Ajay Kumar

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लेखनी प्रतियोगिता -30-Dec-2021 विश्वास घात

झूठी सारी बातें,धोखा हर तक़सीम। 
गांव से शहर तक,कड़वे सारे नीम।

जिसको जितना भरोसा करो। 
वो हि विश्वास घात करता की

ऐसे हि मेरे साथ हुवा
मै और मेरा दोस्त
की कहानी है
हम 11वी कक्षा मे मित्रता हुई
फिर एक दूसरे के साथ रहने लगे
फिर मै मित्र के घर गया फिर
 कुछ दिन बाद मैने बुलाया वो मेरे घर आया
फिर और ग़हरी मित्रता हो गई
हम बहुत हि घनिस्ट मित्र बन गये
 एक दूसरे से बहुत प्यार करने लगे
एक दूसरे के बिन नही रह पाते थे

फिर परिवार मे सभी लोग जान गये
फिर परिवार का एक सदस्य मानने लगे
भाई से बढ़के मैने चाहा
मुझे नही पता था की 
वो मेरे साथ विश्वास घात कर जाएगा 

वो अपने  घर से ज्यादा मेरे घर मे रहने लगा 
मुझे फिर भी कुछ फर्क नही पड़ा 

फिर वो मेरे साथ लेटा था रात मे मेरी अचानक नींद 
खुली तो मैने देखा की मेरे हि घर मे रहके गलत करने लगा

फिर मुझे इतना रोना आ रहा था की मै किसी को बता नही
पाया की ये मेरे साथ ऐसा किया जहा तक की मैने अपने घर मे भी
नही बताया की वो ऐसा किया तो

और उसे भी मालूम हो गया है की मेरा मित्र जान गया है
फिर भी  उसे कुछ फर्क नही पड़ा

तभी से मै उतना मतलब नही रखता हु जब घर आ जाता है तो मै
बहुत सतर्क रहता हु

इसलिए किसी का विश्वास नही करना चाहिए
         यही तक मेरी कहानी 

कवि
अजय कुमार







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3 Comments

DRX.Ajay kumar

11-Jan-2022 08:36 PM

Bahut badiya likhte ho sir aapko to reworded milna chahiye

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Shrishti pandey

30-Dec-2021 11:58 PM

Nice

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Gunjan Kamal

30-Dec-2021 06:47 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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