यस आई एम— 43
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वह अपना काम में लगी हुई थी तभी उसे कुछ याद आया और वह अपने दद्दू के पास चली गई। उसे देखकर दद्दू ने उस से पूछा "क्या हुआ पंछी बेटा? कुछ जरूरी काम है क्या?"
वह अपनी उखड़ी हुई सांसों को सामान्य बनाते हुए बोली।"हां "....... दद्दू एक जरूरी काम है। वो मुझे आप से एक इंपोर्टेंट टॉपिक के बारे में बार करनी थी।"इतना कहने ने बाद वह चुप हो गई। उसे चुप देखकर उसके दद्दू बोले। "हां जो भी बात है तुम बेझिझक होकर मुझे बता सकती हो।"
दद्दू की बात से उसे हौसला मिल गया उसके बाद वह बोली। "मुझे आपसे यूनिवर्सिटी से रिलेटेड कुछ बात पूछनी थी, मै सोच रही हूं की उसके साथ साथ मै 6 महीना की कुकिंग क्लासेस भी ज्वाइन कर लूं?"
उसकी बात सुनकर दद्दू चुप हो गए और कुछ सोचने लगे। उन्हें इस तरह से देखकर लड़की की कुछ समझ में नहीं आ आया की उसे दद्दू हां करेंगे या ना......। वह उनके जवाब का इंतजार करती रही। कुछ देर सोचने के बाद उसके दद्दू जवाब देते हुए बोले। "हां..........क्यों नही। तुम कुकिंग क्लास ज्वाइन कर सकती हो इसमें मुझे कोई आपत्ति नहीं है और यहां पर एक से बढ़कर एक शेफ है तुम जिसके पास सीखना चाहती हो सिख सकती हो। बाकी टैंशन लेने की तुम्हे कोई जरूरत नहीं वो मै संभाल लूंगा।"
इतना सुनकर वह खुश होकर वहां से चली गई। रेस्टोरेंट से बाहर निकलने के बाद वह सीधा कुकिंग क्लास में चली गई। वहां जाकर उसने पहले तो वहां के मालिक के बारे में पूछा और पता पूछ कर वह मालिक के पास चली गई। रास्ता देखते हुए वह एक कमरे में पहुंच गई जहां पर एक आदमी गेट की तरफ पीठ किए हुए खड़ा था। उसे देखते ही वह बोली।
"एक्सक्यूज मी सर! मुझे आपके यहां कुकिंग क्लासेस ज्वाइन करनी थी।" लड़की की इतनी बात सुनकर जैसे ही वह आदमी पीछे मुड़ा उसे देखकर लड़की की आंखे खुली की खुली रह गई और वह बस इतना ही बोल पाई। "अनीश.....तुम यहां पर क्या कर रहे हो?" अनीश लगभग तेईस चौबीस साल का एक नवयुवक था जिसका लुक इम्प्रीसिव था। इतना सुनकर वह लड़की की तरफ देखते हुए बोला। " मैं यहां पर क्यों हूं वो तो तुम्हे बाद में बताऊंगा पर तुम यहां पर कैसे? " अनीश अपनी खुशी को छिपाते हुए बोला।
"मैं....... मै तो यहां पर कुकिंग क्लासेस लेने आई हूं।" इतना कहने के बाद वह कुछ सोचते हुए बोली। "क्या तुम भी यहां पर कुकिंग सीखने आए हो?"
इतनी बात सुनकर अनीश हंसने लगा और अपनी हंसी पर काबू पाते हुए बोला। " तुम भी कैसी बातें कर रही हो। मैं और खाना..........मै यहां खाना सीखने नही बल्कि मै ही यहां पर खाना बनाना सिखाता हूं।"
अनीश ने अपनी बात पूरी भी नही की थी वह अपनी खुशी जाहिर करते हुए बोली। " अरे वाह.........इस से अच्छी बात तो मेरे लिए कुछ भी नही हो सकती। मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा की तुम और यहां पर.........मै तो सोच रही थी की पता नही कुकिंग क्लास में मुझे कैसा सिखाने वाला मिलेगा।"
"अब तुम खुस हो लो और अच्छे से यकीन भी कर लो मिस सीक्रेट.......वैसे भी तुम्हें खुद के बारे में कुछ भी बताना पसंद नही है तो मैंने तुम्हारा नाम मिस सीक्रेट रख दिया। रही बात सीखने की तो तुम पर तो खास ध्यान रखा जाएगा ताकि तुम्हें सीखने में कोई प्रॉब्लम ना हो।" इतना बात कहने के बाद अनीश लड़की को अपने साथ उस जगह पर ले गया जहां पर खाना बनाना सिखाया जाता है। वहां पर जाने के बाद अनीश उसे बेसिक्स बेसिक्स सा समझा कर अपने दूसरे काम में लग गया।
अनीश के वहां से जाने के बाद वह काम करते हुए बोली। "मै भी ना मिस्टर इंडिया की तरह कही भी पहुंच जाती हूं और वो भी धमाके के साथ। अब यहां पर मैं कुकिंग क्लास में आ गई और मै कही आऊं वहां कोई धमाका ना हो ऐसा हो ही नही सकता। अब आप लोग सोच रहें होंगे की ये अनीश कौन है और मै इत्तेफाक से यहां पर कैसे आ गई सब बताऊंगी की ये अनीश कौन है और मै यहां पर कैसे आई, पर उसके लिए आप लोगों को फ्लैश बैक में जाना पड़ेगा।"
फ्लैशबैक
वह यूनिवर्सिटी की यूनिफॉर्म में थी और अपनी टाई बांधते हुए अपने दद्दू के पास जाकर बोली।"देखो दद्दू! मैं यूनिवर्सिटी जाने के लिए तैयार हो गई और मैंने वहां पर जाने की सारी तैयारी कर ली है।"
दद्दू उसे देखते हुए बोले। "मेरी पंछी तो यूनिफॉर्म में बहुत ज्यादा सुंदर लग रही है.........तुम्हे किसी की नज़र ना लगे।" अपनी बात पूरी करने के बाद उन्होंने पंछी को घी शक्कर खिला दी।
घी शक्कर खाने के बाद वह यूनिवर्सिटी किए रवाना हो गई। जब वह यूनिवर्सिटी में अंदर पहुंच गई वहां पर बहुत सारे लोगों को देखते हुए बोली। "मुझे लोगों से ना बहुत चिढ़ होती है, मुझे लोगों से दूर रहना पसंद है। पता नही मुझे इतनी भीड़ देखकर क्यों चिढ़ हो जाती है। पर अब क्या कर सकते है यूनिवर्सिटी में तो भीड़ ही रहना पड़ता है। पर इस भीड़ में भी मै भी मै अकेली ही रहने वाली हूं क्योंकि मैं नहीं चाहती मेरे बारे में किसी को कुछ पता चले। मुझे अपने बारे में किसी को भी बताना पसंद नही है।" इतनी बात कहने के बाद वह फर्स्ट डे की फॉर्मेलिटीज पूरी करने के बाद अपनी क्लास रूम में चली गई। पहला दिन उसका ठीक ठाक ही रहा था किसी के साथ उसकी कोई खास बात चीत नही हुई थी। ऐसे ही धीरे धीरे लड़की को वहां पर लगभग 1 महीना बीत चुका था और उसका वहां पर अभी तक किसी से कोई वास्ता मतलब नही था उसे किसी से कुछ लेना देना नही था। उसकी अगर किसी से बात भी होती थी तो वह काम के सिलसिले में ही होती थी।
एक दिन यूनिवर्सिटी में एक प्रतियोगिता में चल रही थी जिसमें लड़की ने भी पार्टीसिपेट लिया। पार्टीसिपेट करने के बाद उस की एक क्लासमेट उसके पास आकर बोली। " तुम इस प्रतियोगिता में से अपना नाम वापस ले लो। तुम यहां पर नई हो और सुप्रिया यहां पर बहुत पहले से हैं। उसकी यहां पर इतनी ज्यादा चलती है की वह तुम्हें यूनिवर्सिटी से बाहर निकलवा देंगी। मैं तुम्हे अभी समझा रही हूं फिर यह मत कहना की किसी ने तुम्हें बताया नही था।" इतना कहने के बाद वह वहां से चली गई।
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To be continued.........................!
Aakansha Rathour
16-Mar-2022 10:18 AM
Wow 😲😳
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