स्वागत है जिंदगी
हर साल नया साल आता है नए रास्ते, नई उम्मीदें लिए। पर न जाने क्यों, मैं नए साल में भी बीते हुए साल के कड़वे रिश्तों और यादों को भुला नहीं पाती हूँ। जिंदगी सरकती रहती है आगे और मैं न चाहते हुए भी अतीत और वर्तमान के बीच में फँसकर रह जाती हूँ।
लेकिन इस बार मैंने फैसला किया है नए साल में नई शुरुवात करने का, अतीत को पीछे छोड़ आगे बढ़ने का।
मैंने फैसला किया है हर परिस्थिति में खुद से प्यार करने का, खुद का साथ देने का। लोग साथ दे या न दें, प्यार करे या न करे, क्या फर्क पड़ता है?
मैं हूँ न खुद के लिए, स्वयं को संभालने के लिए।
इस साल भावनाओं पर कम, व्यवहारिकता पर ज्यादा ध्यान दूँगी। भवनात्मक लोगों को दुनिया अक्सर कमज़ोर समझ लेती है और मैं कमज़ोर नहीं हूँ।
अब से मैं सिर्फ अपने लिए जीऊंगी, बिना लोगों की परवाह किये। मैं समझ चुकी हूँ कि जिंदगी बहुत छोटी है और इस छोटी सी जिंदगी में सबको खुश रखना सम्भव नहीं है। इसलिए अब से सिर्फ मैं खुद को कैसे खुश रह सकती हूं, इस बारे में सोचूंगी।
कोरोना काल ने यह एहसास दिलाया है कि जीवन का कोई भरोसा नहीं है। आज साँसे चल रही हैं लेकिन कल का भरोसा नहीं है। इसलिए जितना सम्भव हो आज में जीने की कोशिश करुँगी और अपनी शर्तों पर जीना शुरू करुँगी।
कुछ कोर्स करने का मन है मेरा, जल्दी ही उसमें दाखिला लूँगी। मुझे हमेशा कुछ न कुछ नया करना आकर्षित करता है।
इस साल मेरी प्रायोरिटी लिस्ट में सबसे ऊपर मेरा नाम रहेगा। मैं चाहती हूँ कि मैं शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनूँ। लेखन के क्षेत्र में मुकाम हासिल करूँ और निजी जीवन ख़ुशी और प्यार से जियूँ।
नया साल शब्दों में ही नहीं , हकीकत में भी नया बन जाए मेरे लिए। इस साल और हर आने वाले साल के लिए यही संदेश है......स्वागत है जिंदगी!
❤सोनिया जिंदगी
# लेख प्रतियो
Sudhanshu pabdey
10-Jan-2022 09:31 PM
Very nice 👌
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Abhinav ji
09-Jan-2022 11:47 PM
Very nice mam
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Swati chourasia
08-Jan-2022 12:37 PM
Bohot hi aacha ma'am 👌👌
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