धारा
प्यार खत्म नहीं होता।
जब साथ अपनो का छूटता है।
तो मन एक टीस उठती हैं।
दर्द तो दिल में होता है।
अशु धारा नयन से निकलती हैं।
प्यार प्यार होता है
बैकअप होने से खत्म नहीं होता।
अन्दर से खोखला हो कर इन्सा।
बस टुट जाता है।
इसमें ना कोई छुआ-छूत।
प्रेम का बन्धन है अटूट ।
प्यार तो प्यार होता है।
ये विश्वास खत्म नहीं होता।
श्री राम के वन जाने पर ।
पिता दशरथ ने तो अपनी ।
सांसे ही छोड़ दी ।
किसी का प्यार दूर जाने
से कम नहीं होता।
प्यार तो प्यार होता है
ये अहसास खत्म नहीं होता।
कोई मोल नहीं इस प्यार का।
सारी सांसे भी पडती कम ।
ये अनमोल है उसके लिए।
जिसने किया इसे अनुभव ।
प्यार तो प्यार होता है
किसी का ये फरमान नहीं होता।
प्यार तो परिवार का है साथी ।
जीवन को चलाने का है सारथी
किसी राजा की नहीं होती सियासत ।
प्यार तो प्यार होता है।
किसी की लालसा का अधिकार नहीं होता।
प्यार तो प्यार होता है।
बैकअप होने से खत्म नहीं होता।
नीलम गुप्ता 🌹🌹(नजरिया )🌹🌹
murtaza
06-Jun-2021 11:07 AM
👍👍👍👍
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NEELAM GUPTA
31-May-2021 10:12 AM
आपका बहुत बहुत आभार
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Seema Priyadarshini sahay
30-May-2021 11:44 PM
बहुत ही खूबसूरत रचना
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