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यही मेरा प्रेम है!

सुनो, 
तुम किसी बहती नदी सी हो
मैं तुम्हारे किनारे की चट्टानों पर
लगी हुई काई
माना हमारा कोई मेल नहीं
या फिर ये मिलन नहीं
मगर फिर भी 
इतना तय है कि 
तुम्हारे बिन मेरा कोई अस्तित्व नहीं
मेरे लिए यही मेरा प्रेम है!


सुनो,
तुम कोई गहरे समुंदर हो
विशाल,
दूर अनंत तक फैले हुए
मैं तुम्हारे किनारे पर आकर जमी हुई रेत हूं
तुमसे घिरा हूं, या तुमको घेरे हुए हूं
मगर इतना तय है कि
तुम्हारे बिन मेरा कोई अस्तित्व नहीं
मेरे लिए यही मेरा प्रेम है!

सुनो,
तुम वृहद आकाश हो
अनगिनत तारे लिए
ब्रह्मांड के अंतिम छोर तक फैले हुए
मैं इक छोटा सा बदरा" हूं
तुम्हें अपने आगोश में लेने की कोशिश करते हुए
या शायद तुम्हारे आगोश में सोया हुआ 
मगर इतना तय है
तुम्हारे बिन मेरा कोई अस्तित्व नहीं
मेरे लिए यही मेरा प्रेम है!


सुनो
 तुम श्वास हो, प्राण हो
तुम मेरे आत्मा में घुल चुके हो
जैसे हृदय के बिना 
जीवन का कोई अस्तित्व नहीं है
वैसे ही तुम्हारे बिना
अस्तित्वविहीन हूं मैं..!
तुमसे हर हँसी, हर खुशी, ये जीवन है
तुमसे ही ये मन महकता उपवन है,
तुम्हारे बिन अपने अस्तित्व को खो देना,
मेरे लिए यही मेरा प्रेम है..!

#MJ
#mAn
मनोज कुमार "MJ"

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1 Comments

Abhinav ji

07-Jan-2022 08:33 AM

Nice

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