कहानी
(कहानी)
आंचल एक बीहड़ गांव के निहायती गरीब परिवार में जन्मी !
जहां पिता अत्यधिक नशे के आदि थे और मां गांव की ठेठ अनपढ़ !!
आंचल के सपने बहुत बड़े थे,लेकिन उन्हें पूरा करना आसान नही था वो गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने जाती थी,किताब कॉपी और ड्रेस के अभाव में भी आंचल ने पढ़ाई जारी रखी ! 8 वीं कक्षा पास करने के बाद उसे आगे पढ़ना था मगर पिता उसको महज 80 रुपए फीस तक देने को तैयार नही थे,लेकिन आंचल के हौंसले इतने बुलंद थे कि उसने जिद करके 9 वीं कक्षा में एडमिशन ले लिया और अपनी फीस जमा करने के लिए छुट्टी के दिन मनरेगा की मजदूरी करने लगी, ऐंसे ही मजदूरी करके उसने जैंसे तैसे 12 वीं पास कर ली ! इस बीच गांव के लोग आंचल की मां पर कई बार दबाव बनाते थे कि लड़की को दूर स्कूल नही भेजना चाहिए और तमाम तरह की बातें बनाते थे,खैर आंचल की जिद के आगे सबने घुटने टेक दिए,आंचल 12 वीं पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए घर से भाग निकली,उसने कई संस्थाओं में सिर छुपाने और दो वक्त की रोटी के लिए धक्के खाए,एक दो साल उसने किसी संस्थान में बच्चों को पढ़ाया और बदले मे सिर्फ अपनी आगे की पढाई की फीस ही लेती रही !!
कभी आंचल संस्थाओं में तो कभी रिश्तेदारों और परिचितों के घरों में रहकर पढ़ाई करने की कोशिश करती रही,जगह जगह नौकरी के लिए दर दर भटकती रहती !!
भटकते भटके आंचल का परिचय एक ऐंसे परिचित समाज सेवक से हो गया कि वह उसे अपने घर रखने को तैयार हो गए,लेकिन किसी के घर में रहकर अपने सपनों की उड़ान भरना इतना आसान तो नही था,लेकिन आंचल जिद्दी तो थी ही वहां भी पूरे दिन घर से लेकर बाहर तक सारे काम करके सबको खुश रखती और बदले में कॉलेज में दाखिला ले लिया !! कॉलेज में दाखिला लेते ही वहां उसकी दुनिया इतनी बड़ी हो गई कि शिक्षकों से लेकर छात्र छात्राओं में आंचल ने अपनी छाप छोड़ दी,वो सबकी मदद के लिए हमेशा खड़ी रहती थी,आंचल अपने जैंसे मजबूर छात्र छात्राओं की पढ़ाई के लिए कभी शिक्षकों तो कभी मित्रगणों से मदद की गुहार लगाती रही उसके कुशल व्यवहार से कईयों को मदद मिलती रही,उसका स्वभाव देखकर कॉलेज के सभी लोगों ने उसे कॉलेज में होने वाले वार्षिक छात्र संघ के चुनाव में जबरदस्ती खड़ा करके छात्र नेता चुन लिया,यहीं से उसकी जिंदगी पलट गई,शहर से लेकर बड़े बड़े नेताओं में वो चर्चा का विषय बन गई !!
आंचल का वक्तव्य और विचार सुनकर हर कोई उसके मुरीद होते गए,उसे पता ही नही चला कि कब उसके पीछे इतने लोग मदद के लिए खड़े हो गए कि वो कोई बात कहती तो अनगिनत लोग उसकी बात पर गौर करते और उसका सहयोग करते ! आंचल ने pg तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद शासन में एक अधिकारी के पद पर टैम्परेरी जॉब ज्वॉइन कर ली,वहां भी वो किसी काम में हाथ डालती तो वो कार्य तुरन्त सफल हो जाता ! नतीजा ये था कि विभाग में वर्षों से धूल फांक रही फाइलों के टटोल कर उसने हर वो कार्य कर दिखाया जो सीनियर अधिकारी नही कर पाए !!
आंचल इस बीच भी समाज हित के लिए निरन्तर प्रयास करती रही !
एक दिन अचानक किसी का फोन आया कि एक महिला की मृत्यु घर के अंदर हो गई और उसकी लाश सड़ गई क्यूंकि गरमियों का समय था और वो बीमार पड़ी तथा डॉ के पास जाने में असमर्थ हो गई,क्यूंकि वहां अस्पताल लगभग 5 km पैदल खड़ी चढाई चढ़कर जाना पड़ता था और उस महिला की हिम्मत जवाब दे गई,उपचार के अभाव में वो तड़प तड़प के मर गई !!
आंचल ने सरकार से सड़क बनाने के लिए बार बार अनुरोध किया और जब अनुरोध स्वीकार नही हुआ तो आंचल ने लोगों से पैसे इकट्ठे करके अपने दम पर 5 km सड़क काट दी,आज आंचल का गांव विकसित हो गया वो सड़क सबके लिए वरदान साबित हुई !!
आंचल 35 वर्ष की है और 12 वीं पास करने के बाद से लगातार समाज की सेवा में प्रयासरत है !
नौकरी कई बार आंचल की समाज सेवा में आड़े आई तो आंचल ने नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा और कई दायित्वों पर कार्य कर जनता का दिल जीत लिया !
फिलहाल आंचल जनता द्वारा चुनी गई सक्रिय राजनेता है और असंख्य लोगों के लिए प्रेरणा की स्रोत है !!
आंचल का कहना है यदि अपने अन्दर जुनून है तो आपको अपने सपनों को पूरा करने से दुनिया की कोई ताकत नही रोज सकती !!
आज भी आंचल अपनी क्षेत्र की जनता के लिए ही नही अपितु अन्य लोगों की भी मदद के लिए हमेशा तत्पर रहती है !!
आज आंचल ना सिर्फ गरीबों के लिए और उन माता पिता के लिए प्रेरणा बनी जो बेटी के होने पर शोक मनाते हैं और गरीबी का रोना रोकर लड़की को पढाते नही हैं, बल्कि उसकी गिनती बड़े बड़े राजनेताओं में शुमार है !!!!
आरती गौड़
लेखिका
Babita patel
04-Feb-2023 05:08 PM
wah wah
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Niraj Pandey
09-Oct-2021 04:31 PM
बहुत अच्छे
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Shalini Sharma
29-Sep-2021 12:02 PM
Very nice
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