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एक मुलाक़ात....❣️( भाग - 8 )

अगला दी....




आज संडे था सबके तय अनुसार सांची अनु काव्या मिशा नील आयुष घुमने निकल गए ..........आरव के घर में भी आरव सौम्या अवनी अभय विवान सब घुमने निकल गए ............काफी देर घूमने के बाद आरव और बाकी लोग शोपिंग के लिए मॉल आ गए इतेफाक से अनीश वगेरा भी वही आए थे ...........ये लोग एक दूसरे को देख नही पाए क्योंकि दोनों अपोजिट डायरेक्श में थे सब शोपिंग में बिजी थे !! 


थोड़ी देर शोपिग के बाद अनु वगैरा  वापस जाने लगे तभी अनु को याद आया उसका पर्स तो उसके पास है हि नही उसने सब को आगे जाने का बोला और खुद वापस सेकंड फ्लोर पर चली गई जहां से वो लोग थोडी देर पहले निकले थे ...........अनु वहा गई दुकानदार से पूछा तो उसने अपने पास से पर्स उसे दे दिया ।।


अनु पर्स ले कर लिफ्ट में आ गई लिफ्ट का दरवाजा बंद होने वाला था .... कि किसी ने फुर्ती से उसके बीच हाथ लगा कर उसे रोका और जल्दी से अंदर आ गया .........वो अपने दोनों हाथ घुटनो पर रखकर हांफ रहा था शायद वो भाग कर आया था इसलिए ..............अनु उसे ही देख रही थी जिस तरह वो आया था अनु एकदम चौक गई थी ।।


उसने सर ऊपर किया तो दोनो एक दूसरे को देख एक साथ बोले  "तुम" 


अनु ने उसे घुरते हुए कहां , " तुम्हे तमीज नही है क्या ऐसे कौन आता है .......और ये कौन सा तरीका है....कभी इंसान वाली हरकत कर सकते हो कि नहीं "।।


 " ये मेरा तरीका है मिस....और मेरा स्टाइल अलग होता "आरव अपने कॉलर को ऊपर करते हुए हिरो वाले अंदाज में कहता है 


अनु चीड़ते हुए बोली = "तो बहुत ही घटिया तरीका है"।।


"मतलब अच्छा है "आरव दिवार के टेक लेते हुए बोला 


उसकि बात पर अनु मुँह बना के झुंझला के बोली , '' पागल हो या कान में कोई दिक्कत है ....मैंने घटिया बोला है"।।


  "हा ... हा सुन लिया मेरा अंदाज तुम्हे अच्छा लगा " ..... वो अनु को और ज्यादा चिडाने के लिए ऐसा बोल रहा था ।।


अनु झल्लाते हुए बोली - " हे भगवान कहां फसा दिया ........ ये खुद तो पागल है मुझे भी कर देगा '' इतना बोल वो दूसरी तरफ मुंह करके खड़ी हो गई और आरव को मन हि मन कोसने लगी  ।।



आरव एक साईड खड़ा हो आराम से आपना फोन चलाने लगा ..........तभी अचानक से लिफ्ट में हलचल हुई और लिफ्ट बंद हो गई लिफ्ट में अचानक एकदम अंधेरा हो गया ......... लिफ्ट बंद होने से अनु डर गई और पास में खड़े आरव का हाथ पकड़ लिया आरव की तो दिल की धड़कने हि तेज हो गई अनु के हाथ पकड़ने से वो कभी अपना हाथ देखता कभी अनु को 


अनु डरी हुई थी उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी ...... वो बार बार कॉल करने की कोशिश कर रही थी पर नेटवर्क नहीं मिल रहा था ।।


उसे इतना परेशान देख आरव बोला , "हे रिलेक्स इतनी हाइपर मत हो अभी ठीक हो जाएगा कोई इलेक्ट्रिक प्रॉब्लम होगी ........सो जस्ट चील  ।।


अनु उसे इग्नोर करती हुई दरवाजा पीटते हुए चिल्लाने लगी  ।।


आरव खुद में बड़बड़ाया - " एक नंबर की जिदी है ये लडकी" बोलते हुए उसने कुछ सोचा और अचानक से अनु का हाथ पकड के झटके से उसे अपनी तरफ खीच के उसे अपने सीने से लगा लिया ........अनु कुछ समझ नहीं पाई ........वो डरी हुई थी तो उसने कुछ नहीं कहा वो आराम से बिना विरोध आरव के सीने से लगी रही .....उसको एक सुकून मिल रहा था आरव के पास 


आरव उसे शांत कराते हुए प्यार से उसके बाल में हाथ फेरते हुए बोला - "देखो  आई नो तुम्हे बंद जगह का फोबिया है ........तुम्हे ऐसी जगह में डर लगता है तो आराम से और शांति से काम लो हाइपर मत हो  ......... कब से बोल रहा हूँ रिलेक्स रहो ठीक हो जाएगा पर तुम सुन हि नही रही थी .......इसलिए ऐसा किया नाओ डोंट पैनिक ओके ''       


अनु उसके सीने से लगी आराम से उसे सुन रही थी उसे आरव  के पास एक अलग ही सुकून मिल रहा था उसने कोई रिएक्ट नहीं किया ।।


काफी देर बाद अनु नोर्मल हुई और आरव से दूर होते हुई बोली ......"वो आयम सॉरी....मुझे....ऐसे जगह पर बहुत सफोकेशन होती है इसलिए में बहुत हायपर हो गई थी....सॉरी "  


आरव हल्का सा मुस्कुरा के बोला  - "इट्स ऑके ....... तुम्हे इसकी जरूरत थी वरना ज्यादा प्रोब्लम हो जाती  '' 



इतना बोल दोनो अलग अलग खड़े हो गए .... आधे घंडे से ज्यादा हो गया था लिफ्ट अभी तक ठीक नहीं हुई थी  ......... काफी देर तक अनु नहीं आई तो बाकी सब लोग भी अंदर आ गए ..........वहां आ के उन्हें पता चला कि लिफ्ट बीच में हि अटक गई है .......सांची आयुष मिशा काव्या ये सुन कर अनु के लिए परेशान हो गए क्योंकि उन्हे डर था कि अनु ठिक तो होगी या नहीं.....



नील ने आयुष कहा , "भाई एक काम करिए आप भाभी और सब को  लेकर  घर जाइए मै अनु को ले कर आता हूँ ........पहले तो आयुष नहीं माना पर नील के समझाने पर वो मान गया और बाकीयो को लेकर घर आ गया 


लिफ्ट में 



अनु अब नोर्मल थी आरव अनु आराम से बैठे तो थे लेकिन चेहरे पर परेशानी थी दोनों बैठे बैठे लिफ्ट ठीक होने का इंतज़ार कर रहे थे  ............ 



शांति को भंग करते हुए आरव बोला , "यार अब क्या करे मै तो बहुत ज्यादा बोर हो रहा हूँ '' 


अनु वैसे ही परेशान थी ये सुनकर खिझते हुए बोली ...."जागरन  करते है रुको में अभी ढोलक मंगवाती हूँ तुम्हारे मनोरंजर के लिए"   


आरव अपनी आइब्रो ऊचकाते हुए बोला , " देखो तो अभी थोड़ी देर पहले भीगी बिल्ली बनी थी .......अब फिर से शेरनी की तरह  दहाड रही हो ..... ठीक से भी बोल सकती हो ...... हमेशा गबर बनी रहती हो....खडूस कहुँ कि '' बोलते हुए उसने मुँह बना लिया 



अनु उसे ऊँगली दिखाते हुए बोली - " देखो अभी मेरा दिमाग वैसे ही ठिक नही है .......तुम अपनी बकवास से उसका भाजी पाव मत बनाओ समझे चुपचाप बैठ जाओ '' 



उसकी बात सुन के आरव कुछ बोलने वाला था कि तभी लिफ्ट में एक झटका लगा और लिफ्ट फिर चल दी ...... 


वहीं झटका लगने से अनु आकर आरव पर गिर गई आरव का हाथ अनु की कमर पर आ गया और अनु के दोनो हांथ आरव के सीने पर दोनो के दिल की रफ्तार बहुत तेज थी ......दोनों एक दूसरे के आखो में खो गए ........कुछ देर बाद आरव अपने आप को सम्हालते हुए अनु से बोला , "ऑ मैडम अब उठोगी मेरे ऊपर से इतनी हल्की नही हो तुम....मेरी कमर टूट जाएगी "  



उसकी आवाज़ सुन के अनु को होश आया और वो हड़बडा कर उससे अलग होकर उठ गई........आरव भी उठा और उसके बगल में खड़ा हो गया ......थोड़ी में लिफ्ट का गेट खुला अनु बाहर आई उसके बाद आरव भी आ गया ......



जब नील ने देखा तो वो भी भाग कर उसके पास आया और उसे गले लगा के बोला परेशान स्वर में बोला , "तु ठीक तो है न अनु "


अनु अलग होते हुए मुस्कुरा के बोली - "क्यों तुझे क्या लग रहा है मुझे देखकर कि कैसी हुँ ........मै एकदम ठीक हूँ तू टैशन मत ले और बाकी सब कहां है " ।।


नील आराम से बोला - " मैंने सबको घर भेज दिया आयु भाई के साथ " 


अनु कहा , "हम्म" ठिक किया अब हम भी चले मम्मा परेशान हो रही होंगी ........



तभी नील की नजर आरव पर गई उसने अभी तक उसे नोटिस ही नहीं किया था वो उसे देख कर बोला , "अरे तू यहां मतलब तू भी लिफ्ट में था" 


आरव उससे हाथ मिलाते हुए बोला - "हा भाई मैं भी था (अनु के तरफ देखते हुए ) इस भूखी शेरनी के साथ.....अच्छा है तूने टाइम से लिफ्ट ठीक करा दी वरना आज तो ये मुझे कच्चा  खा जाती '' !



इसपर अनु उसे घूरते हुए नील से बोली , '' हमे लेट हों रहा है मम्मी और बाकी सब परेशान हो रहे होंगे तो चले अगर तेरी बकवास खत्म हो गई हो तो .....'' 


नील ने उसे देखा और उसके मूड को समझते हुए आरव से बोला , " ब्रो चल बाय कल मिलते है इसका दिमाग कभी भी बदल सकता है तो तेरे साथ मैं भी पीस सकता हूँ '' फिर दोनो एक दूसरे को देख मुस्कुराए और वहां से अपने अपने रास्ते चल दिए ।।




अनु नील आ कर कार में  बैठ गए नील ने गाड़ी स्टार्ट कि एफएम पर गाना चला दिया गाना बजा 


कुछ तो हुवा है, कुछ हो गया है
कुछ तो हुवा है, कुछ हो गया है
कुछ तो हुवा है, कुछ हो गया है
कुछ तो हुवा है, कुछ हो गया है
दो चार दिन से लगता है जैसे
सब कुछ अलग है, सब कुछ नया है
कुछ तो हुवा है, कुछ हो गया है।


गाना सुनते ही अनु के आंखो के सामने लिफ्ट का दृश्य आने लगा ........जब आरव ने उसे गले लगाया उसके इतना करीब आने से उसे असहज क्यों नहीं लगा .........क्यों उसके करीब उसे अजीब नहीं लगा ...........क्यों वो उससे दूर नहीं हुई .........क्यों उसके सीने से लगाना उसे  सुकून दे गया ! आज एक अलग सा एहसास जगा उसके दिल में .........दिल कि धड़कन भी एबनॉर्मल हो गई थी .......... एक अपनापन लगा उसकी पनाहो मे उसे ............क्यों उसके पास जाने से खुद को रोक नहीं पाई वो ....क्यों क्यों ??



वो इन सब में इतनी खो गई कि नील की आवाज़ भी उसे नहीं सुनाई दी ........जो कबसे उसे बुला रहा था ........नील ने झटके से ब्रेक लगा दिया अचानक ब्रेक लगने से अनु को होश आया ।।


वो गुस्से से नील को घूरते हुए बोली - "पागल है ऐसे अचानक से गाड़ी कौन रोकता है ......अभी लग जाती मुझे बेवकूफ कहीं का " ।।


नील चीड़ते हुए बोला - "चुपकर एक तो कब से बुला रहा हूँ .........कानपुर में हड़ताल है क्या जो  सुनाई नही दे रहा तुझे ....कहां खोई थी तू ........तुझे से बोलने के चक्कर में गाडी के सामने कुत्ता आ गया था ...... इसलिए ब्रेक लगाया पड़ा " ।।


अनु मुँह बन के बोली  -  "हां तो ठीक है न कुछ सोच रही थी में बस नहीं ध्यान दिया तेरी बात पर .... वैसे पूछ क्या रहा था "।।


नील थोड़ा रूड होने का नाटक करने हुए बोला - " नहीं कुछ नहीं बोला मैने ....तु सोच जो सोच रही थी ...... मैं तो सिर्फ पिज्जा के लिए पूछ रहा था ..... लेकिन शायद तेरा मन नहीं है '' इतना बोल उसने तिर्छी नजरो से अनु को देखा ।।



अनु पिज़्ज़ा सुनते ही बोली - " किसने कहा मुझे मन नही है और देख पिज्जे के साथ कोई मजाक नही समझा .......अब चल मुझे खाना है ........नील उसको देखकर मुस्कुराते हुए आगे चल दिया  ।।    





दूसरी तरफ आरव की कार में 



आरव भी अनु के बारे में ही सोच रहा था और मुस्कुरा रहा था .......बगल में बैठी अवनी उसे कबसे नोटिस कर रही थी ......बेमतलब मुस्कुराते हुए काफी देर तक देखने के बाद ........अवनी भी मुस्कुराते हुए गुन गुननाने लगी "हां भाई को प्यार हुआ प्यार हुआ अल्लाह मिया " ।।


ये सुनते ही आरव की मुस्कान बंद हो गई उसने चहरा घुमा कर अवनी को देखते हुए कहा .."ये क्या गा रही है ....किसे प्यार हुआ है ....और किससे हुआ " ।। 


अवनी अनजान बनते हुए , "क्या भाई मैंने क्या किया में तो गाना गा रही थी अच्छा है न ये गाना '' अवनि अपनी हंसी दबाते हुए बोली



आरव चीड़ते हुए बोला - " ज्यादा स्मार्ट बनने की कोशिश मत कर समझी ....क्या खिचड़ी पक रही है दिमाग में "  ।। 


"भाई में स्मार्ट बन भी नहीं रही .....क्योंकि मैं ब्यूटिफूल हूँ..... '' अवनि थोडा इतराते हुए बोली ।



आरव हंसते हुए बोला -   "ओए किस पागल ने तुझसे इतना बडा झुठ बुला कि तु सुंदर है '' इतना बोल वो तेज तेज हंसने लगा ।   


 "भाईईई  आप बहुत गंदे हो  एक नंबर के दुष्ट हो आप "हुह "अवनी चीड़ते हुए बोली और मुंह फुला कर  खिड़की के बाहर देखने लगी .......फिर कुछ सोचके उसने कहा , "वैसे भाई आपकी लिफ्ट वाली से सुंदर ही हुं में " ।।



ये सुन आरव फट से बोला "ओए ज़्यादा नही हा ...उसे कुछ मत बोलीओ (वो फ्लो फ्लो में ये बोल गया )  


अवनी चेहरे पर विजय मुस्कान लिए उसे हि देख रही थी .........ये उसका प्लैन था आरव का हाल - ए - दिल जानने के लिए  ....क्यो कि उसने आरव को देख लिया था अनु के साथ लिफ्ट से निकलते हुए और उनकी नोकझोक भी सुनी थी ......उसके बाद उसके भाई के चेहरे की चमक देख .......उसे कुछ गडबड लगी और सीधे सीधे पूछने से तो वो बताने से रहे कुछ तो इसलिए उसने ये षडयंत्र रचा "।।   


आरव को एहसास हुआ कि उसने जोश जोश में होश खो दिए तो वो खुद में बड़बड़ाते हुए बोला , "अब ये उगलवा कर हि दम लेगी '' आरव उससे नजर चुराते हुए बोला -  "देख छोटी जो तु सोच रही है वैसा कुछ नहीं है"   



अवनी मुस्कुराते हुए बोली - "भाई मैं जो सोच रही हूँ सही सोच रही हूँ .....और पक्का यकीन के साथ कह रही हूं कि कुछ तो गड़बड़ ज़रूर है " ।।


आरव सामने देखते हुए बोला - "नहीं ऐसा कुछ नही है .....हा अच्छी लगती है बट प्यार वो इतनी जल्दी कैसे हो सकता है .....अभी तो हम तीन चार बार हि मिले है बस " ।।     


अवनी (थोडी अदाओं के साथ बोली) - "भाई प्यार , मोहोब्बात , ईश्क .... तो एक संडे में हो जाता है ....उसके लिए मुलाकाते नही देखी जाती ....देखे जाते है ज्जबात ....जिसे देख कर दिल की धडकने तेज हो जाए .....कुछ भी समझ ना आए .... आस पास सब कुछ विरान हो जाए .....सोते जागते सिर्फ वही शक्स दिखाई दे और उसे देख कर लगे कि.....हा यही है जिसका मुझे इंतजार था जिसके लिए दिल बेकरार था.........जिसको देख कर आंखो को ठंडक मिले ......दिल को सुकून मिले ______'' अवनी बोलती जा रही थी आरव मुँह फाडे उसे देख रहा था अवनी की प्यार की परिभाषा अभी भी जारी थी .......



 आरव अपने दोनो हाथ को जोड़ते हुए बोला - "बस कर मेरी मां समझ गया में प्यार के बारे में अब ये अपना प्रेम पुराण बंद कर " 


अवनी मुंह बिचकाते हुए चुप हो गई और एफएम चला दिया गाना बजा ...... 


पहला पहला प्यार है
पहली पहली बार है
जान के भी अन्जाना
कैसा मेरा यार है   ...


आरव ने सामने अनायास हि अनिशा का चहरा आ गया जब लिफ्ट में अनु उसके ऊपर गिरी थी दोनों कि आंखे लड़ी थी और दोनों एक दूसरे में खो गए थे !!



उसकी नज़र, पलकों की चिलमन से मुझे देखती, उसकी नज़र
उसकी हया, अपनी ही चाहत का राज़ खोलति, उसकी हया
छुप के करे जो वफ़ा, ऐसा मेरा यार है
पहला पहला प्यार है   ...



आरव गाना सुन कर मुस्कुराने लगा और वो ब्लश भी कर रहा था .......अवनी उसको देख कर मुस्कुराते हुए बोली , "भाई एक बात बोलू"


आरव अपनी एक आईब्रो उठा के बोला - "माना करूगा तो नहीं बोलेगी क्या " ।।


अवनी हस्ते हुए बोली - "तब तो डेफिनेटली बोलोंगी .......फिर उसने कहा , " भाई भाभी है तो एक दम जहर दी खोजी है .....इतनी "क्यूट स्वीट" ब्यूटी विथ ब्रेन "।।


आरव उसकी बात पर मुस्कुरा उठा अवनि पूरे रास्ते उसे पकाति रही और ऐसे हि दोनो थोड़ी देर में घर आ गए।।




_______________________________💜TO BE CONTINUE💜_________________________


इफ यू एन्जॉय दिस  प्लीज डू कमेंट एंड लाइक द स्टोरी...... 🙂


✍ सुधा यादव 

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10 Comments

सिया पंडित

21-Feb-2022 05:18 PM

वेरी नाइसली रिटेन

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Sandhya Prakash

01-Feb-2022 02:55 PM

👌👌👌👌👌👌👌👌👌 very very very very nice story..

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Rudrakshii

17-Jan-2022 02:26 PM

Awesome

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