लड़कपन
मैं और मेरी पत्नी सीमा हमारी बेटी आर्या को दाखिला दिलवाने के लिए हमारी कालोनी के नजदीक के स्कूल में गए थे I विद्यालय हमारी कालोनी से लगभग एक किलोमीटर दूर है I दाखिला दिलवाने के बाद हम तीनो पैदल ही घर की तरफ आ रहे थे I हम कुछ दूर ही चले थे की अचानक बारिश शुरू हो गई I हम दौडकर एक दूकान के आगे बने टीन शेड के निचे आकर खड़े हो गए I सीमा ने कहा - लो! अब बारिश को भी अभी आना था I कुछ देर और रूक जाती तो क्या बिगड़ जाता इसका?
`` ओह! तो तुम क्या चाहती हो की इन्द्र्देव भी मेरी तरह तुम्हारे हर हुक्म को माने?``, मैंने सीमा से मजाक करते हुए कहा I
`` मेरे कहने का मतलब ये बिल्कुल नहीं था I अब मजबूरी में हमें थोड़ी सी दूर के लिए टेक्सी लेनी पड़ेगी और आप तो जानते ही हो ये टेक्सी वाले भी मौके का फायदा उठाते हैं I `
सीमा मुझसे बहस कर रही थी की अचानक आर्या ने मुझसे अपना हाथ छुड़ाया और सड़क पर बह रहे पानी में धम से जाकर कूद पड़ी व अठखेलियाँ करने लगी I उसके चेहरे पर एक अजब की मुस्कुराहट थी I सीमा ने डांटते हुए उससे कहा - `` ये क्या किया आर्या तुम्ने? तुम्हारी स्कूल ड्रेस ख़राब हो गई बेटा I``
मैंने सीमा को पीछे से धक्का देते हुए कहा - लो, जनाब आपकी भी साड़ी ख़राब हो गई I
सीमा और मुझे पहले तो बारिश की बूंदे सता रही थी I लेकिन बाद में हम तीनों की बारिश के साथ ऐसी जुगलबंदी हो गई की हम तीनो हंसते - मुस्कुराते घर की तरफ बढ़ने लगे I सावन की बारिश की बूंदों ने हमें ऐसा नहलाया की फालतू की जो परम्परा हमने बना रखी थी कि ` बारिश में भीगने से कपड़े ख़राब हो जाते हैं I ` वो धुल गई I
घर पहुँचने के बाद हम तीनो ने कपड़े बदले I मैंने सीमा की तरफ देखा तो पता चला आज फिर 8 साल बाद मेरे सामने वही कॉलेज की लड़की है, जो बारिश में भीगने के लिए मौका ढूंढती थी I लेकिल समय के चक्र ने हमें बड़ा बना दिया था I मैंने मन ही मन आर्या को हमारा लड़कपन जगाने के लिए धन्यवाद किया I
रतन कुमार
26-Dec-2021 01:59 PM
Wah badiya savan me bhigne me kitna maja ata h
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राधिका माधव
23-Dec-2021 03:57 PM
इंट्रेस्टिंग, बच्चे अक्सर लड़कपन जीने का जरिया बन जाते हैं।
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