Sonia Jadhav

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लेखनी डायरी- 31-12-2021 अलविदा 2021

31/12/2021- अलविदा 2021

आज साल का आखिरी दिन है। कल से नया साल शुरू हो जाएगा। इस साल खास क्या हुआ, कुछ नहीं। हाँ इस साल कमर दर्द उपहार में मिल गया। करियर तो पहले से ही ढप पड़ा था। उसमें भी कोई इजाफा नहीं हुआ। जिंदगी में  व्यक्तिगत तौर और आर्थिक तौर पर कुछ ऐसा नहीं हुआ जिसके बारे में कोई बात की जाए। लेखन की बात की जाए तो ऐसा लगता है अभी बहुत दूर जाना है। जब भी बढ़िया लेखकों की रचनाएं पढ़ती हूँ तो लगता है जैसे लेखनी में बहुत कमी है।

जिंदगी से उम्मीद कुछ करते हैं और जिंदगी में होता कुछ और है। लगा था जैसे इस साल कोरोना ख़त्म हो जाएगा लेकिन ऐसा हुआ कुछ नहीं। कोरोना के भाई बहन आये दिन अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते ही रहते हैं। पिछला साल व्यक्तिगत तौर पर बेकार रहा और इस साल भी ऐसा कुछ खास नहीं हुआ जो मन को खुश कर सके। बस ऐसा लग रहा है चलो एक साल और गुज़र गया। आने वाले साल के बारे में कुछ सोचा नहीं है। बस यही चाहती हूँ जो भी हो अच्छा हो। इस साल लेखनी से जुड़ने का मौका मिला, नए लेखकों की रचनाओं को पढ़ने का मौका मिला, अच्छा लगा। आने वाला साल सभी लोगों के लिए खुशियाँ लाए, यही प्रार्थना है ईश्वर से।


2021 तुझसे कोई शिकायत नहीं, 

न ही 2022 से कुछ उम्मीद है।

जिंदगी जैसी भी है,

 हर हाल में मंजूर है।

❤सोनिया जाधव

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