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एक मुलाक़ात....❣️( भाग - 7 )

अनु उस लडके के गले लगी हुई थी .....आरव ये सब देखकर थोडा उदास हो जाता और अपनी किस्मत को कोस्ता हुआ वो कैंटिन में चला जाता है    








पार्किंग में वो लडका अनु से अलग हो कर बोलता है "आए मोटो तू तो पतली हो गई.... क्या बात है '' बोलते हुए वो अनु के गाल खिच लेता है 







अनु चीड़ते हुए बोली - '' कंजर छोड़ मेरे गाल अगर अपने हाथ सही सलामत चाहिए तो '' लड़का एक बार फिर से उसके गाल जोर से खिचता है फिर छोड़ देता है ..........


अनु गाल को सहलाते हुए बोली = "तु ये बता छेंगुर तु यहां कब आया और बताया भी नही की तू आ रहा है....वैसे तू तो पहले से ज्यादा स्मार्ट हो गया है   ..........  ओर अंशु कैसी है मसी जी मासा जी कैसे है ........ बोल ना अब चुप क्यों है  '' 

लडका उसे शांत कराते हुए बोला = "अरे मेरी राजधानी एक्सप्रेस रुक तो जा तभी तो बोलूंगा कुछ " ......


अनु मुँह बना के बोली = "हां तो बोल ना "


लड़का उसके कंधों पर अपनी कोहनी टिक्काते हुए बोला = " तो सुन मै यहां पर अपना कोर्स पूरा करने आया हूं .........  अब एक साल का कोर्स यही से करूंगा सब कुछ सेट कर दिया है मेरे दोस्तो ने तो आ गया और रही बात ना बताने कि तो मै सप्राइज देना चाहता था तुझे मोटो .......... और घर पर सब ठीक है .........और कुछ क्वेश्चन बैंक कुछ सवाल रह गया हो तो पुछ ले नही तो मुझे कॉलेज दिखा दे '' 



अनु उसे मारते हुए बोली = "कमीने में तुझे टुर गार्ड लग रही हू जो कॉलेज का टूर कराऊ "


लड़का अनु कि मार से बचते हुए बोला = "अरे अरे मैंने कब कहां "   



अनु उसका हाथ पकड़ के अंदर लाते हुए बोली =  "अच्छा  चल पहले कैंटिन चलते है वहा दो और न्यू स्टूडेंट है प्रिंसिपल सर ने मुझे उन्हें गाइड करने को बोला है '' और दोनो कैटिन चले गए  ।




कैटिन में  



आरव वहां बैचेन सा बैठा था उसे बार बार अनु और वो लडका गले लगे हुए नजर आ रहे थे .........  विवान उसे देख रहा था पुछ भी रही था लेकिन आरव कुछ नहीं बोला रहा था .......तभी विवान कि नजर गेट से आते अनु और उस लडके  पर गई ...........



लडके को देख कर विवान हैरान हुते हुए बोला - "ये यहां कैसे" ... 



उसकी अवाज सुन के आरव उसके तरफ देखा कर बोला - "कौन कहां है किसे बोल रहा है भाई ".............विवान आरव को उंगली से इशारा करके पीछे देखने को कहा ........ आरव पीछे मुड़ के देखता है तो वो भी लडके को देखकर चौक जाता है ...... वो लडका भी अब तक वहां पहुंच गया । वो उन दोनों को देख कर खुशी से उनके गले लग जाता है। ........... 



आरव भी मुस्कुराते हुए उसे गले लगा लेता है फिर उसे धक्का मार कर बोलता है "साले कम्मीने तु तो परसो आने वाला था न तो फिर और बताया भी नही हमे कुछ.... कि आने वाला है तु" 



नील (जी है ये है नील खुरान्ना आरव के दोस्त और अनु का कर्जन ) " कम्भख्त आदमी दोस्त इतने दूर से आया है वैलकम करने की बजाए .........सब मारे जा रहे है । पहले इस मोटो ने अब तू शूरु हो जा ......... सला कोई इज्जत हि नही मेरी तो (मसूम सा चहरा बना कर बोला)..... तो सबको हसी आ गई .... तो वो बोला , '' अब हस बयो रहे हो तुम सब  



आरव हंसी रोकते हुए  बोला " चल छोड़ ये सब बाते और ये बता कि तू इसे आई मीन अनीशा को कैसे जानता है .......


तो नील हसते हुए बोला - '' इसे .... इसे तो मै बचपन से जानता हूँ ''


"मतलब" आरव ने पूछा तो नील बोला , "मतलब की ये मेरी कर्जन है अनीशा " आरव समझते हुए बोला , '' ओह कर्जन है '' ( फिर मन में बोला ) '' थैंक्यू गोड कि मैंने जो सोचा वो गलत निकला  ......


नील ने अनु को देखा और बोला - "ओए मोटो सुन इनसे मिल ये है मेरे दोस्त जिनके साथ में आया हूँ कोर्स के लिए "  

"हम्म और यही दोनो न्यू एडमिशन है मुझे जिन्हे गाइड करना है"   अनु बिना भाव के बोली  


नील बोला - "तो चलो आज कॉलेज घुम लेते है फिर"


अनु बोली - "हा बस ५ मिनट रुक जाओ मीशा आने वाली है साथ ही चलेंगे"......... सब मीशा का इंतजार करते है थोड़ी देर बाद मिशा आती है और आते हि नील के गले लग जाती हैं ...........  


ये देख विवान को थोडी जलन सी हुई तो वो बड़बड़ाया  हुए बोला "ये देखो कैसे गले लगी है इसके मेरे तो हाथ भी नही मिलाए और ये साला भी पूरा इंटरस ले रहा है अपनी होने वाली भाभी के गले लगा है इसे तो बाद में बताऊंगा " ........... बगल में खड़ा आरव ये सुन कर हंसते हुए उसके कान में बोलता है , '' अबे  ओ ये क्या बड बड़ कर रहा है और ये भाभी कब बनी  .. .... और इस दिल के मंदिर में प्यार के घटी कब बजी '' 



 विवान खोया हुए सा बोला - "जब से देखा है तब से हि बजी हुई है यार "  


आरव उसका कन्धा थपथपाते हुए बोला = "सही है भाई सही जा रहे हो "   


नील मीशा से दूर होते हुए बोला - "अबे चिपकली छोड मुझे चीपक ही गई तू तो "


मीशा उसे धक्का देते हुए दूर हुई और बोली - "क्यों बे छुछुंदर .......... क्या बोला था तुने कल कि तु सबको बेवकूफ बनाएगा और यहां तो तु इनके साथ हस रहा है मुझे उल्लू बना कर लेट आने को बोला....और खुद यहाँ आ गया ''   

ये बात सुन अनु मीशा कि तरफ घूरी और बोली - " इसका मतलब तुझे पता था ये आने वाला है"


 मीशा उसे कंधे से पड़कर कर घुमाते हुए बोली -   "अरे मेरी जान हिंट तो तुझे कल ही दिया था मैने जब मैंने .......... आरब से बोला था कि अब हमारे ग्रुप में 5 लोग हो गए तो सोचना  था न थोड़ा कि "2 ये 2 हम"  तो 1 कौन है  तुझे हिंट मिल जाता पर कोई ना मेरी जान अब इतने छोटे दिमाग में इतने बड़ी फ्लानिग समझ नही आएगी आई नो '' वो अनु को चिडा कर भाग गई अनु भी उसे मारने के लिए भाग गई ।।


उनके जाते ही विवन नील के ऊपर झपट पड़ा ओर उसकी गर्दन को अपनी कोहनी से दबाते हुए बोला - '' क्यों बे साले बोहोत ज्यादा क्लोज नहीं था तू '' 


नील को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये उसके साथ क्या हो रहा है वो अपनी गर्दन को छोडाने की कोशिश करते हुए बोला - '' अबे साले पागल हो गया है क्या जान से मरेगा छोड़ मुझे ओर किसके क्लोज हुआ मैं..... मैं तो अभी अनु ओर मिशु से ही मिला हूँ और किसी को जानता भी नहीं  तो तेरी इतनी क्यों जल रही है ............


आरव विवान को छुड़ाते हुए नील से बोला - '' नील इसकी इस लिए जल रही है क्यों कि जनाब तो इश्क हो गया है ओर वो भी मिशा से तो तू उसके गले लगा तो इसकी जल के राख हो गई.... क्यों कि वो इस बेचारे को घास भी नहीं डालती '' ओर ये बोलते हुए उसने नील से हाई फाई कि ओर दोनों  हसने लगे विवाह बेचारा सा बना खड़ा रहा 


उसके बाद तीनों भी अनु ओर मिशा को खोज कर उनके साथ कॉलेज देखने लगे फिर थोड़ा बाते की क्लास अटेंड करके घर आ गए ............


नील अनु के साथ अनू के घर आ गया हॉल में ही उसे राधिका जी मिल गई वो चुपके से गया ओर पीछे से उन्हें गले लग गया ......! 


राधिका जी चोक गई फिर पलट के देखा तो नील को देख कर खुश होते हुए बोली - '' नील तू यहां तू कब आया और बताया क्यों नहीं और अंशु रिधिमा सुमित जी वो लोग कहा है वो भी आए है क्या....या तू अकेले आया है बोल '' राधिका जी ने एक ही सांस में इतने सारे सवाल पूछ लिए बिचारे नील को समझ ही नहीं आ रहा था कि कोनसा क्वेश्चन का answer पहले दो उसे देख कर अनु को बस हंसी आ रही थी ........


नील लम्बी साँस लेते हुए बोला - '' अरे अरे मासी सांस तो लेलो....और मुझे बोलने दो तभी तो कुछ बताऊंगा....लेकिन सबसे पहले कुछ खाने को दे दो बोहोत तेज भूख लगी है .... !



राधिका जी मुस्कुराते हुए बोली - '' अच्छा तो तब तक तुम दोनों  फ्रेश हो जाओ मैं तुम दोनों के लिए कुछ खाने को बनाती हूं तबतक ....दोनों जा कर फ्रेश हो कर आते है ।।।



आरव का कमरा 


आरव रुम मे आया बेड पर बैठ गया थोड़ी देर बाद बेड से उठ कर वो बालकनी में आ गया आसमान को देखते हुए सोचने लगा कि आज जब अनु नील के गले लगी तो उसे इतना बुरा क्यों लगा .......क्यों वो  किसी और को उसके इतना पास नहीं देख पाया ?? क्यों उसके पास आने से सांस इतनी तेज हों जाती है ?? ...... क्यों उसके सामने अब बोलती नहीं निकलती मेरी पहले तो कितना लड़ता था ?? अब दो दिनों से क्यों कुछ बोल नहीं पा रहा ?? ....... वो उसी उधेड़बून मे था ।



तभी अवनी रुम मे आते हुए बोली - "भाई आप कल के आए हो लेकिन हमारी ठीक से बात भी नहीं हुई मुझे आपसे कितनी सारी बाते करनी है "



आरव उसके गालों को खींचता हुए बोला -  "हा तो बोल न क्या बाते करनी है तुझे मुझसे...और बात करनी है या फिर घूमने य शॉपिंग पर जाना है '' 



अवनी अपने दांत देखते हुए प्यार से बोली - "भाई......भाई आप कितने स्वीट ओर स्मार्ट हो कितनी जल्दी समझ गए हाउ स्वीट '' वो उसके गालों को खींचता हुए बोली। 



आरव चिड़ते कर बोला - ''छोटी गाल  छोड़ मेरे दर्द हो रहा है '' 


अवनी एक बार और जोर से उसके गाल को खींचते हुए बोली - '' देखा लगी ना मुझे भी लगती है जब आप रब्बर समझ कर मेरे गाल खिचते हो '' 


आरव गाल को सेहलाते हुए बोला - '' ठीक है ना अब नहीं करूंगा अब तू छोड़ तो '' तब अवनी उसके गाल छोड़ देती है और उसे कल शॉपिंग कर लिए बोल कर चली जाती है 


आरव गाल को सेहालाते हुए बैठ गया तभी वाहा अभय आ जाते है( सौम्या के पति ओर आरव के जीजा जी)


वो अंदर आते हुए थोड़ा उदासी का नाटक करते हुए बोले - "वाह साले साहब वाह.... मतलब अपने जीजा कम दोस्त को तो आप भूल ही गए कल से आए है आप लेकिन हमसे आप ठीक से नहीं मिले.......



आरव ये सुन मुस्कुराया ओर उनके गले लग कर बोला - '' क्या यार जीजू आपको कैसे भुल सकता हूँ... आप तो जान हो मेरी '' 


इसपर अभेय उससे दूर हो कर कहता है - '' देखो साले साहब... मै शादी शुदा पतिवर्ता आदमी हूं मुझ पर ऐसी नजर ना डालो ......मुझे मेरी बीवी से बोहोत प्यार है और मैं उस टाइप का भी नहीं हूं '' 


आरव ये सुन कर हसने लगा और बोला - '' यार जीजू आप ना कभी सुधर नहीं सकते सच्ची मे .......अभय भी हासने लगा दोनों काफी देर तक बाते करते रहे थोड़ी देर बाद सौम्य के बोलने पर दोनों नीचे खाने के लिए चलें गए ।।



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कैसी लग रही है आप सब को ये कहानी....बताए जरूर...? 

प्लीज कमेंट जरूर करें 😊❤️

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7 Comments

सिया पंडित

21-Feb-2022 05:17 PM

बहुत बहुत बहूत अच्छी कहानी लिखी है आपने

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Sandhya Prakash

25-Jan-2022 08:02 PM

कहानी अच्छी जा रही है।

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Arman Ansari

16-Jan-2022 04:45 PM

Kahani to apki bahut hi achi h

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