए।

पिया शांत थी। मां को कुछ समझ में नहीं आ रहा था, कि मंगनी के दिन से  पिया बहुत डरी डरी और शांत थी।
ज्यादा मोबाइल भी नहीं देख रही थी।
11बजे पिया ने मां से कहा _मैं मार्केट जा रही हूं।
आशा देवी ने कहा _जा चली जा।
जा रमा ,शंकर से कह बेबी को मार्केट जाना है ,गाड़ी निकाल दे।
मां मार्केट में कहां गाड़ी अंदर तक जाएगी ,मैं प्राइवेट टैक्सी कर लेती हूं_पिया ने कहा।
न बाबा ना तुम्हारे पापा को पता चलेगा तो सबकी क्लास लग जाएगी।रमा जा शंकर से गाड़ी निकालने को कह दे।

पिया मार्केट गई,वहां पार्किंग में कार लगाकर शंकर को इंतजार करने को कहा।
वह अंदर गली में एक मोबाइल शॉप में गई और वहां से मोबाइल ,और सिम खरीदा।
दो ,तीन साड़ियां खरीदी,और फॉल ,पिको के लिए वहीं छोड़ दिया।
फिर घर वापस आ गई।
अगले दिन फिर उसने मां से मार्केट जाने की बात कही तो ,आशा देवी ने कहा _क्या जरूरत है ,तुम्हारे जाने की शंकर तुम्हारी साड़ी ले आएगा।
अरे नहीं मां ,मुझे और भी खरीदारी करनी है ,मेरी कोई सहेली भी तो नहीं ,कल मैं थक गई थी ,गोलगप्पे  भी नहीं खा पाई_पिया ने जिद की।
अच्छा जा_आशा देवी ने कहा।
रात को सिम एक्टिवेट हो गया था।वह फिर से शंकर को पार्किंग में इंतजार करने को कह वहां से निकल गई,साड़ी की दुकान से साड़ी लिया ,और मार्केट के दूसरे गेट पर एक टैक्सी उसका इंतजार कर रही थी।

उस टैक्सी में बैठ वो चंडीगढ़ के लिए निकल गई।
अभय ने सारी व्यवस्था की थी,करीब 4.30 घंटे में वो चंडीगढ़ पहुंच गई।
इधर कई घंटे बीत गए,शंकर ने चारों ओर खोजा ,पूरा मार्केट छान मारा लेकिन कहीं पिया दिखाई नहीं पड़ी।

आखिर वो वापस घर लौट आया।आशा देवी परेशान , डर से उनके हाथ पैर फूल रहे थे।पिया के नंबर पर फोन करने पर फोन की घंटी घर पर बज रही थी।
फोन पर राघव जी को सूचना दी।सब जगह ,जहां जहां पिया जा सकती थी फोन किया गया,हर जगह से निराशा हाथ लगी।

अभय पिया को  अपने घर नहीं ले गया,बल्कि एक होटल में  रुकवाया ,उसे पता था कि मेरठ तक पूछ ताछ हो सकती है।

रेहान अब उसके पास था।
रेहान ने कहा कल हमलोग आर्य समाज मंदिर में शादी कर लेंगे,और अभय से कह  कोर्टमैरिज की अर्जी मैंने तुम्हारी मंगनी के दिन ही डलवा दी थी ,10 दिन बाद कोर्ट मैरिज कर लेंगे।

इधर राघव जी बंगलोर की फ्लाइट लेकर घर आ गए।पुलिस में रिपोर्ट लिखवाने से बदनामी होती,इसलिए अपने स्तर से खोजबीन जारी रखी।
वीरेंद्र को इसकी भनक लग गई ,वह पिया के घर पहुंच गया।उसने पिया का फोन मांगा।आशा देवी ने कहा इसमें सारे टेलीफोन नंबर गायब हैं।
वीरेंद्र मोबाइल को सॉफ्टवेयर इंजिनियर के पास ले गया।
इधर पिया और रेहान ने आर्यसमाज मंदिर में शादी कर ली।
वह उसे अपने घर ले गया ।सभी गुस्सा थे कोई बात नहीं कर रहा था ,रेहान ने बताया कि कितनी जल्दबाजी में ये सब करना पड़ा ,समय नहीं था ,कभी भी पिया के घर वाले हमें खोजते आ जाते।
वैसे पापा,मम्मी हम यहां नहीं रहेंगे ,आपलोगों को खतरा है।आज रात हम होटल में रहेंगे।

पिया और रेहान की मिलन की रात थी।बचपन का प्यार आज जिंदगी बन गया था , सपने  हकीकत में तब्दील हो  गये थे ।दोनों के प्यार को अंजाम मिल गया था।
वो एक हो गए,जिस्म और जान दोनों से,पूरी रात वे एक दूसरे की बाहों में ही रहे।

अगले दिन रेहान जब उठा तो पिया सोई हुई थी,कैसी मासूमियत और संतोष  उसके चेहरे पर दिख रहा था।
वह धीरे से उठा ,तब तक पिया ने उसे अपनी बाहों में भींच लिया_कहां जा रहे हो ?
कहीं न जाओ न_पिया अलसायी सी उसके गालों को चूमते हुए बोली।
अरे पिया जाना होगा ,आज तुम्हे बहुत से सरप्राइज़ देने हैं_रेहान ने कहा।
वो तो तुमने कल ही दे दिया ,,आज क्या देंगे जनाब_शरारत से पिया ने कहा।

तुम्हारे इरादे खतरनाक लग रहे हैं मैडम ,मैं अभी कुछ देर में आता हूं ,आज लॉन्ग ड्राइव पर चलेंगे ,बाहर देखो मौसम बहुत सुहाना है,रेस्टोरेंट जाएंगे अच्छा खाना खायेंगे,और मैडम जी आपकी बचपन की इच्छा पूरी होगी समझी।
मत जाओ ........._पिया बोली।
जाना पड़ेगा डार्लिंग _कहते रेहान फ्रेश होकर चला गया।

इधर बीरेंद्र ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मदद से रीसाइकल बिन से सारा डाटा रिकवर करवा लिया।
अभय और रेहान के नंबर से काफी बातें होते दिखीं।लोकेशन ट्रेस करवाया और चंडीगढ़ के लिए अपने गुंडों के साथ निकल गया।

रेहान अपनी गाड़ी से पिया को लेने आ ही रहा था , कि होटल से कुछ ही दूर  वीरेंद्र और उसके गुंडों ने  उसे रोक लिया।

क्यों बे  तूने मेरी चिड़िया को उड़ा लिया ,तेरी इतनी मजाल  कि तू मेरी मंगेतर के साथ गुलछर्रे  उड़ाए  _ वीरेंद्र ने कहा।

तू पिया के लायक भी है क्या? हां मैं पिया से प्यार करता हूं और हमने शादी भी कर ली _रेहान ने कहा।

अब तो तू बचेगा नहीं _वीरेंद्र ने कहा ,और उसपर पिस्टल से फायर कर दिया।
तब तक चंडीगढ़ पुलिस वहां पहुंच गई,वीरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया,और रेहान को पीजीआई एडमिट करवाया गया।

हुआ यूं था कि  वीरेंद्र  ने  चंडीगढ़ आते ही सबसे पहले  अभय को धमकाया और रेहान का पता लिया और उसके पीछे  चला गया, इधर अभय ने पुलिस और रेहान के पापा को खबर कर दी।
रेहान के पापा ने राघव जी को फोन कर दिया था।

इधर  ,पिया होटल में नहा धोकर  रेहान का इंतजार कर रही थी ।तो उसने अभय को देखा , रेहान के बजाय अभय को घबराया देख ,उसने पूछा क्या हुआ अभय,रेहान कहां है?
पिया जल्दी चलो ,रेहान पीजीआई में एडमिट है,कब ,क्यों ये तुम्हें रास्ते में बताऊंगा।

पिया हॉस्पिटल पहुंची ,रेहान के अंदर से गोली निकाल दी गई थी ,वो उसे देखकर मुस्कुराने की कोशिश कर रहा था।
पिया के पापा,पिया को देखकर उसके पास आए_बिटिया माफ कर देना ,मैं तुम्हें समझ नहीं पाया ,अच्छा हुआ उस दरिंदे से तुम्हारी शादी नहीं हुई।
हमने बहुत कुछ खोया है ,बिंदिया हमारे बीच नहीं रही ।उसके पति ने उसे आग लगा कर मार दिया ,और ये कह दिया कि खाना बनाते समय जल गई।

पिया की आंखों में गम और खुशी के मिश्रित आंसू थे।  5  दिनों के   बाद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर रेहान घर आया दोनों की धूमधाम से शादी हुई परिवारों की आपसी रजामंदी से।
रेहान उसे बहुत  आलीशान सुंदर विला की  ने उसे चाभी पकड़ाई _लो पिया ,मेरा बचपन का वादा,तुम्हारे घरौंदे के बदले ये आलीशान घरौंदा।
सभी खुश थे।

समाप्त


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3 Comments

काफी मुश्किलातो के बाद आखिर सब ठीक हो ही गया।

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Gunjan Kamal

18-Dec-2021 03:13 PM

बेहतरीन लेखन

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🤫

18-Dec-2021 02:57 PM

बहुत बढ़िया...

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