Kaveri Lily

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कशिश# एहसास तुम्हारे होने का 🍁

कशिश# एहसास तुम्हारे होने का 🍁
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जाने ये कैसा एहसास है 
ये जो अपने अंदर प्यास है
है कशिश तेरे आँखों की ,
तिश्नगी ये मेरी खास है....
मेरे ख्यालों पे हक है  
ये जो तेरा चारो पहर 
बिन बोले ही मुझपे 
ये कैसा तेरा अख्तियार है
जुनूँ है मुझमे जो जीने का ,
तेरी कशिश से ही करार है
बयां से मेरे परे है 
ये जो मुझपे तेरा है असर 
खामोश  जुबां खामोश नजर
कशिश में डूबा हर मंजर
भरी आवाज,दिलशाद नजर
वो धीमे धीमे चढ़ता जहर
है कशिश तेरे होने का
ये जो दिल में मेरे है  बशर
तू जुनूँ, तू सुकूँ 
तू ही दिल का मेरे सबर
तू हमनवां, तू हमसफ़र
तू ही मेरी दिल की डगर
न बारिश कोई भीगा सकी
तेरे ख्यालों की कशिश ने घेरा है
कतरे कतरे  में भरा समंदर 
यूँ तेरी कशिश का डेरा है ......
©®
कावेरी लिली
Insta@ Kaveri Lily

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2 Comments

Kumawat Meenakshi Meera

06-Jun-2021 04:21 PM

Bahut sundar कावेरी जी

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Ravi Goyal

06-Jun-2021 03:54 PM

बहुत खूब 👌👌

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