लेखनी डायरी- 28-12-2021 नवम्बर
दिनांक: 28/12/2021- नवम्बर
जीवनसाथी के साथ से कुछ बढ़कर नहीं जिंदगी में। अच्छे जीवनसाथी के होने से जिंदगी में, बड़ी से बड़ी तकलीफ भी इंसान आसानी से झेल लेता है और उनसे बाहर भी निकल जाता है।
अबकि बार गाँव में पतिदेव ने मेरा बहुत खयाल रखा, मुझे ज़रा सी भी तकलीफ नहीं होने दी। कमर दर्द की शिकायत के कारण घर का काम करने में असमर्थ थी, इसलिए आई और पतिदेव ने मिलकर सफाई का जिम्मा ले लिया था और खाना पड़ोस में जो रहतीं है वहिनी(भाभी) उनसे बनवा लिया था।
गाँव का प्रवास काफी सुकून भरा रहा बस इधर-उधर घूमना ज्यादा हो गया, जिस वजह से तबियत बिगड़ गयी। वैसे ये अच्छा हुआ कि तबियत शादी के दो दिन बाद बिगड़ी, वरना फंक्शन का मजा किरकिरा हो जाता।
कल हम सिद्धिविनायक के दर्शन के लिए गए थे, जो नहीं हो पाए। कोरोना के कारण दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग करवानी पड़ती है, जिसका हमें पता नहीं था। कुछ एजेंट पैसे लेकर दर्शन करवाने की सुविधा दे रहे थे लेकिन पैसे देकर दर्शन करना हमें ठीक नहीं लगा। फूल बेचने वाली पहले तो पीछे पड़ रही थी फूल खरीदने की लेकिन जब हमने हाथ जोड़कर कहा....हमें नहीं चाहिए तो उसने बड़ा बेकार सा इशारा करते हुए कहा....आगे जाओ, जो मुझे अच्छा नहीं लगा।
बाद में हम पैदल ही दादर घूमने लगे। कोरोना के बाद से हम पहली बार इस तरह घूम रहे थे सड़कों पर। मैं चलते-चलते थक जाती तो वो एक साफ़ जगह देखकर मेरे साथ बैठ जाते। कुछ देर बैठकर, पानी पीकर हम फिर चलने लगते। जब ज्यादा थकने लगी तो पतिदेव ने मेरा हैण्ड बैग खुद से अपने कंधे पर टांग लिया और मैं खाली हाथ आराम से चलती रही। इस बात से मुझे कबीर सिंह फिल्म की याद आ गयी, इसमें हीरो हमेशा हीरोइन का बैग अपने कंधे पर टांग लिया करता था।
हमने कोई शॉपिंग नहीं की, बस हम एक दूसरे का हाथ पकड़कर आराम से चलते रहे । आज भी पतिदेव ने दो बार फोन करके तबियत के बारे में पूछा, दवाई खाने का समय याद दिलाया। एक दूसरे का ख्याल रखना ही असली प्यार है।
ज़्यादा तारीफ करना मुझे पसंद नहीं है, लेकिन उन्होंने जो भी किया मेरे लिए, मुझे बहुत अच्छा लगा।
❤सोनिया जाधव
#डे
🤫
28-Dec-2021 09:19 AM
खूबसूरत यादें, बेहतरीन डायरी लेखन
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