Sonia Jadhav

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हम तुम- भाग 18

भाग 18
अगले दिन शाम को आकाश और आदित्य, अदिति के घर जाते हैं। अदिति के मम्मी-पापा और आकाश के बीच काफी अच्छी बातचीत होती है। आकाश को भी ऐसा नहीं लग रहा होता कि वो पहली बार इन लोगों से मिल रहा है। उसे लगता है जैसे वो अपने किसी रिश्तेदार के यहाँ ही बैठा है।

अदिति सबके लिए चाय और समोसे लाती है। सबके सामने होने के कारण आदित्य अदिति से कुछ बात नहीं करता। चाय-नाश्ता करने के बाद अदिति के पापा, आदित्य और आकाश फ्लैट देखने चले जाते हैं। आकाश को भी फ्लैट काफी पसंद आता है। वो आदित्य से कहता है कि डिपॉजिट का पैसा वो दे देगा, उसे इस बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। वो अदिती के पापा का शुक्रिया अदा करता है….अदिति और आदित्य की मदद करने के लिए, उनके प्यार को समझने के लिए।

अदिति के पापा भी काफी खुश होते हैं दोनों भाइयों में इतने प्यार को देखकर। उन्हें मन में संतोष होता है यह सोचकर कि अदिति ने सही परिवार चुना है।

दो दिन बाद आकाश की शादी होती है। घर में गाँव से रिश्तेदारों का आना जाना शुरू हो जाता है। आदित्य भी ऑफिस से छुट्टी ले लेता है और अदिति को कहता है अगर वो इस बीच फोन ना कर पाए तो परेशान ना हो।
घर में खूब चहल पहल का माहौल होता है। पापा-मम्मी भी बहुत खुश होते हैं।

शादी से एक दिन पहले मेहँदी और संगीत होता है। खूब नाच गाना चल रहा होता है घर में और आदित्य एक कोने में बैठा सोच रहा होता है….काश पापा उसकी शादी के लिए मान जाते तो वो भी इस तरह सबके साथ अपनी खुशी बाँट पाता। ना उसे हल्दी लगेगी, ना सेहरा सजेगा।
तभी आकाश आता है और उसके कंधे पर हाथ रखकर कहता है…..मैं समझता हूँ तेरे दिल में क्या चल रहा है इस समय। भूल जा वो सब, चल आ जा दोनों भाई डांस करते हैं।

इधर अदिति भी सोच रही होती है कि अगर दोनों परिवारों के बीच सब कुछ सामान्य होता तो आज वो भी आकाश भैया की शादी में शामिल होती।

आकाश की शादी बड़ी धूमधाम से होती है गढ़वाली रीति रिवाजों के हिसाब से। घर में नई बहू नेहा के आने से ख़ुशी का माहौल होता है। शादी के बाद धीरे-धीरे रिश्तेदार भी अपने घर चले जाते हैं। आकाश और नेहा भी हनीमून के लिए मनाली चले जाते हैं।

सबके चले जाने के बाद आदित्य अदिति को फोन करता है और कहता है…. मैंने तुम्हें बहुत याद किया अदिति लेकिन घर के कामों में ऐसा उलझा कि चाहकर भी फोन नहीं कर पाया। अब सारे रिश्तेदार चले गए हैं और भाई भाभी भी घूमने मनाली चले गए हैं तो सोचा तुमसे बात कर लूँ।

अदिति….मैं तो तुम्हारी याद में "तेरा चेहरा" गाना सुनकर काम चला रही थी और बीते दिनों को याद कर रही थी। अब इस पहाड़ी के बिना रहना बहुत मुश्किल लगता है। मेरा दिन भी तुमसे शुरू होता है और रात भी तुम्हीं पर खत्म।

आदित्य के चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है यह बातें सुनकर और वो पूछता है शादी के बाद कहाँ जाओगी घूमने, कुछ सोचा है?
अदिति…..जहाँ तुम ले चलो।
आदित्य….ठीक है फिर कल मिलते हैं शाम को, ज़रूरी काम है।

अगले दिन शाम को आदित्य आकाश की बाइक लेकर आता है और दोनों बाइक में घूमने जाते हैं।
आदित्य बाइक मेहता ज्वैलर्स के आगे जाकर रोक देता है।
अदिति पूछती है यहाँ क्यों?
आदित्य अदिति को चुप रहने का इशारा करता है और उसे दुकान के अंदर ले जाता है।

वो सेल्स गर्ल से मंगलसूत्र और अंगूठी दिखाने के लिए कहता है। अदिति ने इसके बारे में तो सोचा ही नहीं था। वो आदित्य का हाथ पकड़ती है और उसकी आँखों में प्यार से देखती है। आदित्य भी मुस्कुरा देता है और कहता है मेरी पहाड़न के लिए मैं कोई भी कमी नहीं होने दूँगा।
एक छोटा सा मंगलसूत्र दोनों को पसन्द आता है।

अदिति कहती है उसे प्लेन अंगूठी में "आदित्य❤अदिति" का नाम चाहिये लिखा हुआ। आदित्य को अदिति का यह अंदाज़ बहुत पसंद आता है। आदित्य को सब सामान लेने के बाद याद आता है क्यों ना अदिति के लिए एक पहाड़ी नथ बनवा लूँ, पहाड़ी दुल्हन लगेगी शादी के दिन बिलकुल।
अदिति आदित्य के लिए उसी तरह की अंगूठी बनवाती है जैसे उसने बनवायी थी अपने लिए दोनों के नाम वाली। इसके पैसे वो खुद देती है, आदित्य को देने नहीं देती।

आदित्य अदिति को छोड़ कर घर आता है तो पापा पीछे पड़ जाते हैं और पूछते हैं….. मजनू जी कब जा रहे हैं घर छोड़कर?
आदित्य को गुस्सा आ जाता है पापा की यह बात सुनकर लेकिन वो अपने गुस्से को काबू में करके यही कहता है कि बहुत जल्द, घर देख लिया है।

वैसे एक बात और बतानी थी कि अदिति के मम्मी पापा आप लोगो से मिलना चाहते हैं एक बारी।

पापा….हमें किसी से मिलने में कोई रूचि नहीं है।
आदित्य की मम्मी धीरे से कहती है….एक बार मिलने में बुराई क्या है?

पापा……. तू ने जाना है तो तू भी चली जा अपने लड़के के साथ। अगर तू ने ढंग के संस्कार दिए होते इसे तो कम से कम यह ऐसी हरकत तो नहीं करता।

आदित्य गुस्से से कहता है….मेरे मामले में मम्मी को मत घसीटो आप। उन्हें उल्टा सीधा कहने की ज़रूरत नहीं है।
आदित्य की मम्मी को अच्छा लगता है यह देखकर कि आदित्य को आज भी उनकी फ़िक्र है।

आदित्य अपने कमरे में चला जाता है और आँखें बंद करके लेट जाता है। अब उसकी एक ही चाहत थी कि अदिति से उसकी शादी जल्द से जल्द हो जाए ताकि वो कुछ सुकून के पल जी सके। रोज़ की इस बहस को वो खत्म करना चाहता था अब। कब आँखों से आँसू टपकने लगे उसे पता ही नहीं चला।
तभी आदित्य की मम्मी उसके कमरे में आती हैं, प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरती हैं तो आदित्य के आंसुओं का बांध टूट जाता है और वो अपनी मम्मी की गोद में सिर रखकर रोने लगता है।

अपने बेटे को यूँ बच्चों की तरह रोता देख आदित्य की मम्मी का दिल भी पसीज जाता है। उनकी आँखों में से भी आंसू बहने लगते हैं। वो आदित्य से पूछती हैं…..तू बहुत प्यार करता है ना अदिति को? उस लड़की में कुछ तो खास होगा जो मेरा बेटा उसे इतना चाहता है।

आकाश ने बताया था मुझे कि तू घर ले रहा है किराये पर और अदिति के परिवार के बारे में भी कि वो लोग काफी अच्छे लोग हैं।
जैसे तुम लोगों से गलतियाँ हो जाती हैं और हम माँ बाप माफ़ कर देते हैं। वैसे हम माँ बाप से भी कभी-कभी चीजों को समझने में भूल हो जाती है। मैं अपने आदित्य की अदिति को देखना चाहती हूँ, कब मिलवायागा मुझे उससे?

आदित्य ख़ुशी से अपनी मम्मी को गले से लगा लेता है। आप जब कहोगे तब मिलवा दूँगा। आप कहो तो कल घर चलते हैं उनके, जो फ्लैट लिया है मैंने किराये पर वो भी दिखा दूँगा।

आदित्य की मम्मी कहती है मेरे बेटे की ख़ुशी से ज़्यादा मुझे और कुछ प्यारा नहीं है। कल मिलने चलते हैं शाम को। तू मुझे मंदिर के बाहर मिल जाना, वहाँ से साथ चलेंगे। लेकिन एक बात का ध्यान रखना, तेरे पापा को हमारी बातचीत के बारे में पता ना चले। ठीक है?
आदित्य का मन ख़ुशी से उछल रहा होता है। उसके सीने से एक बहुत बड़ा बोझ उतर चुका होता है।

अपनी मम्मी के जाते ही वो अदिति को फोन मिलाता है और बहुत प्यार से पूछता है…..मेरा गुलाबजामुन कैसा है?
अदिति हँसने लग जाती है और कहती है….क्या बात है, इतना प्यार?

आदित्य….मम्मी तुमसे मिलना चाहती हैं। इसलिए कल शाम को मैं मम्मी को लेकर तुम्हारे घर आऊंगा मिलवाने के लिए। तैयार रहना, गुलाबी रंग वाला लखनवी सूट है ना वो पहन लेना।
ओह! अदिति मैं बहुत खुश हूँ यह जानकर कि मम्मी तुमसे मिलना चाहती हैं।
अदिति हैरान हो जाती है यह सुनकर। उसे तो अपने कानों पर विश्वास ही नहीं होता और वो कहती है…
सच कह रहे हो आदित्य तुम?

आदित्य….हाँ बिल्कुल सच।
अदिति….खबर तो बहुत अच्छी है लेकिन मुझे घबराहट हो रही है। कहीं तुम्हारी मम्मी को मैं पसन्द नहीं आयी तो?

आदित्य….पसन्द मैं कर चुका हूँ तुम्हें, वो तो सिर्फ तुमसे मिलने आ रही हैं। इतना डरने की ज़रूरत नहीं है।
ठीक हैं फिर कल मिलते हैं।
आदित्य फोन रख देता है लेकिन अदिति के मन में अभी भी डर होता है आदित्य की मम्मी को लेकर।

अगले दिन शाम को आदित्य अपनी मम्मी को अदिति के घर ले जाता है। घर का दरवाज़ा आज अदिति नहीं, उसकी मम्मी खोलती है। आदित्य अपनी मम्मी का परिचय देता है….यह मेरी मम्मी हैं ज्योति बहुगुणा और मम्मी ये अदिति के पापा हैं रमन अरोड़ा, बैंक में मैनेजर हैं और ये हैं अदिती की मम्मी गीता अरोड़ा। ये सरकारी स्कूल में टीचर हैं।

अदिति के मम्मी पापा अपनी खुशी ज़ाहिर करते हैं उनके यहाँ घर आने पर। आदित्य की मम्मी को अदिति का घर बड़ा पसन्द आता है। तभी अदिति की मम्मी अदिति को आवाज़ लगाती है। अदिति बाहर आकर आदित्य की मम्मी के पाँव छूती है और उनके लिए चाय-बिस्कुट और नमकीन लेकर आती है।
आदित्य की मम्मी कहतीं है….मुझे शुगर है, मैं मीठी चाय नहीं पीती बेटा।

अदिति कहती है….आंटी आपके लिए फीकी चाय बनायी है, आप पी सकती हैं।
आदित्य की मम्मी यह सुनकर खुश हो जाती हैं। वो पूछती हैं तुम्हें कैसे पता?

अदिति….बहुत पहले एक बार आदित्य ने ज़िक्र किया था तो याद रह गया दिमाग में।

अदिति के पापा कहते हैं…..अच्छा हुआ बहनजी आपसे आज मिलना हो गया। आज ही मैंने शादी की तारीख निकलवाई है पंडित से। हमारे बैंक में ही है एक, वो भी गढ़वाली ब्राह्मण हैं। वो खाली समय में पंडिताई का काम भी करते हैं। उन्होंने 17 फरवरी की तारीख निकाली है। 15 दिन हैं हमारे पास तैयारी के लिए। हमें खुशी होगी इस शादी में आदित्य के पापा भी दोनों को आशीर्वाद देने आएं।
आदित्य की मम्मी….मैं कोशिश करुँगी उन्हें पूरी तरह मनाने से, बाकि भगवान की इच्छा।

वो अपने बैग से नारियल और चावल निकालती हैं। अदिति को अपने पास बिठाकर उसकी गोद में नारियल और चावल रखतीं है। माथे पर पीठई(तिलक) लगाती हैं। साथ में उसके हाथ में 1100 रुपये का शगुन रखतीं है। वो आदित्य और अदिति को सदा खुश रहने का आशीर्वाद देतीं है।

आदित्य और उसकी मम्मी घर आ रहे होते हैं। रास्ते में वो आदित्य से कहतीं है , अब समझी मेरा बेटा अदिति से इतना प्यार क्यों करता है। बहुत ही सीधी लड़की है, उसकी सादगी में ही उसकी सुंदरता है। उसकी आँखों में नजऱ आता है वो तुझसे बहुत प्यार करती है। उसके मम्मी पापा का स्वभाव भी अच्छा है। अच्छे है तेरे ससुराल वाले।
आदित्य को यह सुनकर असीम संतुष्टि मिलती है। उसे लगता है अब सब कुछ अच्छा होगा उसके और अदिति के साथ।

❤सोनिया जाधव

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