सुबह
एक दिन ऐसी सुबह आयेगी। सबके चेहरे फिर से खिलखिलायेगे ।फिर से खुशियाँ छायेगी। ऐसी सुबह आयेगी। आज दुनिया इतनी सिमट गई,सब मिलने को तरस रहे हैं । अपनो को अपनो की याद आएगी । फिर से पंछी गाएँगे भँवरे गुन गुनाएगे। इतने दिनो से अंधेरा छाया,अंधेरे को मिटाकर ,कोरोना को हराकर फिर से भारत जितेगा। फिर सब पहले जैसा हो जाएगा । पर अपनो को पास न ला पाएगा। जिन्हें खो दिया जिन्हें इस अंधेरे ने हम से छीन लिया । क्या वो वापस ला पायेगा। क्या नई सुबह हो पाएगी। क्या सच मे नई सुबह हो पाएगी।।।