Astha Singhal

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इससे मज़ेदार ज़िन्दगी और क्या होगी!!

इससे मज़ेदार ज़िन्दगी और क्या होगी



बसंत की वो खिलखिलाती सुबह,
चारों ओर फूलों से सजी बगिया,
और हाथ में गर्मागर्म चाय का कप,
इससे मज़ेदार ज़िन्दगी और क्या होगी।।

रंग-बिरंगे फूलों को निहारते हुए
उस सुबह का आनंद लेते हुए,
मज़े से चाय की चुस्की लेते हुए,
इससे मज़ेदार ज़िन्दगी और क्या होगी।।

बारिश के मौसम में जब,
सुबह - सुबह छत पर,
हल्की फुहार पड़ती है,
तब मन मोर की तरह नाच उठता है।
ऐसी भीगी- भीगी सुबह का स्वागत,
एक कड़क चाय ही कर सकती है।।

मिट्टी की सौंधी-सौंधी महक,
और अदरक की कड़क खुश्बू,
चाय को और भी मज़ेदार बना देती है,
इससे मज़ेदार ज़िन्दगी और क्या होगी।।

सर्दियों की कड़ाकेदार ठंड की वो खिलखिलाती सुबह,
जब हाथों के साथ पूरा शरीर सुन्न हो,
तब, अदरक, काली मिर्च की चाय की लपटें
शरीर और मन दोनों को ताज़ा कर देती हैं।।

सिर पर टोपी, हाथों में दस्ताने पहने
मुंह से धुंआ निकालते हुए हम,
उस सुहानी सुबह का आनंद लेने खिड़की के पास
हाथों में गर्मागर्म चाय का कप लिए
ठंड से ठिठुरते अपने शरीर को,
चाय की गर्माहट से ताज़गी देते हुए हम,
यही कहते हैं अपने आप से,
इससे मज़ेदार ज़िन्दगी और क्या होगी।।

मौसम आते जाते रहेंगे,
जीवन यूं ही गतिमान रहेगा,
पर, हर सुहानी सुबह का आगाज़,
एक कप गर्म चाय से ही होगा।

इससे मज़ेदार ज़िन्दगी और क्या होगी।।

🙏

आस्था सिंघल



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10 Comments

Shrishti pandey

30-Dec-2021 09:30 PM

Nice one

Reply

Astha Singhal

31-Dec-2021 07:53 AM

Thanks

Reply

Swati chourasia

30-Dec-2021 12:41 PM

Very nice 👌

Reply

Astha Singhal

31-Dec-2021 07:54 AM

Thanks

Reply

Abhinav ji

30-Dec-2021 09:01 AM

Very nice

Reply

Astha Singhal

30-Dec-2021 11:14 AM

Thanks

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