लक्ष्य
विषय - लक्ष्य
तिथि - 25-05-2021
धैर्य नहीं खोना है हमको, डिगा नहीं सकता कोई
विचलित नहीं हृदय होगा तो, झुका नहीं सकता कोई
आओ जाने रण कौशल में, लक्ष्य को जिसने पाया है
नरेंद्र दत्त आत्मज्ञान पा कर, विवेकानंद कहलाया है
पराधीन भारत को जिसने, विश्व जगत में खड़ा किया
आध्यात्म दिखाकर भारत गौरव, अन्य देश से बड़ा किया
लक्ष्य एक जब- जब होगा, तब-तब सब आनंद मिलेगा
सम्मानित होगा जन-जन में, पुनः विवेकानंद मिलेगा
लक्ष्य एक था भिलनी सबरी, राम दरश की प्यासी थी
हार नहीं मानी जीवन में, दुखिया भले उदासी थी
दरश दिये श्री राम गहन (वन) मे, लक्ष्य प्राप्त सबरी धायी
अडिग रहो बस ध्येय बनाकर, अवश्य मिलेंगे रघुराई
लक्ष्य बनाया आजाद भगत ने, हंस कर फंदे को चूम गए
उसी लक्ष्य को पूरा करने, गांधी जी पैदल घूम गए
लक्ष्य नेक हो नेक पथिक हो, जनसमूह आ जाएगा
विचलित मन दर-दर भटकेगा, खुद ही खुद को खा जाएगा
लक्ष्य बनाया जब अर्जुन ने, मत्स्य नयन को भेद गये
लक्ष्य बनाया वसुदेव कृष्ण ने, अधर्म धरा से खेद गये
आओ मिलकर संकल्प करें, हमें लक्ष्य को पूरा करना
व्यर्थ नहीं है अपना जीवन, प्रकाश हृदय में भरना है
ज्योति प्रकाश राय
भदोही उत्तर प्रदेश-221309
Nisha
25-May-2021 12:19 PM
Good
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Jyoti Prakash Rai
27-May-2021 06:00 PM
Thank you very much
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Apeksha Mittal
25-May-2021 11:31 AM
👍👍👍
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Jyoti Prakash Rai
25-May-2021 11:34 AM
Thank you very much
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