आत्मा
"आत्मा"
किताबों के पन्ने तो पढ़ लेते हैं लोग
क्या कभी आत्मा को भी पढ़ पाते हैं...?
हमेशा चाहते हैं नश्वर शरीर को
क्या कभी आत्मा को भी समझ पाते हैं...?
खूब संवारते हैं इस काया को
क्या कभी आत्मा को भी सवांर पाते हैं...?
छोड़ के मोह इस नश्वरता का
क्या कभी आत्मा को भी पहचान पाते हैं...?
यूं मूंद करके दोनो चक्षुओं को अपने
क्या खुद में भी कभी झांक पाते हैं...?
छोड़ के इन सारे आडंबरों को
क्या कभी परमात्मा से भी मिल पाते हैं...?
ढूंढा जिस खूबसूरती को दुनियां में
क्या उसे आत्म में भी ढूंढ पाते हैं...?
रहते हुए भी इस संसार सागर में
क्या कभी आत्मा को आत्मा से मिला पाते हैं...?
कविता गौतम...✍️
प्रतियोगिता हेतु ।
Shrishti pandey
25-Dec-2021 09:05 AM
Nice
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Abhinav ji
24-Dec-2021 11:08 PM
Nice
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Swati chourasia
24-Dec-2021 08:18 PM
Bohot hi sundar rachna 👌👌
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