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सुबह

सुबह यूं तो रोज आती है नई उम्मीद ले कर।
कभी मेरी उम्मीदों को सच कर जाया कर।।

सुबह का सूरज कितना प्यारा, कितना सुंदर।
रंग-बिरंगी किरणें उसकी रोम-रोम में बस जाती हैं
खुशबू सी महका जाती हैं।।

सुबह का सूरज लेकर आता आस नई बाहर-भीतर।
रौशन-रौशन कर जाता है तन-मन सारा।।

ये जीवन जो तुम्हें मिला है, इसको यूँ ही मत जाने दो।
सूरज सा इसको चमका दो, फूलों सा इसको महका दो।।

ये ही तुमसे कहता है, जब आता है सुबह का सूरज।
सुबह का सूरज, कितना प्यारा, कितना सुंदर।।  

Antima srivastava 

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