लेखनी प्रतियोगिता -26-Jan-2022
*गणतंत्र को सफल बनाओ रे*
अनेकता में ऐक्य मंत्र को,
हिल- मिल सब अपनाओ रे ।
जाति-धर्म की त्याग के बातें,
गणतंत्र को सफल बनाओ रे।
1.वीर सपूतों की कुर्बानी,
ये कीमत बड़ी चुकाई है ।
जाने कितने आंगन सूने,
तब आज़ादी पाई है ।
वाणी प्रखर स्वदेशी की,
देश का मान बढ़ाओ रे ।
2. विश्व बंधुता को अपनाकर,
भारत विश्व गुरु कहलाया ।
तकनीकी विज्ञान औ शिक्षा,
प्रगति का है युग आया ।
नौनिहाल इस देश के प्यारों,
वक्त न अपना गंवाओ रे ।
3. लहर - लहर लहराए तिरंगा,
आन बान और शान रहे ।
चहुं दिशा में फैले यश,
भारत का गुणगान रहे ।
भ्रातृत्व भाव समरसता से,
आगे कदम बढ़ाओ रे ।
स्वरचित , मौलिक रचना
©रचनाकार
डॉ. दीप्ति गौड़ "दीप"
कवयित्री , शिक्षिका, ग्वालियर मध्यप्रदेश
(वर्ल्ड रिकॉर्ड पार्टिसिपेंट)
सर्वांगीण दक्षता हेतु राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली की ओर से भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति महामहिम स्व. डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्मृति स्वर्ण पदक,विशिष्ट प्रतिभा सम्पन्न शिक्षक के रूप में राज्यपाल अवार्ड से सम्मानित।
Seema Priyadarshini sahay
27-Jan-2022 10:05 PM
बहुत खूबसूरत
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Shrishti pandey
27-Jan-2022 08:26 AM
Nice
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Sudhanshu pabdey
27-Jan-2022 06:37 AM
Very nice
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