हम तुम- भाग 11
भाग 11
अदिति आदित्य से इतना गुस्सा होती है कि वो उसके किसी फोन का जवाब नहीं देती। शाम को जब वो ऑफिस से निकलती है तो बस स्टॉप पर आदित्य को देखकर हैरान रह जाती है और सोचती ही रह जाती है कि यह यहाँ कैसे?
आदित्य मुस्कुराकर हाय कहता है लेकिन अदिति जवाब नहीं देती और मुँह फेर कर दूसरी तरफ देखने लगती है, तब तक बस आ जाती है। आदित्य अदिति का हाथ पकड़ता है और तेजी से उसे बस की तरफ ले जाता है….जल्दी चलो बस निकल जायेगी।
अदिति को कुछ समझ नहीं आ रहा होता ये हो क्या रहा है उसके साथ। दोनों को एक ही साथ सीट मिल जाती है बैठने के लिए।
अदिति खिड़की से बाहर देखने लगती है। आदित्य को अदिति की बेरुखी अच्छी नहीं लग रही होती। वो गुस्से से कहता है एक तो तुमने मिलने आया हूँ और ऊपर से तुम मेरी तरफ देख भी नहीं रही हो। बड़ी ही अजीब हो तुम।
अदिति….मैंने तो तुम्हें बुलाया नहीं मिलने के लिए तो फिर तुम क्यों आये हो मुझसे मिलने आदित्य?
आदित्य…..सॉरी अदिति, कल रात मैं बहुत थक गया था। गाने सुनते-सुनते कब मुझे नींद आयी मुझे पता ही नहीं चला। मैं जानता हूँ मैंने तुम्हारा कई बार दिल दुखाया है लेकिन अब नहीं दुखाउंगा, वादा।
चलो अगले स्टॉप पर उतर जाते हैं, मुझे कुछ बात करनी है तुमसे।
अदिति और आदित्य पास ही बने कॉफी होम में चले जाते हैं। आदित्य एक ही कॉफी और एक ही सैंडविच मंगवाता है।
अदिति….मैं अपना और तुम्हारा दोनों का बिल दे दूंगी, तुम अपने लिए भी मंगवा लो।
आदित्य….नहीं ज़रूरत नहीं है। तुम पियो अपनी कॉफ़ी।
अदिति….ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी।
अदिति कॉफ़ी पीते हुए कहती है….हाँ बोलो तुम्हें क्या कहना है?
आदित्य अदिति के हाथ से कॉफी का कप ले लेता है और खुद पीने लगता है।
अदिति….पागल हो क्या, कॉफी पीनी थी तो मंगवायी क्यों नहीं अपने लिए, ये मेरी झूठी कॉफ़ी क्यों पी रहे हो तुम? तुम तो किसी का झूठा खाते नहीं हो फिर ये सब क्यों? अजीब ही नौटँकी हो तुम।
आदित्य प्यार से कहता है..... है ना अजीब बात? कभी किसी का झूठा नहीं खाने वाला, आज तुम्हारी झूठी कॉफी पी रहा है। कुछ तो अक्ल लड़ाओ, ऐसा मैं क्यों कर रहा हूँ?
फिर आदित्य अदिति की आँखों पर से उसका चश्मा उतारता है और कहता है…..आज काजल क्यों नहीं लगाया और कान में कुछ पहना भी नहीं है। अभी मैं जिन्दा हूँ तो तुम यह विधवा बनी क्यों घूम रही हो?
अदिति गुस्से से….तुमने यह फालतू की बकवास सुनने के लिए बुलाया है क्या? कुछ समझ में आ रहा है कि तुम बोल क्या रहे हो? आदित्य तुम मेरी समझ से बाहर हो।
आदित्य अदिति का हाथ अपने हाथों में लेता है और कहता है….देखो मुझे फ़िल्मी बातें करना नहीं आता। तुम बस एक बात का जवाब दो...अदिति अरोड़ा से अदिति बहुगुणा बनोगी क्या?
मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ अदिति। मैंने बहुत कोशिश की तुमसे दूर जाने की लेकिन नहीं जा सका। जाता भी कैसे , आदित्य में ही तो अदिति भी है। मेरे नाम में, मेरे दिल में तुम हो और मैं चाहता हूँ कि मेरे घर में भी तुम रहो मेरी पत्नी बनकर।
अदिति गम्भीर होकर कहती है और तुम्हारे घरवाले?
तुम ठहरे गढ़वाली ब्राह्मण, शाकाहारी और मैं पंजाबी, नॉनवेज के बिना मुझे जमता ही नहीं है। कैसे होगा हमारा मेल?
आदित्य मुस्कुराकर कहता है चिकन तो मैं भी खाता हूँ पर घर के बाहर। अच्छा है ना शादी के बाद जब हम दोनों घूमने जाया करेंगे, तो बाहर नॉन वेज पार्टी किया करेंगे। मैं यह अच्छी तरह से जानता हूँ कि मेरे घरवाले इस रिश्ते के लिए नहीं मानेंगे लेकिंन मैं मना लूँगा चाहे जो भी रास्ता अपनाना पड़े।
अदिति को जहाँ आदित्य की इस बात से खुश होना चाहिए था, वहाँ उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था।
उसने आदित्य से सिर्फ इतना कहा…..तुमने पहले मुझे अपनी भावनाएं एक चिट्टी में लिखकर दी और अगले दिन कहा….सब भूल जाओ।
फिर कहा ...."हम सिर्फ दोस्त हैं", कल फोन करने का वादा किया और किया नहीं। और अब अचानक से आकर तुम मुझसे शादी की बात कह रहे हो। अभी शादी की बात कह रहे हो और क्या पता रात को कहो….अदिति सब भूल जाओ, मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता।
आदित्य तुम पहले उम्मीद देते हो और फिर उसे छीन लेते हो। मैं कोई खिलौना नहीं हूँ कि तुम जब चाबी भरोगे, मैं चलना शुरू कर दूंगी। मुझे नहीं है भरोसा तुम्हारी कही बातों पर। मैं अब तुम्हें अपना दिल दुखाने नहीं दूँगी।
आदित्य की आँखें नम हो जाती हैं…… मुझ पर विश्वास करो अदिति अब की बार ऐसा नहीं होगा। अगर तुम्हारा दिल दुखा है तो मैं भी कम दर्द से नहीं गुजरा हूँ। बोलो क्या सज़ा है मेरी, मैं भुगतने के लिए तैयार हूँ।
अदिति….एक महीने तक तुम मुझसे बात नहीं करोगे और ना मुझसे मिलने की कोशिश करोगे। अगर एक महीने बाद भी तुम्हें लगे कि तुम में अपने फैसले को निभाने का साहस है तो अपना चेहरा दिखाना मुझे, वरना कभी नहीं।
आदित्य मुस्कुराते हुए कहता है….ठीक है बात नहीं करूँगा लेकिन फोन जरूर करूँगा और जब तक मैं फोन नहीं रखूँगा, तब तक तुम भी फोन नहीं रखोगी।
अदिति….ठीक है देखते हैं, तुम्हारे ऊपर प्यार का खुमार कितने दिनों तक रहता है?
अदिति को मालूम था आदित्य का स्वभाव। उसे पता था आदित्य अपने घर जाते ही प्यार-व्यार सब भूल जायेगा। उसमें साहस नहीं है अदिति के लिए अपने परिवार को मनाने का। पहले भी आदित्य ऐसी हरकतें कर चुका था, उसकी बातों पर भरोसा करना आसान नहीं था अदिति के लिए।
अदिति को लगा आज आखिरी दिन है जब वो आदित्य को देख रही है। आदित्य ना ही उसे फोन करेगा, ना ही शादी के फैसले पर अडिग ही रह पायेगा।
अदिति के लिए आसान नहीं था यह फैसला पर वो अब इस भ्रम से भरे रिश्ते से निकलना चाहती थी। इस बार वो आर या पार चाहती थी।
आदित्य ने कहा….कल से मुझे नया ऑफिस ज्वाइन करना है। अगर एक महीने बाद तुमसे मिलने ना आऊँ तो मुझे कोसना मत और कम से कम एक महीने तक तो विधवा के रूप में मत घूमना और सुमित से ज़्यादा बात करने की ज़रूरत नहीं है। एक महीने तक मेरी बातें मान लेना प्लीज। इतना तो तुम हमारे रिश्ते के लिए कर ही सकती हो।
आदित्य मुस्कुराते हुए कहता है….एक बात और कहूँ?
अदिति सिर पर हाथ रखते हुए …. हाँ कहो
आदित्य….लेकिन तुम वादा करो यह बात सुनने के बाद हवा में नहीं उड़ोगी?
अदिति……अब बोलो भी, देर हो रही है।
आदित्य…..कल तुम बहुत सुंदर लग रही थी। पता है तुम्हें, तुम्हारे नैन-नक्श बहुत अच्छे हैं बस तुम ठीक से तैयार होकर नहीं रहती।
अदिति को हँसी आ जाती है सुनकर….कल तो मैं ऐसी ही उठकर आ गयी थी घर से और तुम्हें सुंदर लगी। हा-हा…..वाकई तुम्हारे चश्मे का नंबर बढ़ गया है।
आदित्य….हाँ लगता तो मुझे भी है, शायद तभी तुम मुझे सुंदर लगी और हँसने लगता है। चलो चलते हैं, देर हो गयी है।
अदिति मन ही मन कहती है…..ये लड़का मेरी समझ से बाहर है। हिदायतें इतने हक़ से देता है जैसे मैं इसकी बीवी हूँ और पता नहीं क्यों मैं मान भी लेती हूँ?
" क्या है यह, क्यों है यह, क्या खबर
पर जो भी है, बड़ा अच्छा लगता है।"
❤सोनिया जाधव
Seema Priyadarshini sahay
17-Jan-2022 06:07 PM
बहुत सुंदर भाग
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Rudrakshii
17-Jan-2022 02:27 PM
Awesome
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Smiley 😍
17-Jan-2022 02:08 PM
Superb
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