Payal vaya

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शायरी

फूल के बिना खुशबू नही होती,

दीप के बिना रोशनी नही होती,
आत्मा के बिना जीवन नहीं होता,
धर्म के बिना मुक्ति नहीं मिलती ।।


मैं सुखी घास का तिनका हूँ, 
मुझे चंदन बनना है ।
जलाकर  ज्ञान की भट्ठी,
मुझे कुंदन बनना है ।
कलम बिना शून्य सा जीवन,
कलम ही श्वास मेरी हैं ।
मुझे उस काव्य का पावन सदा,
बंधन बनना हैं ।।।।

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