यस आई एम— 41
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लड़की के मुंह से इतनी बात सुन कर उदय ने राहत की सांस ली और वह खुद को सामान्य बनाने की कोशिश करने लगा क्योंकि जब भी वह लड़की के सामने आता था तो उसे देखकर उसकी हालत खराब हो जाती थी, इसी हालत के चलते वह लड़की के सामने अपने मुंह से एक एक शब्द भी बड़ी मुश्किल से बोल पा रहा था। लड़की ने एक तरह से डायरेक्ट या फिर इनडायरेक्ट वे में उसकी फीलिंग्स ही पूछ ली थी इसी वजह से उसे खुद को सामान्य बनाने में थोड़ा वक्त तो लगने ही वाला था। लड़के की समझ में नही आ रहा था की वह अपनी कहानी कैसे बताए इसी उधेड़ बुन में वह लड़की को इतना ही बोल पाया "क्या कहानी बतानी ज्यादा ही जरुरी है?"
लड़की ने अजीब से तरीके से उदय को देखा और फिर सपाट से भाव के साथ उसे देखते हुए बोली।
"मुझे जाननी है तभी तो तुम्हें पूछ रही हूं .........वरना क्यों पूछती.........? तुम खुद भी सेंस लगा सकते हो..........." इतनी बात कहने के बाद वह कुछ देर के लिए रुककर बोली। "कही ऐसा तो नहीं है जो तुमने मुझे कहा है या फिर बताया है........वह सब झूठ है? या फिर बस मुझे इंप्रेस करने का तरीका है जिसे सिम्पल लैंग्वेज में डायलॉग बाजी कहते है।"
लड़की के मुंह से इतनी बात सुन कर उदय का सिर घूम गया और इसी के साथ वह समझ गया की लड़की को इंप्रेस करना टेढ़ी खीर साबित होने वाली है। इसे इतनी जल्दी इंप्रेस नही किया जा सकता..........इंप्रेस करना तो दूर की बात अभी तो बात को संभालने के लिए पहले कोई सॉलिड सी कहानी सुनानी होंगी जिस से इसे यकीन हो जाए की ऐसा कुछ है भी .........अगर लड़की मान गई तो सबसे पहले इसके साथ दोस्ती करना सही रहेगा......बाकी की बातें तो दूर की बात।
वह आगे कोई सपना देख पाता लड़की उसकी आंखों के सामने चुटकी बजाते हुए बोली। "इतना सोचने की जरूरत क्यों पड़ रही है .............. ऐसा तो तब होता है जब सामने वाले को कोई कहानी बनाकर सुनानी होती है।"
इतनी बात सुनकर उदय की आंखें आश्चर्य से गोल हो गई। उदय लंबी गहरी सांस लेते हुए बोला। "एक दिन मैं आपके रेस्टोरेंट में आया हुआ था जहां पर मैने आपको पहली बार देखा और.............. देखता ही रह गया। मैने अपनी जिंदगी में पहली बार ऐसी लड़की को देखा था जिसे मैं जिंदगी भर देखने के लिए भी तैयार हो चुका था। उस दिन मेरा पूरा दिन आपको देखने में ही गया क्योंकि मेरा दिमाग आपको देखकर सुन सा हो गया था।"
लड़के की इतनी बात सुनकर वह मन ही मन सोचते हुए बोली। "वो तो मुझे बहुत अच्छे से मालूम है तुम मुझे उस दिन किस तरह से घूर रहे थे.............ऐसा लग रहा था अगर तुम्हारा बस चले तो मुझे कच्चा ही चबा जाओगे।" वह लड़के को अपनी कहानी को आगे बढ़ाने को बोली जिसके बाद उदय ने अपनी कहानी आगे सुनानी शुरु की।
"उस दिन तो मैं आपको बस देखता ही रहा.......वहां से आने के बाद मेरा किसी भी काम में मन नहीं लग रहा था पहले मुझे लगा की ऐसा मेरे साथ शायद तबियत खराब होने की वजह से हुआ है। पर जब मेरी हालत कई दिनों तक अजीबों गरीब रही और मेरा किसी काम में भी मन नही लगा। उसके बाद मुझे धीरे धीरे समझ आया की ऐसा क्यों हो रहा है। उसके बाद मैने आपके रेस्टोरेंट में डेली आना शुरू कर दिया पर ...........इस डर से कही आप मुझे गलत ना समझ ले मैने खुद पर काबू रखा जिस से मै आपकी नजरों में गलत साबित ना हो जाऊं इसके लिए मैंने खूब मेहनत की।
जब मुझे कुछ समझ नहीं आया तो मैंने अपनी दोस्त मीरा की हेल्प ली जिसने आपको मेरे बारे में क्या बताया क्या नही मुझे नही पता। पर वो बोली थी की वो सब संभाल लेंगी। पर उसने पता नही ऐसा क्या किया जो आप गुस्सा हो गई।" उदय इतनी बात कह कर चुप हो गया।
लड़की इतनी बात सुनकर मन ही मन सोचते हुए बोली।" ओह माय गॉड..........नही......थैंक गॉड इस बेवकूफ ने मुझे कोई कांड करते हुए नही देखा फिर पता नही इसके साथ क्या होता? इसकी किस्मत अच्छी है जो अभी तक इस पर मेरा दिमाग नही आया अगर आ गया होता तो अब तक ये भगवान के पास होता। कहते है ना वक्त से पहले कोई काम नही होता, अभी इसकी जिंदगी बची हुई है तभी तो यह मेरे हाथों से बचा हुआ है वरना अब तक तो इसका काम तमाम हो जाना था। खैर इस लड़का लोगों का कुछ नही हो सकता इनकी स्टोरी सुनकर ऐसा लग रहा है जैसे मै किसी घिसी पीटी मूवी की स्क्रिप्ट सुन रही हूं........जैसे ये अस्त सोच रहा है वैसे तो मैं कभी भी इंप्रेस ना होने वाली उल्टा हाइपर होकर इसे जरूर टपका दूंगी और क्या आधी अधूरी बातें बता रहे हो तुमने मेरी पीठ पीछे मेरे लिए क्या किया है मुझे सब मालूम है। इंसान की फिदरत ही ऐसी होती है वो उन्ही बातों को बताता या फैलाता है जिस से उसका फायदा हो। आज तक कोई खुद की बुराई करते हुए देखा है जो तुम अपनी करोंगे। खैर मुझे इस से क्या लेना देना जो मै तेरे बारे में क्यों सोचूं, जिसके बारे में सोचना होगा मैं तो उसे ही देखूंगी। कोई मेरे जैसा ही होगा जो मुझे पसंद आएगा और मेरे जैसा लोगों का उद्धार करने वाला मुझे नही लगता कोई ओर भी होगा।"
एक तरफ लड़की खुद से ही बातें कर रही थी दूसरी तरफ लड़का खुद की रामकथा सुनाने पर लगा हुआ था जिसे सुनने में मुझे तो बिल्कुल भी मजा नही आ रहा। वह लड़की सोच रही थी की मुझे इंप्रेस करने के लिए कोई खून खराबा होता तो मजा भी आता ऐसे रूखी सूखी कहानी में क्या मजा.....। इतनी बात सोच कर वह उदय को आगे की कहानी बताने के लिए बोलती है। जिसके बाद उदय आगे की कहानी सुनाना शुरू कर देता है।
" जब मुझे पता चला आपको मेरी वो हरकत अच्छी नहीं लगी तो मैने खुद को आपसे दूर कर लिया। पर.......मेरा आप से दूर जाकर बिल्कुल भी मन नही लगा तो मैंने डिसाइड किया की मै खुद आपको जाकर अपने दिल की बात बताऊंगा जिससे आपकी ये शिकायत ना रहे की मै अपने दिल की बात नहीं कह सकता। आज जब मैने आपको वन पीस ड्रेस में देखा तो मेरा खुद पर काबू ना रहा मतलब मैं खुद को आपसे बातें करने से नही रोक पाया। ये थी मेरी कहानी जो कुछ खास नहीं पर मैने इसमें एक एक फीलिंग्स और मूमेंट को फील किया है।"
इतनी कहानी सुनकर लड़की भावहीन तरीके से जवाब देते हुए बोली। "ये थी तुम्हारी कहानी। माफ करना.....मुझे इससे ऐसा नहीं लगता की तुम मुझ से प्यार करते हो। ये प्यार नही सब कोई चीज पसंद आने पर उसे पाने की जो ख्वाहिश होती है बस वो है।"
उदय लड़की की बात सुन कर भौचक्का रह गया। वह अपने चेहरे के भावों को छिपाते हुए बोला। "मै आपके लिए कुछ भी कर सकता हूं। मेरे पास बहुत सारी जमीन है जो आपकी ही होगी। लड़कियों को जो डर रहता है लड़का नही मानेगा वो भी नही रहेगा बल्ला बल्ला.............। एक बार आप हां कर दे आपके घर वालों को मै मना लूंगा।"
"मै इस बारे में अभी मुझे कोई बात नही करनी, मुझे इस बारे में सोचने के लिए वक्त चाहिए।" लड़की ने सीधे सीधे जवाब दिया।
"जैसी आपकी मर्जी! पर हम दोस्त तो बन ही सकते है?" उदय लड़की के मुंह की तरह देखते हुए बोली।
"ठीक है! मंजूर है।" लड़की ने जवाब दिया और वह उठकर वहां से चली गई। जाती हुई लड़की को उदय देखता रह गया।
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To be continued.................................!
Shrishti pandey
06-Jan-2022 10:27 AM
Nice
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