Jahnavi Sharma

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आई नो... यू नो..! (भाग-4)

इंस्पेक्टर मोहित शर्मा और वह कॉन्स्टेबल अभी भी उस फुटेज को बार-बार देखे जा रहे थे.... ताकि उन्हें उस आदमी के खिलाफ कुछ तो सबूत मिल पाए। उन्होंने उस क्लिप के अलावा एक - दो और भी क्लिप्स देखी, जिसमें वह आदमी दिख रहा था। लेकिन किसी भी फुटेज में उसका चेहरा साफ दिखाई नहीं दे रहा था। वह व्यक्ति इस हिसाब से चल रहा था मानो उसे होटल के एक- एक कोने की पूरी जानकारी हो कि कहां पर कैमरा लगा हुआ था और कहां पर नहीं.....

    
    "इसी वक्त होटल जाओ और वहां के गार्ड से उन लोगों का डाटा कलेक्ट करो, जिन की होटल में कल के दिन एंट्री या एग्जिट हुई थी। शायद उसे देखकर कुछ पता चल जाए। तब तक मैं विराट सिंघानिया से भी पूछताछ कर लूँ।,"इंस्पेक्टर शर्मा वहां से उठते हुए बोले।
    
    "लेकिन सर यह आदमी विराट सिंघानिया नहीं हो सकता। भले ही उसकी शक्ल नहीं दिखाई दे रही हो, लेकिन कद काठी से साफ पता चल रहा है कि इसकी लंबाई ज्यादा नहीं है। विराट की हाइट अच्छी खासी है और दिखने में भी फिट है। इस आदमी की हाइट कम होने के साथ-साथ ये थोड़ा हट्टा कट्टा भी है। यह तो इसने सिर पर हैट लगा रखी है, वरना इस के बाल देखकर उम्र का थोड़ा बहुत तकाजा तो कर ही सकते थे", कॉन्स्टेबल अभी भी सीसीटीवी को देख रहा था।
    
    "मै पूछताछ करने जा रहा हूं कॉन्स्टेबल। मिस्टर राम सिंघानिया अपने लॉयर के साथ पहुंचते ही होंगे। मै नही चाहता वो लोग मेरी पूछताछ में कोई भी दखलअंदाजी करें। हो सके तो उन्हें बाहर ही रोक कर रखना।", इंस्पेक्टर शर्मा ने इंवेस्टिगेशन रूम की तरफ बढ़ते हुए कहा।
    
    इंस्पेक्टर शर्मा पूछताछ करने के लिए इंवेस्टीगेशन रूम में गए। यह एक छोटा सा कमरा था, जिसके बीचो बीच एक बड़ा सा टेबल और दो कुर्सियां रखी थी। विराट और पाखी वही साथ में बैठे थे। पाखी इंस्पेक्टर शर्मा को देख वहाँ से खड़ी हो गयी।
    
    मिस्टर राम सिंघानिया भी अपने लॉयर के साथ पुलिस स्टेशन पहुंच चुके थे। लेकिन जैसा कि इंस्पेक्टर शर्मा ने कॉन्स्टेबल को इंस्ट्रक्शंस दिए थे कि किसी को भी अंदर नहीं आने दिया जाए, तो कॉन्स्टेबल उन्हें बाहर रोकने की पूरी कोशिश कर रहा था।
    
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    इन्वेस्टिगेशन रूम
    
    "मिस पाखी एक सीबीआई ऑफिसर होने के नाते आप अच्छे से कॉर्पोरेट करेंगी, तो ज्यादा सही रहेगा।, "इंस्पेक्टर शर्मा ने इन्वेस्टिगेशन रूम के अंदर आते हुए कहा, "इस केस में अभी तक सीबीआई इंवॉल्व नहीं हुई है, तो आप इन्वेस्टिगेशन रूम में नहीं रुक सकती है। "
    
    पाखी ने विराट की तरफ देखा और बोला, "हां ऑफिसर! एक सीबीआई ऑफिसर की नजरों से कोई भी क्रिमिनल छुप नहीं सकता। फिर विराट को तो मैं बहुत पहले से जानती हूं। विराट बेगुनाह है सर। और इन्वेस्टिगेशन से आपको भी पता चल ही जाएगा। बाकी मैं तो बाहर चली जाऊंगी... लेकिन आप अपनी लिमिट क्रॉस मत कीजिएगा। मत भूलिए कि विराट अभी एक सस्पेक्ट है... ना कि कोई क्रिमिनल।"
    
    "थैंक्स मिस पाखी! मुझे अपनी ड्यूटी और रूल्स याद दिलाने की कोई जरूरत नहीं है। मुझे अच्छा से पता है कि एक सस्पेक्ट या किसी मुजरिम के साथ कैसा बिहेव किया जाता है। थैंक्यू सो मच... दरवाजा उधर है।," इंस्पेक्टर शर्मा ने पाखी को दरवाजे की तरफ इशारा करते हुए कहा।
    
    "डोंट वरी विराट.... आई एम ऑलवेज विद यू। जो भी है, जैसा भी है। प्लीज इन्हें बता देना। आई ट्रस्ट यू विराट... और मैं जानती हूं कि तुम कभी गलत हो ही नहीं सकते, पाखी ने बाहर जाते हुए कहा। पाखी की बातों से साफ झलक रहा था कि उसे विराट पर कितना विश्वास था।
    
    रात के 8:00 बज रहे थे और इंस्पेक्टर शर्मा की ड्यूटी खत्म होने का वक्त हो चुका था। लेकिन वह नहीं चाहते थे कि उनके अलावा कोई और विराट से पूछताछ करें। इसलिए उन्होंने पहले ही कमिश्नर साहब से विराट से पूछताछ करने की परमिशन ले ली थी।
    
    "हेलो मिस्टर विराट सिंघानिया! मुझे पूरी उम्मीद थी कि एक दिन हम यहां ऐसे जरूर मिलेंगे।" इंस्पेक्टर शर्मा ने मुस्कुराते हुए कहा।
    
    "मोहित जो भी हुआ... वो पास्ट था। पिछली बातों को लेकर तुम मुझे इस केस में जज नहीं कर सकते हो। गलतियां सबसे होती है और हम उस वक्त कॉलेज में थे। ट्रस्ट मी मैं बिल्कुल बदल गया हूं।" विराट ने गिड़गिड़ाते हुए कहा।
    
    " ओह तो तुम्हें याद है कि मैं कौन हूं? लेकिन यह बात कभी मत भूलना कि किसी भी इंसान की फितरत कभी नहीं बदलती। अच्छे से जानता हूं मैं तुम्हें... भोली भाली लड़कियों को फसाना, उन्हें घुमाना - फिराना, उनके साथ राते बिताना और बाद में उन्हें रोते हुए छोड़ देना। हमेशा से तुम यही करते आ रहे हो.... विराट सिंघानिया। तुम मुझे याद रखो या ना रखो। मैं यह कभी नहीं भूलूंगा कि आज से 5 साल पहले तुमने मेरी बहन शिवानी के साथ क्या किया था"  इंस्पेक्टर शर्मा की बातों से विराट के प्रति उनका दर्द और गुस्सा साफ झलक रहा था।
    
    "मोहित शिवानी ने खुद सुसाइड की थी। उसमें मेरा कोई इंवॉल्वमेंट नहीं था। मैंने उसे पहले ही बता दिया था कि मेरी सगाई पाखी से बचपन में ही हो चुकी है। उसके बावजूद वह मेरे पीछे पड़ी थी। मैं....."
    
    विराट अपनी बात पूरी करता उससे पहले ही मोहित गुस्से में जोर से अपना हाथ बेंच पर पटकता हुए बोला, "माइंड योर लैंग्वेज मिस्टर विराट सिंघानिया! मेरी बहन तुम्हारे पीछे नहीं पड़ी थी। बल्कि तुम उसके पीछे पड़े थे। उस भोली भाली, मासूम लड़की को अपने बातों में फंसा कर तुमने उसे इस हद तक पागल कर दिया कि उसे जीने से बेहतर अपनी जान देना आसान लगा। सजल के साथ भी तुमने यही किया होगा ना? बहुत आसान होगा तुम्हारे लिए उसे पटाना... वो तुम्हारी कंपनी की मॉडल जो थी। तुम देखने में भी अच्छे खासे लगते हो। ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती होगी ना। अच्छा खासा घुमाया फिराया होगा और फिर मार के फेक दिया होगा। लेकिन उस ऊपर वाले का इंसाफ भी तो देखो। जब किसी के पाप का घड़ा भर जाता है, तो उसे अपने किए की सजा भुगतनी ही पड़ती है। यही तुम्हारे साथ हुआ है। तुमने जो किया है, उसकी सजा तो मैं तुम्हें दिलवाकर रहूंगा। "
    
    " तुम बिना मेरा गुनाह प्रूफ किए मुझे कोई सजा नहीं दे सकते इंस्पेक्टर मोहित शर्मा! हो कौन तुम ? औकात क्या है तुम्हारी? एक मामूली सा इंस्पेक्टर... मैं विराट सिंघानिया हूं। अरे तुम्हारे ऊपर ऐसे बहुत बैठे हैं, जिनके सामने नोटो की एक गड्डी फैकते ही आ जायेंगे तलवे चाटते हुए। फिर तुम बैठे रहना अपने इंसाफ की किताब लेकर इसी पुलिस स्टेशन में। बस आज की रात....कल मैं इस पुलिस स्टेशन और तुम्हारी पहुंच....दोनों से दूर हो जाऊंगा. बाकी तुम्हें जो सोचना है सोचो, लेकिन मैंने सजल को नहीं मारा।" विराट ने चिल्लाते हुए कहा।
    
    जैसे ही विराट ने अपनी बात खत्म कि इंस्पेक्टर शर्मा इतना गुस्सा हो चुके थे कि उन्होंने कसके उसके गाल पर एक तमाचा जड़ दिया।
    
    " हाऊ डेयर यू ब्लडी बास्टर्ड.... " विराट गुस्से में चिल्लाया।
    
    "आवाज़ नीचे... वरना इस बंद कमरे से चीखें बाहर जाएगी। जो पूछ रहा हूं उसका सीधे-सीधे जवाब देना।", इंस्पेक्टर शर्मा ने पूछताछ आगे बढ़ाते हुए कहा, "क्या मन भर गया था सजल से... या वह भी शादी की जिद करने लगी थी? नहीं ऐसा नहीं हुआ होगा... शायद उससे भी खूबसूरत कोई और मिल गई होगी। एक से तुम्हारा मन कहां भरता है. ..विराट सिंघानिया। "
    
    "तुम्हें जो सोचना है सोचो। लेकिन मैंने सजल को नहीं मारा और तुम्हारे दबाव में आकर मैं अपना बयान बिल्कुल नहीं बदलने वाला हूँ। अगर तुमने मुझे ज्यादा प्रेशराइज किया तो मैं तुम्हारे अगैस्ट कंप्लेंट कर दूंगा कि तुमने मुझे मारपीट कर मेरा बयान बदलने के लिए मुझे मजबूर किया था। और तेरे उस थप्पड़ का जवाब भी तुझे जरूर मिलेगा। सजल को तो मैंने नहीं मारा लेकिन शिवानी...... ", विराट बेशर्मी से अपनी गलतियाँ बताये जा रहा था, "हाँ तो क्या बोल रहे थे तुम? मन भर गया होगा। हां सच में तुम्हारी बहन से मन भर गया था। किसी काम की नहीं थी। बस सारे दिन सच्चे प्यार और शादी पर लेक्चर देती रहती थी। अरे शादी पाखी जैसी लड़कियों से की जाती है.....शिवानी जैसी लड़कियों से नहीं। उनसे तो सिर्फ रात को ही मन बहलाया......"
    
    विराट अपनी बात पूरी करता, उससे पहले ही इंस्पेक्टर शर्मा इतना गुस्सा हो गए कि वह उसके बाल पकड़कर उसका सिर बेंच के जोर से भिड़ाया।
    
    "आहह.... " इसी के साथ विराट दर्द से कराह उठा।
    
    "यू ब्लडी चीप...अपनी बहन को तो इंसाफ नहीं दिला पाया लेकिन इस बार तुम बचने वाले नहीं हो...विराट सिंघानिया", इंस्पेक्टर शर्मा गुस्से में तमतमा उठे और साथ ही वह समझ चुके थे कि विराट आसानी से मुंह खोलने वाला नही था।
    
    "विराट और मोहित दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। उसी कॉलेज में मोहित की छोटी बहन शिवानी ने भी एडमिशन लिया था। शिवानी हमेशा से ही विराट को पसंद करती थी। सिंघानिया फैमिली का नाम होने की वजह से अक्सर उसकी और उसकी फैमिली की न्यूज़ टीवी या मैगजीन में मिल ही जाती थी। विराट भी सिंघानिया परिवार का बड़ा बेटा होने कारण पूरे कॉलेज में फेमस था। विराट दिखने में बहुत हैंडसम और एक रईस परिवार से बिलॉन्ग करता था, तो लड़कियां ऐसे ही उसके पीछे पागल थी। विराज भी उन्हें खिलौनों की तरह इस्तेमाल करता था। जब दिल किया उनके साथ जी भर के खेलता और जब मन किया उन से पीछा छुड़ा लेता था।
    
    यहीं उसने विराट की बहन शिवानी के साथ किया। शिवानी यह बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसने आत्महत्या कर ली। सिंघानिया परिवार ने यह बात पुलिस स्टेशन तक आने ही नहीं दी, उससे पहले ही शिवानी को पागल घोषित करके केस रफा-दफा करवा दिया। लेकिन मोहित के दिल में आज भी विराट सिंघानिया के लिए नफरत और गुस्सा था और अब तो उन्हें विराट को सजा दिलाने का मौका भी मिल चुका था।
    
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    अगले दिन
    
    इंस्पेक्टर शर्मा ने पूरी रात विराट से पूछताछ करने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह तो अपना मुंह खोलने को तैयार ही नहीं था। इंस्पेक्टर शर्मा विराट के साथ इंवेस्टिगेशन रूम से बाहर आए..... तो बाहर मिस्टर राम सिंघानिया रात से अपने लॉयर अमित वर्मा के साथ विराट से पूछताछ खत्म होने का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही इंस्पेक्टर शर्मा बाहर आए, अमित वर्मा ने जरूरी कागजात को जमा करवाकर विराट को वहां से रिहा करवा कर ले गए। विराट ने जाते हुए इंस्पेक्टर शर्मा को मुस्कुराते हुए देखा, मानो वह उनका मजाक उड़ा रहा हो। "
    
    दूसरी तरफ पूरे मुंबई में सजल के कातिल को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग उठने लगी। सजल के परिवार से लेकर उसके फैंस तक सीबीआई जांच की मांग करने लगे.... हालांकि कमिश्नर ने आगे आकर बयान दिया और सब को आश्वासन दिया कि पुलिस इस केस को जल्द से जल्द निपटाने की कोशिश करेगी।
    
    शाम तक सजल की डेडबॉडी की एंटीमार्टम रिपोर्ट भी आ चुकी थी। पुलिस स्टेशन में इस केस को हैंडल करने वाली टीम की मीटिंग हो रही थी, जिसमें फॉरेंसिक डिपार्टमेंट से डॉक्टर नंदिता दास मौजूद थी। वहाँ बैठे लोग उस रिपोर्ट के आधार पर कत्ल के तरीके के बारे मे बात कर रहे थे।
    
    "तो क्या सजल की मौत पंखे से कटने से हुई थी नंदिता? ", इंस्पेक्टर शर्मा ने हैरानी से पूछा, "और उसे इतना ऊपर लटकाया किसने होगा? उस रॉनी से अभी तक ज्यादा पूछताछ नहीं हो पाई है। जब से उसने वह लाश देखी है, वह तो मानो किसी सदमे में चला गया हो। मुंह से एक शब्द भी नहीं निकाला। मुझे नही लगता ये उसका काम हो सकता है। "
    
    वहां मौजूद हर एक व्यक्ति यह जानना चाहता था कि सजल की मौत आखिर कैसे हुई।
    
    सबकी बात सुनकर नंदिता ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा, "डेडबॉडी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने में 3 से 4 दिन लग जाएंगे। इस एंटीमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक अभी सिर्फ इतना ही पता चल पाया है कि सजल की मौत एक धारदार हथियार से की गई थी। "
    
    "और वो धारदार हथियार क्या हो सकता है? " शर्मा ने पूछा।
    
    नंदिता ने इंस्पेक्टर की बात का जवाब देते हुए कहा, "उसका अभी तक पता नहीं चल पाया है। सजल के पेट के निचले हिस्से पर किसी ने इतने आवेश से वार किया था कि उसकी जान लेने के लिए एक ही वार काफी था। लेकिन सबसे स्ट्रेज बात तो यह है कि सजल की बॉडी पर जहां वार किया था, वहां बॉडी के अंदर पानी की मात्रा भी पाई गई है। ऐसा लगता है किसी ने सजल को मारकर उसके घाव को धो दिया हो। लेकिन बाहर पानी से धोना समझ आता है, लेकिन बॉडी के अंदर पानी का मिलना.... बहुत हैरत की बात है। मर्डर वेपन क्या हो सकता है, अभी इसके बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया है"
    
    जैसे ही नंदिता ने अपनी बात खत्म की, सारे आश्चर्य से एक दूसरे का मुंह देखने लगे। अक्सर उन्होंने यही देखा था कि अगर किसी लाश पर किसी धारदार हथियार से वार किया गया हो, तो बॉडी पूरी तरह खून से लथपथ मिलती थी। इस तरह से सजल का मरना और मरने के बाद उसकी डेड बॉडी के घाव को धोकर... उसे ऊपर झूमर के बांध देना। अलग ही तरह की दरिंदगी दिखा रहा था।  ऐसा उन्होंने बहुत ही कम कैसेस में देखा था।
    
    "लगता है कातिल की बहुत पुरानी रंजिश थी सजल के साथ या यू कहा जा सकता है कि वह उस से बहुत नफरत करता था। अभी तक मिले सबूतों के हिसाब से हमारा प्राइम सस्पेक्ट विराट सिंघानिया और वह सीसीटीवी फुटेज वाला आदमी है, जो सजल का गला दबाने की कोशिश कर रहा था", इंस्पेक्टर शर्मा ने कहा।
    
    "लेकिन सर विराट सिंघानिया की कॉल डिटेल से भी कुछ खास पता नहीं चल पा रहा। ऊपर से सजल उनके ब्रैंड की मॉडल भी थी, तो अक्सर विराट और सजल में लंबी बातचीत होती रहती थी। उस होटल वाले आदमी के बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चल पा रहा। उस रात वहाँ उनके अलावा और कोई भी शख्स मौजूद नहीं था",सब इंस्पेक्टर दत्ता ने कहा।
    
    "तीन-चार दिनों में सजल की बॉडी की कंप्लीट पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ जाएगी। जैसे ही पूरी बॉडी का एनालिसिस हो जाएगा, तो हर एक राज अपने आप खुलता चला जाएगा। ", नंदिता ने कहा।
    
    "सजल के घर से भी कुछ खास बरामद नहीं हुआ। सजल अक्सर घर से बाहर ही रहती थी। उसके अपने घर वालों से कुछ खास बनती नहीं थी, तो उन्हें नहीं पता होता था कि सजल कौन से वक्त पर कहां होती थी", कॉन्स्टेबल ने कहा।
    
    " क्या सजल के घर वालों के पास भी उसे मारने का कोई मोटिव हो सकता है? ",इंस्पेक्टर शर्मा ने अंदाज़ा लगाते हुए कहा, "लेकिन बार-बार मेरी शक की सुई विराट पर ही आकर रूकती है. मैं नहीं चाहता यह केस सीबीआई के पास जाए। अगर यह कैस सीबीआई के पास गया, तो कैसे ना कैसे करके पाखी जैन इस केस में इंवॉल्व हो जाएगी और वह पूरी कोशिश करेगी विराट सिंघानिया को बचाने की।"
    
    इस केस पर सभी व्यक्ति अपनी- अपनी राय रख रहे थे कि तभी अचानक कॉन्स्टेबल के पास एक कॉल आया। जैसे ही उसने कॉल पर बात खत्म की, उसने इंस्पेक्टर शर्मा को के कान मे आकर कुछ फुसफुसाया।
    
    इंस्पेक्टर शर्मा ने कहा,"लगता है हमारा होटल वाला सस्पेक्ट अब पकड़ा जाएगा। उस वक्त होटल में एक कपल आया हुआ था, जो कि उस समय अपनी फोटोज क्लिक कर रहा था। बैकग्राउंड में सजल और उस आदमी की फोटो इस तरह से आई हुई है कि उस व्यक्ति का चेहरा साफ दिखाई दे रहा है।  वह कपल अभी कुछ देर में पुलिस स्टेशन पहुंचता ही होगा। बस अब तो हमारे और उस सस्पेक्ट के बीच एक ही कदम की दूरी है।"
    

    क्रमशः.....
    
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    एंटी मार्टम और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कन्फ्यूजन ना हो, इसलिए बता देती हूं, "एंटी मार्टम रिपोर्ट किसी भी व्यक्ति के मरने के 1 दिन बाद आ जाती है...जिसमें सिर्फ मौत की वजह का ही पता लगाया सकता है। जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पूरी बॉडी का एनालिसिस किया जाता है। जिसमें उसके मरने से पहले या मरने के बाद की चोटों से लेकर मरने के समय का भी पता लगाया जा सकता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट लगभग 3 से 4 दिन में बनकर तैयार होती है।





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4 Comments

Seema Priyadarshini sahay

07-Feb-2022 06:33 PM

बहुत ही रोचक है कहानी आपकी।अच्छी जानकारी दी आपने पोस्टमार्टम और एंटीमार्टम के बारे में

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सिया पंडित

29-Jan-2022 12:21 AM

Okay ma'am, thanks for information, Bat kre kahani ki pichhli khani ki tarah ye kahani bhi aapki dhamakedar h, padh kar maja aa raha h lekin agle part me itna der.. please upload soon ma'am

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Jahnavi Sharma

27-Feb-2022 03:01 PM

New parts uploaded

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Sandhya Prakash

25-Jan-2022 07:58 PM

अगले भाग में इतनी देर...

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