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नववर्ष : नवसंकल्प;


जीवन चाहे उन्नति अथवा अवनति के पथ पर अग्रसर हो परन्तु हर क्षण परिवर्तित होते ही रहता है, शायद इसीलिए कहा जाता है कि "बदलते हुए का नाम ज़िन्दगी है!" और हाँ परिवर्तन बेहद आवश्यक है क्योंकि समय किसी के लिए नहीं रुकता यदि आप आज भी आज से चार साल पहले वाले बने रहना चाहेंगे तो यह बेहद कठिन कार्य है, आपको सभी छोटे बड़े परिवर्तनों को स्वीकार करना होगा और सकारात्मक रूप से आगे बढ़ना होगा। समय किसी का दास नहीं है, समय किसी का स्वामी नहीं है, परन्तु वह सबसे बलवान है क्योंकि वह हर क्षण खुद को बदलते ही रहता है, अब समय के इस बदलाव को कोई सकारात्मक रूप में लेता है अथवा नकारात्मक, ये उसकी सोचने समझने की शक्ति के ऊपर है।

जीवन कभी भी संकल्पो अथवा विकल्पों से बंधकर नहीं चलता, बदलते समय में चीजें और चाहते बदलती रहती हैं, अगर आप जिसे चाहते हैं वह स्वयं में निखार लाना अथवा स्वयं को बेहतर बनाना बन्द कर देता है तो फिर आपका उसके प्रति लगाव कम हो जाना स्वाभाविक है।

समय बदलते हुए सेकण्ड्स, मिनट और घण्टे के रूप में, दिन , सप्ताह और महीने बनते हुए कब साल बन जाता है पूरा साल बस इसका एहसास करने में बीत जाता है। हालांकि कैलेंडर बदलने से कुछ खास फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि समय फिर भी उतनी ही गति से नियत रूप से चलायमान ही होता है। समय हर क्षण परिवर्तनीय है, परन्तु कभी कभी ऐसा समय आता है जब मनुष्य जोश जोश में कुछ करने की ठान लेता है और संकल्प लेकर आगे बढ़ता है। परन्तु संकल्प लेने वाले हर व्यक्ति को यह विशेष ध्यान रखना चाहिए कि संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता, यदि आपने संकल्प लिया तो पितामह भीष्म की भांति अपनी अंतिम श्वास तक अक्षरसः निभाना होगा, यदि आप ऐसा करने में असफल होते हैं तो संकल्प तोड़ने के अपराध में पाप के भागीदार बनते है।

नया साल, नई रीत, जोश नया... पर जोश को एक सीमा में , अपने नियंत्रण में रखना आवश्यक है, ताकि जब जोश का यह नशा उतरे तो संकल्प को तोड़ने जैसा कुत्सित कार्य न करना पड़े, न ही इसके किसी विकल्प को चुनने के बारे में सोचें। क्योंकि संकल्प के विकल्प के चुनाव की चाहत भी संकल्प पूर्ण करने के मार्ग में बहुत बड़ा अवरोध उत्पन्न करती है।

मैं कभी भी ऐसा कोई संकल्प नहीं लेना चाहता जिसका भविष्य में खण्डन करना पड़ जाए, क्योंकि संकल्प परिवर्तनीयता के निमय के विरुद्ध है, एक बाद संकल्प लेने के पश्चात आपके उस विषय में नए विकल्पों की संभावना शून्य हो जाती है। मैं केवल कोशिश करता हूँ, कि जो भी कार्य करूँ पूर्ण हृदय और लगन से कर सकूं! मैं ये उम्मीद करता हूँ कि मेरा अगला क्षण, पिछले क्षण से बेहतर हो, और बस इसी के लिए मेहनत करता हूँ।

जीवन में दु:ख सुख का आना जाना लगा रहता है, परन्तु बुद्धिमान वही है जो हर बाह्य कारक को परिवर्तनीय मानकर उसे दिल पर न ले, उससे दिल न लगाए।

ये बाह्य सौंदर्य, ये खिले फूल, ये खूशबू, एक दिन सभी मुरझाते हैं, धूमिल पड़ जाते हैं, परन्तु पुनः खिलते हैं, और फिर से वातावरण महका जाते हैं! संध्या स्याह लबादा ओढ़े आती है और प्रभात सूर्य की रश्मियों के साथ नया सवेरा लेते आता है, इसी तरह साल भी बदलते हैं, हर नई सुबह, एक नई शुरुआत के लिए काफी होती है। हर नया दिन नए उत्साह से, नई शुरुआत के साथ और पुराने सभी कीमती सम्बन्धों और विशेषताओं को संभालकर जीना चाहिए, यही परिवर्तन है, समय के साथ चलते रहना।

मनुष्य भी अपनी बात से पलट जाते हैं, बदल जाते हैं! अब कोई इसे गिरगिट की तरह रंग बदलने के साथ तुलना नहीं कर सकता, क्योंकि गिरगिट का स्वाभाविक गुण है रंग बदलना!  जबकि हमारे इतिहास में कई महापुरुषों ने केवल वचन पालन हेतु अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया,  हम हमारी किसी से अथवा खुद से कही गयी कोई भी बात वचन समान होती है और अपने वचन से फिरना किसी भी सत्पुरुष का गुण नहीं है, यह कोई मानवीय गुण नहीं है। मैं सभी से निवेदन भी करना चाहूंगा कि केवल वही वचन दें अथवा संकल्प लें जिन्हें आप पूर्ण कर सकने में समर्थ हो अन्यथा केवल पूर्ण हृदय से प्रयास करें, आगे सब ईश्वर की इच्छा, और जो स्वयं की सहायता करते हैं, ईश्वर उनकी सहायता अवश्य ही करता है।

मैं संकल्पों और विकल्पों के फेर में नहीं पड़ना चाहता, मैं सदैव इस परिवर्तनीय समय सागर के साथ चलने के लिए तत्पर रहना चाहता हूँ और जीवन में आने वाले सभी खुशियों अथवा दुःखो के समक्ष, हर प्रकार की चुनौतियों का सामना करने के लिए पूर्णरूपेण तत्पर रहना चाहता हूँ। 


हम इस नववर्ष का पूर्ण हृदय से स्वागत करते हैं, साथ ही यह अपेक्षा करते हैं कि यह वर्ष गत वर्षों की भांति अत्यधिक कष्टदायी सिद्ध न हो, और मानव जाति अपने भूलों से सीख लेकर, उन्हें सुधारने का प्रयत्न करें

"जीवन है एक बरस सलोना, कभी कुछ पाना, कभी कुछ खोना
खुशियां और गम रूप हैं बस, खुलकर जियो, किस बात का रोना!"

राधे राधे❤️🥰

#MJ
#mAn
#प्रतियोगिता

मनोज कुमार "MJ"









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12 Comments

Sudhanshu pabdey

10-Jan-2022 09:40 PM

Very nice

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Thank you

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🤫

10-Jan-2022 07:50 PM

Very nicely written

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Thank you

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Seema Priyadarshini sahay

07-Jan-2022 11:08 PM

बहुत खूब

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Dhanyawad

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