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एक मुलाक़ात....❣️( भाग - 11 )

देहरादून 

आरव का फार्म हाउस 
सुबह 7 बजे


सुबह हो चुकी थी,,,,, सूरज अपनी लालिमा चारों तरफ बिखेर रहा था,,,,,पहाडो के बीच से छाकते सूरज की रोशनी वहां के सौंदर्य को और निवार रही थी,,,,,,अभी सुबह के सात बज रहे थे,,,,,, इतना सुहाना मौसम हो रखा था कि किसी को अपनी रजाई से निकलने का मन हि नही था,,,,,,,,, सिर्फ आरव गार्डन में जिमींग कर रहा था !!!      


  
ऊपर कमरे में खिड़की से आती सूरज की हल्की किरण अन के चेहरे पर पड़ रही थी और उसकी नींद में रोडा डाल रही थी,,,,,,, परेशान हो कर अनु झुंझलाते हुए उठी और खिडका का पर्दा लगाने चली गई पर,,,,,,,,वहां जब वो खिडकी बंद करने जा रही थी तो गार्डन में पूशअप करते आरव पर उसकी नजर चली गई उसे देखते ही अनु की सारी नींद ही छुमंत्र हो गई । 



आरव ने ट्रेक पैंट ट्रेक शर्ट पहनी थी चेहरा लाल हो रखा था ,,,,,,,,, इतने अच्छे और ठंडे मौसम में भी उसे पसीने आ रहे थे सूरज की रोशनी में वो और भी ज्यादा आकर्षक लग रहा था ,,,,,,,,, अनु एकटक उसे देखती रही जब आरव खड़ा हुआ और बॉटल से पानी मुंह पर डालने लगा तभी उसकी  नजर ऊपर खड़ी अनु पर गई जो उसे ही देख रही थी तो उसने इशारे से उसे पूछ,,,, "क्या हुँ" !!!!



अनु को होश आया आरव को अपनी तरफ देखता पाके वो हड़बड़ा के पिछे हुई और "ना"  में अपनी गर्दन हिलाई और जल्दी से पर्दा बंद कर दिया और आकर बैंड पर बैठ गई अपने सर पर हल्की सी चपत लगाई और अपनी ही हरकतो पर मुस्कुराने लगी । नीचे आरव भी उसकी इस हरकत पर मुस्कुराए बिना नहीं रह पाया और मुस्कुराता हुआ अंदर आ गया !!!     



अनु बेड पर बैठी बडबडा रही थी " ये कैसी छिछोरी वाली हरकत थी,,,,,, अनु कैसे देख रही थी तू उसे,,,,, देख क्या रही थी तू तो ताड रही थी उसे वो क्या सोचेगा तेरे बारे में की,,,,,,,, मैं छुप के उसे देख रही हूं पर मेरी क्या गलती है नजर चली गई,,,,, वो इतना क्यूट और स्वीट लग रहा था तो नजर नही हटी .......लेकिन तू ये क्या क्या बकबक कर रही है अनू,,,,,,तून सच्ची में पगला गई है '' 



उसकी अपने आप से बाते नॉन स्टोप चालू थी  बगल में सोई मिशा कब से उसकी बडबड से परेशान हो रही थी इरिटेट होते हुए मिशा ने एक तकिया अनू पर फेक कर मारी और झुंझलाते हुए बोली ... " अबे ओए चुड़ैल पागल वागल हो गई है क्या,,,,,,,,क्यों ये  मंतर फूंक रही है सुबह सुबह ..... देख तुझे जो भी जादू टोन्ना करना है न वो बाहर जाके कर मेरी नींद मत खराब  कर फालतू में समझी !! और वो दुबारा चर्द तान कर सो गई   



अनु उसके कमब्ल खिचते हुए बोली - "अबे ओ कंजरिया उठा जा सुबह के 8 बज रहे है कब तक सोएगी,,,,,,कुंभकरण की नानी बनी पड़ी है ,,,,उठ जल्दी चल '' 


मिशा कम्बल वापस खिलते हुए - "क्या यार सोने दे न क्यो नींद की दुश्मन बनी पडी है,,,,,, आज खुद जल्दी  ऊठ गई तो कुछ ज्यादा महान बन रही है,,,,,,,मै तो बोलती हूँ तू भी सो जा यार,,,,,, देख कितना अच्छा मौसम हो रखा है हल्की धुप के साथ हल्की फुल्की बुंदा बंदी और ठंडी ठंडी हवा ,,,,,,,,वाओ  ऐसे सुबह हो न तो मै तो सोई रहूँ  '' 



" ओए ज्यादा आलसी मत बन और  ऊँठ जल्दी  अभी हमे नीचे नाश्ता रेडी करना होगा और कोई है भी नहीं यहां तो चल जल्दी में एक और बार नहीं बोलूंगी इस बार सीधे  ठंडा पानी मुंह पर उड़ेल दूंगी समझी सिर्फ 5 मिनट है  तेरे पास '' इतना बोलकर अनु बाथरूम में चली गई थोड़ी देर बाद दोनो रेडी हो कर नीचे चली आई ,,,,,,,,,






दोनों नीचे आई तो किचन से आवाज आ रही थी  दोनों किचन की ओर चली आई वहां का नजारा देख दोनो की आँखे  बड़ी बड़ी हो गई फिर अचानक दोनो जोर जोर से हंसने लगी,,,,,,,,( दरसल हुआ ये था कि आरव वहां पर था और शायद नास्ता बना रहा था या ये बोलो की किचन का सत्यानाश कर रहा था ,,,,,,उसके कपडे पर चेहरे पर और किचन से फ्लोर पर आंटा फैला था जैसे वो खाना नहीं  बना  रहा हो ,,,,होली खेल रहा हो ) ........... हंसी की आवाज सुन कर आरव उनके तरफ पहला और आंखे दिखाते हुए बोला...... "कुछ ज्यादा ही दांत नही निकल रहे तुम दोनो लोगों के ज्यादा हसी आ रही तुम्हे "    



अनु हंसी को रोकते हुए बोली - ये क्या हालत बना रखी है???  तुमने किचन की और खुद की भी नास्ता बना रहे हो?? या होली खेल रहे हो !!



 " वो में ब्रेकफास्ट बना रहा था ,,,,,, तुम सब मेरे मेहमान हो तो तुम से थोड़े काम कराऊंगा '' आरव ने मासूम सा फेस बना कर कहा 


मिशा कमर पर हाथ रख उसे घुरते हुए बोली - "ओ हैलो मिस्टर क्या मेहमान हा ,,,,,हम मेहमान नही दोस्त है तुम्हारे समझे की समझा और जब काम नही आता तो कर क्यों रहे हो पूरा किचन का हल बेहाल कर दिया और खुद को भी आटा बाबा बना लिया एक काम करो जाके तुम पहले अपना हुलिया ठीक करो ब्रेकफस्ट हम दोनो बना लेंगे ''



अनु जो खड़ी होके आरव की सकल देख कर हस रही थी आरव के चेहरे पर भी आटा लगा था आरव ने देखा तो उसी दिमाग झोल सुझा उसने मिशा को "ठीक है " कहा और बाहर जाने लगा पर फिर अनु के पास से निकलते हुए उसने अपने हाथो में लगा आटा अनु के गाल पर लगा दिया अनु ने गुस्से में उसे घूरा ।



 आरव भी अपने दांत दिखाते हुए बोला "क्यों अब हसी नही आ रही अभी तो बड़ा हंस रही थी अब हंसो '' फिर उसके थोड़ा करीब जाके उसके कानों में बोला "अब तो तुम्हारे ऊपर्  मेरा रंग चढ़ गया" इतना बोल वो  मुस्कुराते हुए वहा से चला गया । 


अनु अभी भी वही खड़ी उसके बातो का मतलब समझने की कोशिश कर रही थी मिशा की आवाज से अनु का ध्यान टूटा तो वो ये बात इग्नोर करती हुई अंदर आ जाती है वाशबेसन में अपना मुंह थोड़ी है और फिर दोनो सबके लिए नाश्ता बनाती है ..... इनका सेमीनार मौसम ख़राब होने की वजह से कैंसल हो गया और उन्हें वापस दिल्ली जाना था आज का दिन उनको घूमने को मिल गया !!!! 



थोड़ी देर बाद सब रेडी होके हॉल में आ गए सबने नाश्ता किया और सर के साथ निकल पड़े देहरादून की सैर करने ,,,,,,,आज सब उल्टा था आज आरव अनु को नही अनु आरव को निहार रही थी आज शुभ से पता नही क्यों पर न चाहते हुए भी अनु आरव की तरफ खींची चली जा रही थी ...... वैसे आज आरव बोहोत स्मार्ट लग रहा था आज उसने रेड हुडी पहनी थी और ब्लैक जींस बालो माथे पे आ रहे थे और वो और भी क्यूट लग रहा था मिशा ने अनु को यू आरव को देखता देखा  तो उसे कोहनी मरती हुई बोली ,,,,,,



"क्या बात है मैडम बड़े प्यार से देख रही हो कही .......वो आगे कुछ बोलती उससे पहले अनु उसे घूरते हुए बोली '' मिशा ने कहा 



 "ज्यादा न अपना ये फालतू का दिमाग मत चला समझी जो ये उल झोल्लोल तेरे दिमाग में चल रहा है न निकल दे समझी कुछ भी बकी जा रही है पागल और वो बहार देखने लगी" अनु ने उसकि बात का जवाब दिया 



आधे घंटे बाद सब देहरादून के प्रसिद्ध मंदिरों में से  एक *टपकेश्वर महादेव के मंदिर* पहुंचे ______(टपकेश्वर देहरादून के पास मौसमी एशियन नदी के तट पर भगवान शिव का एक प्रसिद्ध पवित्र मंदिर है,,,,, माना जाता है कि यहा की गुफ़ा में बोहोत पुराने शिवलिंग स्थापित है और लोग इसे ही देखने आते है !! )_______सब उतर के अंदर गए दर्शन किया और नदी के तट पर आ के फोटो लेने लगे एक घंटे वहा घूम कर सब लोग झील देखने चले गए कुछ घण्टे वहा मस्ती करने के बाद सब वापस आ गए सब काफी थक गए थे तो आते ही सब बिस्तर पर पसर गए!! 



अगले दिन सब दिल्ली के लिए निकल गए था _____भले यहां कुछ नहीं हुआ पर ____अनु के दिल की घंटी जरूर बज गई !! अब देखना है की प्यार कब होगा हमारी लेडी सिंघम को हमारे क्यूट से हीरो से 😊😊😊



_________________❤️To Continue____________



✍✍ सुधा यादव




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कीप सपोर्टिंग ☺️


प्लीज कमेंट इफ यू लाइक द स्टोरी 😇😇


✍️सुधा यादव©®

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7 Comments

सिया पंडित

21-Feb-2022 05:19 PM

वेरी नाइस स्टोरी

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Seema Priyadarshini sahay

12-Feb-2022 03:59 PM

बहुत ही अच्छी कहानी है

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Sandhya Prakash

01-Feb-2022 02:56 PM

Bilkul support krte h ma'am, kahnai achchi ja rahi h

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