फूल
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अचानक नैना का ध्यान टूटा और कन्डेक्टर बोला," उतरो नैना ...चलो जल्दी .!"
नैना बस से उतरी और सीधे अपनी कक्षा की ओर मुड़ गई ।
अब आगे --- भाग -२
कक्षा में बैग रखा कंवलजीत और नव्या को साथ लेकर मैदान में चली गई । अभी प्रार्थना के लिए बीस मिनट बाकी थे ,तब तक तीनों अपने नाटक के पसंदीदा किरदार बने हुए थे..।
वह नाटक उन्होंने विद्यालय के "वार्षिक- प्रजेंटेशन "में १४ नवंबर को प्रेशित किया था...काफी सराहना मिली थी ।
विद्यालय में अनेकों दोस्त थे लेकिन, कंवलजीत और नव्या से ही उसको विशेष लगाव था ।
नैना सिंड्रेला ,कंवलजीत सौतेली मां और नव्या कभी दर्पण कभी सौतेली बहन ।
जब भी मौका मिलता अपने नाटक का भाग से खेला करते । एक दिन नैना सिंड्रेला बनती तो दूसरे दिन कंवलजीत तो कभी नव्या राजकुमार तो कभी .... किरदारों को अपने हिसाब से बदल देते और अब तो डायलॉग भी अच्छे से याद हो गए थे ।
वह अपनी खूबसूरत दुनियां के खुद ही किरदार थे ..।
जहां ---
सिंड्रेला बनी नैना बोल उठती," ---मुझे बनना है एक सुंदर राजकुमारी , सैंडिल भी मोती वाली ,जिसमें खूबसूरत कारीगरी निराली ..! ला दो एक सुंदर ताज, कोई ना जान पाए वो राज .!"
मां बनी कंवलजीत बोलती,"---ओ ..मेरे दर्पण सोए भाग जगा ,बोल- बोल कौन दुनियां में सबसे सुंदर अपना मुंह खोल !"
तभी नव्या बनी दर्पण कहती,"----ऐ .. रानी सुन एक बात सबसे खूबसूरत है सिंड्रेला , उसके आगे कोई भी सुंदर फूल ना !"
रोज की अनगिनत कहानियां कितनी बार बाल मन रचता और गढ़ता यह कोई नहीं जानता था ।
एक बार देरी भी हुई --
प्रार्थना का समय पूरा हुआ ,घंटी बजी और वे तीनों प्रार्थना -मैदान में भागते हुए पहुंचे ।
यदि ,थोड़ी देर और हो जाती तो ... क्लास टीचर ने टिफिन छीन लिया था ..। दो घंटे तक भूखे रहना पड़ा...और दो पीरियड बाद ही दिया.!
एक दिन --
मैडम एटेंडेंस ले रही थी....। नैना का नाम आया तो ----
मैडम ने पुकारा ," नैना ..प्लीज़ कम हियर ..! "(यहां आओ नैना)
नैना ने अपनी भोली सी बड़ी- बड़ी आंखों से मैडम को देख सहम गई ।
सोचा रही थी नैना--"क्यों बुला रही है मैम ,कहीं कोई शिकायत तो नहीं ..? क्या हो सकता है ? "
धीरे- धीरे मैडम की ओर बढ़ने लगी, क्लास टीचर मोटे मोटे चश्मे से उसकी ओर नजरे गढ़ाए थी ।
--"ओ नैना कम ऑन हरी आप..!"(जल्दी आओ जल्दी ) क्लास टीचर बोली ।
__"यस मिस "(जी ) नैना हल्के से बोली उसका गला रूंघा जा रहा था ।
मैडम की खूबसूरत उंगलियां में अंगूठियों सजी हुई थीं ,उसकी नजर उसी पर जा टिकीं थी, उसके बीच एक कागज दिख रहा था जिसे उन्होंने नैना की ओर बढ़ा दिया और कहा ,"बेटा यह अपने पेरेंट्स को दे देना । कह देना स्कूल में बुलाया है । टू मंथ्स् की फीस का नोटिस है । अगर इस महीने भी जमा नहीं की तो स्कूल से आपका नाम कट जाएगा । ऑके डियर । ऑल राइट ,now you can go to your seat !"(ठीक है फिर ,अब अपनी जगह वापस जा सकती हो)
इतनी खूबसूरत उंगलियां के बीच उन्होंने एक फूल को मसल दिया । उसका हृदय ऊपर तक भर आया । जिसे मैडम नहीं जान सकती थीं ..।
मैडम ने हेडिंग लाइन (शीर्षक ) डाली ----
," Let the flowers be smell , don't pluck them "(फूलों को महकने दो, उन्हें मत तोड़ो)
किसके लिए ...था ये ... अपने लिए या बैठे बच्चों के लिए .?? मैडम की दोहरी मानसिकता साफ़ झलक रही थी ..।
उसने चुपचाप वह कागज बैग के अंदर डायरी में रख दिया ।
और ब्लैक बोर्ड में सफ़ेद चौकों के घेरों में भविष्य के पाठ तैयार करने लगी सभी आम बच्चों की तरह ..।
छुट्टी हो चुकी थी ..वह बस स्टेंड पर उतरी ग्रेसी उसका इंतजार कर रही थी ..वह जल्दी से आगे बढ़ी ग्रेसी ने उसका भारी बैग उठाया और बोली ," बेटा बैग बहुत भारी है ,टाइम टेबल से बुक्स और कॉपीज रखा करो ..। तुमको कितनी बार समझाया है इससे कंधों पर जोर आता है और बड़े होने फर सर्वाइकल होता है ..।"
घर आ चुका था ---
नैना कुछ नहीं सुन पा रही थी --उसका ध्यान नोटिस पर था ।
उसने ग्रेसी की बात बीच में काट दी बोली," मॉम आज मैम ने मुझे एक कागज़ दिया है फीस के लिए और स्कूल में पैरेंट्स को बुलाने को कहा है ..।"
ग्रेसी उसकी बात सुनकर बोली ,"--ओहह ..!dear your father again not submitted the fee ..! How disgusting ?? ( तुम्हारे पिता ने दुबारा फीस जमा नहीं की । कितनी गलत बात है ।) चलो शाम को पूछती हूं ..!"
कहकर नैना के कपड़े समेटने लगी ।
नैना कभी और बच्चों की तरह यूनीफॉर्म गंदा नहीं करती थी । यही बात ग्रेसी को नैना की पसंद थी ।
नैना ने बैग से पर्चा निकाल कर ग्रेसी के आगे बढ़ा दिया । ग्रेसी ने कहा ,"ठीक है अभी पढूंगी तब तक मेज पर रख दो । पहले खाना खा लो.. ।"
नैना ने पर्चा मेज पर रख दिया ।
ग्रेसी बोली ,"बेटा आज आपकी गिट्टू मौसी आ रही है । खुश हो ना ?उनका फोन आया था ..!
नैना की आंखें चमक उठी ,गिट्टू मौसी उसको पसंद थी और वह उससे काफी हिली -मिली थीं । बच्चों में बच्ची गिट्टू मौसी बिल्कुल ..!
सुनंदा ☺️
क्रमशः
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Seema Priyadarshini sahay
19-Jan-2022 11:11 PM
बहुत सुंदर भाग
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Sunanda Aswal
23-Jan-2022 08:21 AM
धन्यवाद हृदय से आभार 🌺🙏
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Ali Ahmad
26-Dec-2021 04:38 PM
Very nice story ma'am
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Sunanda Aswal
23-Jan-2022 08:21 AM
धन्यवाद जी
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