Solanki
23.1.2022.
"बुद्धिमान लोग सही सलाह से लाभ उठाते हैं, और मूर्ख लोग बुरा मान जाते हैं, तथा झगड़े भी करते हैं।"
एक व्यक्ति फटी हुई कमीज पहन कर घर से ऑफिस के लिए निकला। उसे देखकर किसी दूसरे व्यक्ति ने सूचना दी, कि "आपकी कमीज फटी हुई है." वह व्यक्ति बुद्धिमान था। उसने सूचना देने वाले व्यक्ति की बात का बुरा नहीं माना, बल्कि उसे धन्यवाद दिया। और तुरंत घर वापस जाकर दूसरी अच्छी वाली कमीज पहन ली।
एक और व्यक्ति भी ऐसी ही फटी हुई कमीज पहन कर घर से ऑफिस के लिए निकला। उसे भी किसी दूसरे व्यक्ति ने सूचना दी, कि "आपकी कमीज फटी हुई है." वह व्यक्ति मूर्ख था। वह उसकी सूचना से दुखी हो गया, और बुरा मान गया। इतना ही नहीं, वह मूर्ख तो उससे झगड़ा तक करने लगा, कि "तुमने मुझे ऐसा क्यों कहा?"
"ऐसी सूचना मिलने पर मूर्ख लोग अपनी गलती का सुधार तो करते नहीं, उल्टा उस सूचना देने वाले उपकारी व्यक्ति से लड़ाई झगड़ा और द्वेष भी कर लेते हैं। इसी का नाम मूर्खता है।" यह एक उदाहरण है। इसी प्रकार से पचासों उदाहरण बन सकते हैं। सब जगह आप ऐसा ही समझ लीजिएगा।
आप अपने पास पड़ोस में देखेंगे और दूर तक भी देखेंगे, तो "आपको संसार में ऐसे लोग बहुत मिलेंगे, जो दूसरों की सही सलाह / सूचना सुनकर भी दुखी हो जाते हैं। उनकी बात का बुरा मान जाते हैं। उन की निंदा चुगली करते हैं। उन पर झूठे आरोप लगाते हैं। उनके अच्छे सुझाव से लाभ नहीं उठाते नहीं, बल्कि उनके साथ लड़ाई झगड़ा और कर लेते हैं। ऐसे लोग मूर्ख कहलाते हैं।"
"और जो बुद्धिमान होते हैं, वे अपनी बनकर सुखी जीवन जी सकते हैं।"
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