लेखनी कहानी -28-Dec-2021 खुशी
ख़ुशी हर जगह मौजूद होती है, बस हमें उसे हाथ फैला कर अपने गले लगाने भर की देर होती है।
असली खुशी वह होती है जो आप के साथ साथ
औरों को खुश करे।
आप की खुशी किसी के दुख का कारण बनती है तो आप को अधूरी ख़ुश मिलतीहै मगर अन्य केलिए पूरी पीड़ा है।
किसी को पीड़ित देख वास्तव में कैसे खुश रहा जा सकता है।
असली खुशी सबकी ख़ुशी में होती है
ख़ुशी एक अहसास हैं जो हमारे शरीर में स्पंदन, स्फूर्ति व जोश पैदा करने का काम करती है।
आपने भी अहसास किया होगा की जब कभी हम किसी अवसाद में डूबें होते है और अचानक हमें कोई अच्छा समाचार सुनने को मिलता है तो हमारे शरीर में तरंगे बहने लगती है। और हमारे चेहरे पर ख़ुशी एक मुस्कान के रूप में दिखने लग जाती है।
खुशी केवल एक पल नहीं है जब आप संतुष्ट हैं और आप खुश हैं। यह अनमोल समय है जब आपके काम के कारण अन्य सभी लोग खुश महसूस करते हैं। सच खुशी हालांकि, दिल से आती है न कि मुंह से छोटी मुस्कुराहट से। तो, यह मेरे अनुसार खुशी है
खुशी आप का सोचा हुआ कार्य हो जाता है तब अन्तरात्मा का सुखद अहसास ही सच्ची खुशी हैं। आपने कभी उस छोटी-सी बच्ची से देखा जिसे उसके पिता जी ने उसके जन्मदिन पर एक छोटी-सी गुड़िया भेंट दी हो। यही वह लम्हा होगा कि उस बच्ची के चेहरे पर जो भाव होगें वहीं तो खुशी है।
आप ने कभी महुसस किया होगा कि मन को सुकून देने वाले लम्हें ही खुशी है तथा जो पीड़ा दे वह दुख है। आपने जो दु:ख, तकलीफ के बाद सुखद अहसास महसूस किया होगा वहीं खुशी हैं
कवि
अजय कुमार
Sunanda Aswal
29-Dec-2021 07:40 AM
बहुत सुंदर प्रस्तुति
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