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एक मुलाक़ात....❣️( भाग - 5 )

(जयपुर )




सबने संगीत में बहुत मस्ती की..... कल शादी थी सब अपने अपने कमरे में आराम करने चले गए थे .....


अनु को आज बहुत बैचेनी हो रही थी तो वो छत पर चली आई और चांद को निहारने लगी ....वो खुश तो बहुत थी पर अंदर से थोडी उदास भी थी क्योंकि अनाया उसकी बहुत बहुत अच्छी दोस्त थी क्योकि एक वही थी जो उसके बोलने से पहले ही उसके दिल का हाल समझ जाती थी लेकिन अब वो भी शादी करके लंडन जा रही थी .....पर इन दिनो अनु को कुछ अलग हि सुकून मिल रहा था ......हवाएं उसे कुछ ज्यादा हि अच्छी लग रही थी.... कल उन्हे यहां से वापस देल्ली जाना था पर उसे कुछ अजीब सा लग रहा था....उसे यहाँ से जाने का मन नहीं था !



दूसरी तरफ आरव भी इसी उलझन में था कि इन दिनो उसे हो क्या गया है अलग सा अहसास और उसे (अरे अनु को)  देखकर एक सुकून  मिल रहा था  पर कल उसे भी वापस जाना था और उसे पता भी नहीं था कि वो दुबारा उससे मिलेगा भी या नही इसी उधेड़बुन में उस कि आंख कब लग गई उसे पता ही नहीं चला.... अनु भी रूम मे आकर सो गई ।।


_________अगले दिन_________



आज शादी थी बारात आ चुकी थी अनु अनाया को लेकर आई .....अनाया अरिश की वर्माला हुई फिर दोनो की पुरे विधि विधान से शादी संपन्न हुई ......विदाई के समय अनु तो अनाया को छोड़ हि नही रही थी बड़ी मुस्किल से उन्हे अलग किया गया और अनाया कि विदाई हुई !



शाम को अनु अपनी फैमिली के साथ दिल्ली आ गई आरब भी उसी शाम वापस चला गया  



अनीशा का घर  


अनु घर आकर सीधा कमरे में चली गई थी जयपुर से आकर उसे कुछ अजीब लग रहा था जैसे कुछ अधुरा रह गया हो वो समझ नहीं पा रही थी कि क्यों उसे बैचेनी हो रही है यही सोचते हुए वो सो गई......




दिल्ली में हि दूसरी तरफ 


एक बड़ा सा खुबसूरत सा बंगला चारों तरफ सिर्फ हरियाली एक साइड टेबल और चार कुर्सिया लगी थी उसके कुछ दूरी पर एक पूल साइड था  उसके आगे जा कर घर का मैन डोर था अंदर जा के  एक बड़ा सा हॉल सामने सिटिंग एरिया था अंदर से अब कुछ बहुत रोयल था ! 




लेफ्ट साइड पर डाइनिंग एरिया था जहां इस वक़्त चार लोग बैठे नाश्ता कर रहे थे! 



 एक लकड़ा अंदर आया और भाग कर कुर्सी पर बैठे एक आदमी  के गले लग गया वहां मौजूद हर कोई हैरान था  उस को देख कर ....




( तो चलिए बताती हूँ ये लड़का कोई और नहीं हमारे आरव बाबु थे उसकी  फैमिली मे उसके बाबा सा रघुवीर मित्तल छोटी बहन अवनी और उसकी बड़ी बहन सौम्या और उनके पत्ती अभय उसकी मम्मी की तीन साल पहले एक एक्सीडेंट में डेथ हो गई थी)       



सब आरव को देखकर खुश तो थे पर हैरान भी थे क्योंकि आरव  अपनी मम्मी की डेथ के बाद से  लंडन चला गया था क्योंकि उसे यहां सिर्फ अपनी मम्मी की याद ही आती थी वो सबसे ज्यादा क्योकि वो सबसे ज्यादा अपनी मम्मी के करीब था ......आज तीन साल बाद वो अपने घर आया था      



"आरु बच्चे आप यहां ऐसे अचानक बताया भी नहीं हम किसी को भेज देते .............हमे तो लगा की आप नही आएंगे ............... वैसे आपको आज यहां देख कर बहुत सुकून मिल रहा है ..........पूरे तीन साल बाद जो आप को देख रहे है हम '' रघुवीर जी ने आरव को गले लगा के कहा 

  

आरव ने उन्हें गले लगाते हुए कहा  - " बाबा सा मै ठीक हूँ और आरिश की शादी थी तो कैसे नही आता फिर  सोचा आप सब को सप्राइज दू तो आ गया और मुझे भी आप लोगो को देख कर बहुत सुकून मिल रहा है सच्ची बहुत मिस किया मेंने आप सब को    



सौम्या थोडा नाराज होते हुए बोली -  "हां तभी तो छोटे आप आ गए थे हम लोगो से मिलने"     


आरव उसके गले लगते हुए प्यार से बोला - " दी  ऐसा नहीं है और आपको पता है जब भी यहां आता था मोम के साथ की मस्ती उनकी यादे ही याद आती भी तो.........वैल अब मैं यही रऊंगा आप सब के साथ अब और दूर  नहीं रह सकता मै "     



'' आरव  बच्चे पर आप के कोर्स को तो अभी एक साल है न तो फिर ? '' रघुवीर जी ने थोड़े चिन्तित स्वर में कहा   



 " बाबा सा आप टेंशन मत लिजिए मैने सब कुछ सेट कर दिया है .......कल मुझे सिर्फ माइगेशन फॉम देना है कॉलेज में बाकि जॉन समहाल लेगा '' आरव उन्हें समझाते हुए बोला

अवनी खड़ी आरव को घुर रही थी आरव ने देखा को उसे याद आया कि वो तो उसे मिला हि नही उसे गुस्से में देखते हुए पा के आरव ने आंख मिन्च ली और सौम्या से बोला "अरे दि आज यहां कोई है जो बहुत शांत है "


सौम्या मुस्कुराते हुए - " छोटे तुम मार खाओगे जो मेरी जान को परेशान किया तो "


आरव उसके पीछे खड़े हो के उसके कड़े पर सर रख कर मासूम फेस बना के बोला   - "पर दि आपकी जान तो मुझसे बात ही नही कर रही है और मै तो उसके लिए चॉटक्लेस लाया था " 



अवनी जो अभी तक चुप  थी बोली - "दिदू बोल दो इन्हे कि मै बच्ची नही हूँ  सिर्फ 2 साल हि छोटी हूँ  तो  बच्चों की तरह चोकलेट से नहीं मानूंगी .......


आरव नाटक करते हुए बोला - तो ठीक है दी अगर आपकी जान नहीं मान रही तो मैं जा रहा हूँ ..." बाय एव्रीवन "  वो इतना बोल कर आगे बढ़ा हि था कि अवनी भाग कर उसके गले लग गई और रोने लगी ।


अवनी रोते हिए बोली - " पता है मैंने आपको कितना सारा मिस किया कोई मुझे परेशान करने वाला नहीं था....नाही कोई मेरी चॉक्लेट छिनने वाला था "      

आरव उसका सर सेहलाते हुए बोला   - "मैंने भी तो तुझे बहुत मिस किया "   



दोनों को देखकर सौम्या बोली - "अरे बस बस अगर आप दोनो का ये भरत मिलाप खत्म हो गया हो तो खाना खाले सब ..... छोटे तब तक आप फ्रेस हो जाइए हम खाना गर्म कर देते है अब सब साथ में हि खाएंगे ...........  ''



 "ठीक है"  बोल कर आरव कमरे में चला गया रूम में आकर फ्रेस हुआ खाना खाया और बाहर गार्डन में बैठ कर चांद को देखने लगा ............



आरव अनु का चहरा याद करते हुए खोया हुआ सा बोला - " पता नहीं क्यों पर आज बहुत अजीब लग रहा है यहां हवाओ में वही खुशबु वही सुकून मिल रहा है पता नहीं  तुमसे फिर मुलाकात होगी भी या नही  ............  तभी पीछे से आवाज आई   



"ओए होए  किससे मुलाकात करनी है आपको  कही कोईईई  ''   पीछे से आते हुए अवनि ने शरारत से कहा 



आरव उसे आंख दिखाते हुए बोला - '' चुप कर ऐसा कुछ नही है मैने बोला कि मुझे कॉलेज का एड्रेस मिल गया कल मैं और विवान जाकर आपन दो का और उस आलसी नील का फॉम जमा कर आएंगे ........ और कुछ नही .......इसलिए ज्यादा अपना  दिमाग  मत चला  .........चल अब  मै थक गया हुँ बहुत  " गुड नाइट  "  दोनों सोने चले गए ..........!



अनु अपने रूम में बैठी चाँद को निहार रही थी उसे आज नींद नहीं आ रही थी वो एकटक चाँद को देखती रही एक ठंडी हवा के झोंके से अनायास हि उसकी आंख बंद हो वो आंखे बंद किये वहां पर बहती हवा को महसूस कर रही थी तभी अचानक उसके आँखों के सामने आरव का सुंदर और मुस्कुराता चहरा आ गया उसने झट से अपनी आंखे खोल ली 


'' ये क्या है....मुझे वो लगुर क्यूँ याद आ रहा है....अह्ह्ह उसने मुझे इतना तंग कर दिया कि अब उसी के ख्याल आ रहे है '' उसने झुंझला के खुद से कहा अब बार बार उसे आरव कि बातें याद आ रही थी वो परेशान हो गई उसने अपना फोन लिया और उसमें गाना चला दिया.....गाना सुनते सुनते वो कब सो गई उसे बता हि नहीं चला....!!




_____अगले दिन ____

Jiva Institute of Fashion and Textile designing   (काल्पनिक स्थान)

New Delhi ...........

अनीशा मीशा के साथ कॉलेज आ गई  [ वो दोनो फैशन डिसाइनिंग का कोर्स रही  थी और अभी ये उनका लास्ट ईयर है ]   अनु अपनी क्लास में चली गई और मीश कुछ डिसाइन समेट करने चली गई ....... 


अनु क्लास में आई वो बैठी हि थी कि तभी पियून आया और अनु से बोला कि उसे प्रिंसिपल सर ने अपने आफिस में बुलाया है   


अनु ने सुना तो मन में बोली '' सर ने मुझे क्यूँ बुलाया '' बोलते हुए उसने सर हिलाया और एक फाइल समेट करके थोड़ी देर बाद सर के ऑफिस में चली आई वहा दो लोग पहले से बैठे थे अनु रूम मे आई सर को "गुड मोर्निग" बोला और जैसे हि वो  दोनो लोगो पीछे मुड़े दोनो को देखकर अनु हैरान  हो गई और उन्हें हैरानी से  देखने लगी  ............ 




________________💛TO BE CONTINUE💛 __________________

[ ना जाने अब ये दोनो मिलेंगे या नही क्या इनकी ये नोक झोक वाली मुलाकात मोहब्बत मे बदलेगी या नहीं या कोई इनकी मोहब्बत में भी कोई आ जाएगा ये तो आगे हि पता चलेगा तो बने रहीगा इस स्टोरी के साथ तब तक के लिए #STAYSAFE #SRAYHEALTHY]




  ✍✍ सुधा यादव

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3 Comments

सिया पंडित

21-Feb-2022 05:05 PM

👍👍👍👍👍

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Sandhya Prakash

01-Feb-2022 02:54 PM

Bahut achcha bhag...

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Seema Priyadarshini sahay

15-Jan-2022 09:07 PM

बहुत ही अच्छा भाग

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