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लेखनी प्रतियोगिता -19-Jan-2022 क्यों शाम आती है

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क्यों शाम आती है गुनगुनाती है----
यादों के झरोखे से थोड़ा मचल जाती है---
क्यों शाम आती है गुनगुनाती है,
इन चिरागों को जरा जलाए रखना,
उनकी यादों को दिल से ना लगाए रखना---
ये सुबह शाम यूं ही तड़पाती है,
क्यों शाम आती है गुनगुनाती है,
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क्यों उल्फत ए मोहब्बत की डगर है मुश्किल,
उनको पाना भी है मुश्किल,
उनको खोना भी है मुश्किल,
क्यों बेवजह एक अफसाना बन जाती है,
क्यों शाम आती है गुनगुनाती है---
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वक्त बेवक्त हर घड़ी हमेशा----
सोचते हैं कभी हम ये क्या हो गया---
क्यों जहन से तेरी यादें मिटा नहीं पाती है,
क्यों यह यादें नस-नस में समा जाती हैं,
क्यों शाम आती है गुनगुनाती है---
यादों के झरोखे से थोड़ा मचल जाती है,
क्यों शाम आती है गुनगुनाती है,
संगीता वर्मा✍✍

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8 Comments

Bahut khubsurat rachana mam🙏❣️

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Seema Priyadarshini sahay

20-Jan-2022 08:43 PM

बहुत खूबसूरत रचना

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Niraj Pandey

20-Jan-2022 09:42 AM

बहुत ही बेहतरीन

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