Sonia Jadhav

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हम तुम- भाग 13

भाग १३

आदित्य जब रात को सोने लगा तो उसे याद आया उसने अदिति को बताया ही नहीं कि उसकी सैलरी आ गयी है अकाउंट में। उसने सोचा था पहली सैलरी से अदिति को कुछ उपहार देगा। वो अदिति को फोन करता है और कल उसे मिलने के लिए कहता है।

आदित्य का बड़ा भाई आकाश कमरे में आता है तो आदित्य एकदम से फोन रख देता है।

आकाश कहता है.... देख रहा हूँ तू आजकल फोन पर बड़ा बिजी रहता है। टाइम पास है कि सीरियस है?
आदित्य सोचता है यही अच्छा मौका है बात करने का और कहता है….सीरियस है भाई। मैं उससे शादी करना चाहता हूँ।

आकाश…..पुराने ऑफिस वाली लड़की से तो तेरा ब्रेकअप हो गया था ना? देख आदि मम्मी-पापा दूसरी जाति में शादी करने के खिलाफ हैं। वो बहुत गुस्सा हुए थे, जब तूने उन्हें उस लड़की के बारे में बताया था। याद है ना तुझे?

आदित्य…….भाई वही लड़की है, अदिति है नाम उसका। मुझे वो बेहद पसंद है और मैं उससे शादी करने का वादा कर चुका हूँ। ब्रेकअप करने के बाद ही एहसास हुआ वो मेरे लिए कितनी ख़ास है।
आपको इसमें मेरी मदद करने पड़ेगी भाई।

आकाश परेशान हो जाता है यह सुनकर और कहता है…..तुझे पता नहीं हमारे यहाँ कितना ज़्यादा जात-पात का चक्कर होता है। गाँव में तो आज भी ब्राह्मण निम्न जाति वालों के यहाँ का पानी तक नहीं पीते हैं। जो जवाब तुझे दिया था उस वक्त पापा ने, वही जवाब मुझे भी देंगे अगर मैंने उनसे इस बारे में बात की तो?

आदित्य गुस्से से कहता है…. हद है यार ! जमाना कितना भी आगे पहुँच जाए, हम कितना भी पढ़-लिख जाएं लेकिन शादी के मामले में जात पात पर आकर हमारी सुई अटक जाती है।
जब आपकी पहले शादी की बात टूटी थी तभी अदिति ने ही मुझे समझाया था।

आदित्य अदिति की कही एक-एक बात आकाश को बताता है। आकाश भी अदिति की बातें सुनकर प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाता और कहता है तेरी अदिति तो बड़ी समझदार है। इस तरह से तो हम में से किसी ने भी नहीं सोचा। बेकार ही हम उस लड़की को कोसते रहे, बल्कि उसने तो साहस का काम किया था अपने प्यार का सच बताकर। ऐसा करके उसने मेरी और अपनी जिंदगी बर्बाद होने से बचा ली।

आदि मैं पापा से बात करने से पहले एक बार अदिति से मिलना चाहता हूँ। कल बुला ले अदिति को मिलने के लिए।

आदित्य ख़ुशी से अपने भाई को गले से लगा लेता है और धीरे से कहता है….. बुला तो लूँगा भाई लेकिन तू मिलकर जल्दी वापिस चले जाना। कल मेरा उसके साथ घूमने का प्रोग्राम है।
आकाश हल्के से आदित्य की पीठ पर मारता है और कहता है…. शर्म नहीं आती भाई से ऐसी बातें करते हुए।
आदित्य हँसते हुए कहता है…. आप मेरे लिए दोस्त ज़्यादा हो और भाई कम।

आदित्य अदिति को आकाश और उसकी बातचीत के बारे में कुछ भी नहीं बताता बस इतना कहता है कल सफ़ेद रंग वाला लखनवी सूट पहनकर आना।

अगले दिन आदित्य और आकाश कॉफी हाउस में अदिति का इंतज़ार कर रहे होते हैं। जानबूझकर आकाश सामने वाली टेबल पर अलग से बैठ जाता है अदिति को देखने के लिए।

तभी अदिति भी आ जाती है और आदित्य से कहती है….हम दोनों साथ भी आ सकते थे, तुम अकेले क्यों आ गए पहले?

आदित्य…..आज मुझे तुम्हें किसी से मिलवाना है, बस इसलिए पहले आ गया था लेकिन वो इंसान अभी तक आया ही नहीं है।

अदिति हैरान होकर पूछती है किसको?
मेरा भाई आकाश मिलना चाहता है तुमसे।

अदिति के चेहरे पर घबराहट नज़र आने लगती है। वो घबराते हुए कहती है अगर तुम मुझे रात को बता देते तो मैं मानसिक रूप से अपने आपको तैयार तो कर लेती। अगर उन्हें मैं पसन्द नहीं आयी तो फिर क्या होगा?
आदित्य समझाता है ऐसा कुछ नहीं होगा, घबराने की ज़रूरत नहीं है।

अदिति आदित्य से बात करते हुए किसी बात पर हंस रही होती है तो देखती है कि ठीक सामने वाली टेबल पर बैठा लड़का उसे घूर रहा है। वो आदित्य को यह बात बताती है तो आदित्य हँसते हुए कहता है…..मेरे चश्मे का नंबर बढ़ गया है इसका यह मतलब नहीं कि सबका बढ़ गया हो।

अदिति परेशान होकर कहती है तुम्हें तो हर बात में मज़ाक ही सूझता है। चलो कॉफी पिलाओ मुझे और अबकि बार दो मंगवाना। पिछली बार तुमने मेरी आधी कॉफी पी ली थी।

आकाश अदिति की बात सुनकर हैरान हो जाता है और सोचता है ….. यह आदि तो घर में किसी का भी झूठा नहीं खाता और अदिति की झूठी कॉफी पी ली। वाह! लगता है इसे सच में प्यार हो गया है।

अदिति अपनी कॉफी पीने में मस्त होती है लेकिन फिर से उसे लगता है कि सामने की टेबल वाला व्यक्ति उनके टेबल की तरफ ही देख रहा है। वो जब उस व्यक्ति की ओर ध्यान से देखती है तो उसे उसकी शक्ल आदित्य से मिलती हुई लगती है। वो समझ जाती है यह आदित्य का बड़ा भाई आकाश है।

इससे पहले आदित्य कुछ समझ पाता, अदिति टेबल से उठती है और आकाश के पास जाती है। आकाश भी अदिति को यूँ पास देखकर घबरा जाता है।

अदिति मुस्कुराते हुए हाथ जोड़कर कहती है….नमस्ते भैया। मेरा नाम अदिति है। मुझे अच्छा लगेगा अगर आप हमारे साथ बैठकर कॉफी पीयेंगे।
आकाश आदित्य की तरफ देखकर मुस्कुराता है और अदिति और आदित्य के साथ कॉफी पीने के लिए बैठ जाता है।

अदिति का तब तक फोन आ जाता है और वो फोन सुनने साइड में चली जाती है।

उसके जाते ही आकाश कहता है…..अदिति बहुत बतखुटि है (गढ़वाली शब्द--ज़्यादा बात करने वाली) , बाकि लड़कियों से काफी अलग भी है। कैसे एकदम अचानक से मेरे टेबल पर आकर उसने नमस्ते भैया बोला….मैं तो घबरा ही गया था। एक बात उसमें बहुत अच्छी है कि उसमें कोई बनावट नहीं है, जो दिल में है वही ज़ुबान पर भी है। एक अलग तरह की सादगी है उसमें। यही बात तुझे अदिति की अच्छी लगी ना?

आदित्य मुस्कुराते हुए कहता है…. हाँ भाई। उसमें शोशेबाजी नहीं है। वो जैसी है, वैसी है। कभी भी बात घुमा फिराकर नहीं कहती, सीधा मुद्दे की बात पर आती है। दिखने में लगता है कि हाँ बोलने में तेज़ है लेकिन है बुद्धू। अदिति सीधी है बहुत और यही बात मुझे उसकी पसन्द है।

मैं समय देखकर पापा से तेरे और अदिति के बारे में बात करूँगा।
तभी अदिति आ जाती है और कहती है सॉरी भैया एक दोस्त का फोन था, जरुरी था बात करना।
आकाश….कोई बात नहीं अदिति।

अदिति और आकाश के बीच में काफी बातें होती हैं। आकाश उसे अपनी शादी में आने के लिए कहता है और फिर काम का बहाना बनाकर चला जाता है। आदित्य से उसे बाहर तक छोड़ने जाता है और कहता है ....थैंक यू जल्दी जाने के लिए और दोनों भाई मुस्कुराने लगते हैं।

आदित्य अदिति से फोन के बारे में पूछता है। अदिति बताती है कि सुमित का फोन आया था। वो कह रहा था कि उसकी कंपनी में जगह खाली है प्रोग्रामर की तो आवेदन करने के लिए कह रहा था।
मैंने बहाना बना दिया कि नौकरी के लिए गुड़गांव जाना मेरी बस की बात नहीं है। कहने लगा कि हम दोनों साथ ऑफिस आ जा सकते हैं।
मैंने कह दिया कि सोचकर जवाब देती हूँ।

आदित्य को थोड़ा गुस्सा आ जाता है और वो मन ही मन सुमित को गाली देता है।

आदित्य अदिति को उसकी कंपनी में आवेदन करने से मना कर देता है। अदिति कारण पूछती है तो आदित्य अदिति को प्यार से समझाता है….सुमित तुम्हें पसन्द करता है और ये सब तुम्हारे करीब आने के लिए कर रहा है।
अदिति को विश्वास नहीं होता आदित्य की बात पर तो आदित्य कहता है….. मैं कुछ कह रहा हूँ तो सोचकर ही कह रहा हूँगा। मैं नहीं चाहता मेरी अदिति के कोई और करीब आने की कोशिश करे।

अदिति आदित्य का हाथ पकड़कर कहती है….अदिति के नाम ही ही आदित्य है, समझ गए? मेरे लिए मेरी ख़ुशी से ज़्यादा कुछ और ज़रूरी नहीं है और मेरी ख़ुशी तुम हो।

❤सोनिया जाधव

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3 Comments

Seema Priyadarshini sahay

19-Jan-2022 11:35 PM

बहुत सुंदर भाग मैम

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Rakash

19-Jan-2022 04:59 PM

nice jii

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Punam verma

19-Jan-2022 04:16 PM

Nice

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